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शनिवार, 1 अगस्त 2020

टिकटॉक को लेकर अमेरिका में भी घमासान; सऊदी अरामको को पीछे छोड़ एपल सबसे बड़ी कंपनी बनी; सुशांत की बहन बोलीं- मेरे भाई का कोई गॉडफादर नहीं था

आज रविवार का दिन है और तारीख 2 अगस्त है। महीने की शुरुआत ईद के त्यौहार की खुशखबरी के साथ हुई है तो इसी महीने 5 तारीख को अयोध्या में मंदिर निर्माण की नींव रखी जाएगी। सोमवार को रक्षाबंधन भी है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि अगस्त महीना शानदार गुजरे, कोरोना के प्रकोप से राहत मिले और जिंदगी फिर ढर्रे पर चल पड़े।

इन सबके साथ अब आगे बढ़ते हैं और ऐसी खबरों की ओर चलते हैं, जिन्होंने ईद के दिन भी हलचल बनाए रखी। एक तरफ टिकटॉक को लेकर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं तो राजस्थान का सियासी नाटक जैसलमेर पहुंच चुका है। सुशांत की बहन ने प्रधानमंत्री से न्याय की अपील की। कभी हमेशा चर्चित रहने वाले अमर सिंह भी नहीं रहे।

पहले बात करते हैं टिकटॉक की। ऐसा लगता है कि टिकटॉक हमेशा बज में बना रहेगा और कोई न कोई धुन बजती ही रहेगी। अब, एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टिकटॉक को बैन करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने की बात कर रही है। अगर बिल गेट्स टिकटॉक को खरीदते हैं तो टिकटॉक फायदे में रह सकती है और उसे दूसरे देशों में भी कारोबार करने में आसानी हो जाएगी।
बैन से बचने की टिकटॉक रणनीति
भारत के बाद अमेरिका की भी टिकटॉक पर सख्ती

अगर आप इतने दिनों से राजस्थान की राजनीति से ऊब चुके हैं तो आज जोड़तोड़ की इस राजनीति से विराम लेते हैं लेकिन सुशांत सिंह राजपूत से जुड़ी खबरों का अपडेट आपको जरूर देना चाहेंगे। सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने प्रधानमंत्री के नाम पर लिखा- ‘मैं सुशांत सिंह राजपूत की बहन हूं और मैं पूरे मामले की तत्काल जांच का अनुरोध करती हूं। हम भारत की न्याय व्यवस्था में विश्वास करते हैं और किसी भी कीमत पर न्याय की उम्मीद करते हैं।’ कंगना ने एक बार फिर लोगों को निशाने पर लिया है।
बॉलीवुड में मेरे भाई का कोई गॉडफादर नहीं था

अब हम एक ऐसे शख्स की बात करते हैं जो हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चाओं में बने रहते थे। शनिवार को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हम बात कर रहे हैं अमर सिंह जो कभी मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे। छह महीने से सिंगापुर में उनका किडनी का इलाज चल रहा था। अमर 2002 और 2008 में भी राज्यसभा के लिए चुने गए। अमिताभ बच्चन परिवार से भी अमर के बेहद करीबी रिश्ते रहे।
पूरी खबर पढ़े
आपके परिवार को भला-बुरा कहा, इसका अफसोस है

बिजनेस की दुनिया की तरफ तरफ चलें तो कोरोना टाइम में टेक कंपनियों को जलवा बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को तिमाही नतीजे में एपल, फेसबुक, गूगल और अमेजन ने रिकॉर्ड प्रॉफिट की घोषणा की तो शनिवार को एपल ने एक और नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। सऊदी अरामको को पीछे छोड़कर एपल अब दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कुछ समय पहले ही सऊदी अरामको दुनिया में सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आई थी। रिलायंस के साथ भी कंपनी की डील पटरी पर दौड़ती नजर नहीं आ रही है।
मोस्ट वैल्यूएबल कंपनी बनी एपल

पर्सनल फाइनेंस की बात करें तो सोमवार से गाेल्ड में निवेश करने का आपके पास मौका है। निवेश और सेविंग जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख थी। जाहिर है आप भी इस काम को निपटा चुके होंगे लेकिन आज रविवार है और आपके पास बचत के बारे में सोचने का वक्त थोड़ा ज्यादा होगा तो पीएफ से जुड़ी इस खबर को भी जरूर पढ़े।

अनुमानित कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर आपके रिटायरमेंट में 30 साल का समय बाकी है और अभी आप पीएफ अकाउंट से 1 लाख रुपए निकालते हैं तो ​इससे आपके रिटायरमेंट फंड पर 11.55 लाख रुपए का असर पड़ेगा।
बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही PF अकाउंट से निकालें पैसा

3 अगस्त से सॉवरेन गोल्ड बांड में लगाइए पैसा

अब एक ग्राउंड रिपोर्ट की ओर चलते हैं और बात करते हैं ऐसे बच्चों की जो सीखने और पढ़ने की धुन में कोरोना काे मात दे रहे हैं। कश्मीर में ज्यादातर बच्चों के पास न तो मोबाइल है और न ही उनके घर तक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच है। अधिकतर पैरेंट्स मोबाइल खरीदना अफोर्ड नहीं कर सकते थे, लेकिन बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में व्यवधान न पहुंचे, इसके लिए ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल शुरू किया गया। अकेले बडगाम के ऐसे स्कूलों में 8,000 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे तो शुरू किया नए स्टाइल का स्कूल

चलते-चलते देखते हैं रविवार का दिन आपके लिए कैसा रहने वाला है-

रविवार, 2 अगस्त का मूलांक 2, भाग्यांक 5, दिन अंक 1, 4, मासांक 8 और चलित अंक 1, 4 है। न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के अनुसार अंक 1 की अंक 4 के साथ विरोधी युति और अंक 8 के साथ परस्पर प्रबल विरोधी युति बनी हुई है। अंक 2 की अंक 1, 4 के साथ प्रबल मित्र युति और अंक 5 की अंक 1, 4 के साथ मित्र युति बनी हुई है।

व्यापारियों को लाभ मिलने के योग हैं

रविवार, 2 अगस्त 2020 को टैरो राशिफल के मुताबिक 12 में 8 राशियों के लिए दिन कई मामलों में बड़ी उपलब्धि वाला हो सकता है। कुछ लोगों के लिए दिन किसी पुरानी इच्छा के पूरा होने का है। कुछ लोगों के लिए अपने काम के मामले में सबसे आगे रहने का समय है

संडे टैरो होरोस्कोप



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Apple became the largest company in the US with regard to Tittock, surpassing Saudi Aramco; Sushant's sister said - Amar Singh is no more if my brother had no godfather


from Dainik Bhaskar

टिकटॉक को लेकर अमेरिका में भी घमासान; सऊदी अरामको को पीछे छोड़ एपल सबसे बड़ी कंपनी बनी; सुशांत की बहन बोलीं- मेरे भाई का कोई गॉडफादर नहीं था

आज रविवार का दिन है और तारीख 2 अगस्त है। महीने की शुरुआत ईद के त्यौहार की खुशखबरी के साथ हुई है तो इसी महीने 5 तारीख को अयोध्या में मंदिर निर्माण की नींव रखी जाएगी। सोमवार को रक्षाबंधन भी है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि अगस्त महीना शानदार गुजरे, कोरोना के प्रकोप से राहत मिले और जिंदगी फिर ढर्रे पर चल पड़े।

इन सबके साथ अब आगे बढ़ते हैं और ऐसी खबरों की ओर चलते हैं, जिन्होंने ईद के दिन भी हलचल बनाए रखी। एक तरफ टिकटॉक को लेकर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं तो राजस्थान का सियासी नाटक जैसलमेर पहुंच चुका है। सुशांत की बहन ने प्रधानमंत्री से न्याय की अपील की। कभी हमेशा चर्चित रहने वाले अमर सिंह भी नहीं रहे।

पहले बात करते हैं टिकटॉक की। ऐसा लगता है कि टिकटॉक हमेशा बज में बना रहेगा और कोई न कोई धुन बजती ही रहेगी। अब, एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टिकटॉक को बैन करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने की बात कर रही है। अगर बिल गेट्स टिकटॉक को खरीदते हैं तो टिकटॉक फायदे में रह सकती है और उसे दूसरे देशों में भी कारोबार करने में आसानी हो जाएगी।
बैन से बचने की टिकटॉक रणनीति
भारत के बाद अमेरिका की भी टिकटॉक पर सख्ती

अगर आप इतने दिनों से राजस्थान की राजनीति से ऊब चुके हैं तो आज जोड़तोड़ की इस राजनीति से विराम लेते हैं लेकिन सुशांत सिंह राजपूत से जुड़ी खबरों का अपडेट आपको जरूर देना चाहेंगे। सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने प्रधानमंत्री के नाम पर लिखा- ‘मैं सुशांत सिंह राजपूत की बहन हूं और मैं पूरे मामले की तत्काल जांच का अनुरोध करती हूं। हम भारत की न्याय व्यवस्था में विश्वास करते हैं और किसी भी कीमत पर न्याय की उम्मीद करते हैं।’ कंगना ने एक बार फिर लोगों को निशाने पर लिया है।
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अब हम एक ऐसे शख्स की बात करते हैं जो हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चाओं में बने रहते थे। शनिवार को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हम बात कर रहे हैं अमर सिंह जो कभी मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे। छह महीने से सिंगापुर में उनका किडनी का इलाज चल रहा था। अमर 2002 और 2008 में भी राज्यसभा के लिए चुने गए। अमिताभ बच्चन परिवार से भी अमर के बेहद करीबी रिश्ते रहे।
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आपके परिवार को भला-बुरा कहा, इसका अफसोस है

बिजनेस की दुनिया की तरफ तरफ चलें तो कोरोना टाइम में टेक कंपनियों को जलवा बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को तिमाही नतीजे में एपल, फेसबुक, गूगल और अमेजन ने रिकॉर्ड प्रॉफिट की घोषणा की तो शनिवार को एपल ने एक और नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। सऊदी अरामको को पीछे छोड़कर एपल अब दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कुछ समय पहले ही सऊदी अरामको दुनिया में सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आई थी। रिलायंस के साथ भी कंपनी की डील पटरी पर दौड़ती नजर नहीं आ रही है।
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3 अगस्त से सॉवरेन गोल्ड बांड में लगाइए पैसा

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बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे तो शुरू किया नए स्टाइल का स्कूल

चलते-चलते देखते हैं रविवार का दिन आपके लिए कैसा रहने वाला है-

रविवार, 2 अगस्त का मूलांक 2, भाग्यांक 5, दिन अंक 1, 4, मासांक 8 और चलित अंक 1, 4 है। न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के अनुसार अंक 1 की अंक 4 के साथ विरोधी युति और अंक 8 के साथ परस्पर प्रबल विरोधी युति बनी हुई है। अंक 2 की अंक 1, 4 के साथ प्रबल मित्र युति और अंक 5 की अंक 1, 4 के साथ मित्र युति बनी हुई है।

व्यापारियों को लाभ मिलने के योग हैं

रविवार, 2 अगस्त 2020 को टैरो राशिफल के मुताबिक 12 में 8 राशियों के लिए दिन कई मामलों में बड़ी उपलब्धि वाला हो सकता है। कुछ लोगों के लिए दिन किसी पुरानी इच्छा के पूरा होने का है। कुछ लोगों के लिए अपने काम के मामले में सबसे आगे रहने का समय है

संडे टैरो होरोस्कोप



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गणेशोत्सव की तैयारी शुरू; बेंगलुरू में भगवान की मूर्ति को डॉ. के वेशभूषे में सजाया, ईद-उल-अजहा: नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक

देशभर में 22 अगस्त से गणेशोत्सव शुरू होगा। इसकी तैयारी तेज हो गई हैं। यह कोरोना काल है। इसलिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के मूर्तिकारों ने इस बार भगवान गणेश की मूर्ति को डॉक्टर के वेशभूषा से सजाया है। दृश्य ऐसा है कि डॉक्टर बने गणेश जी पीपीई किट पहनकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं बगल में उनकी मदद के लिए मूषकराज खड़े हैं, जिनके हाथ में डॉक्टरों के टूल्स की ट्रे है।

नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक

भोपाल समेत देशभर में शनिवार को त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा सादगी के साथ मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने घरों में नमाज अदाकर कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी। कुर्बानी भी घरों में रहकर ही दी गई। इस बार लोग एक-दूसरे के गले नहीं मिले, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए दूर से ही मुबारकबाद दी।

मरीजों के बीच डांस करती पहुंची नर्स

फोटो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की है। अस्पताल में 400 मरीजों के बीच जब पहली बार ड्यूटी करने डांस करते ये नर्सें वार्ड में पहुंचीं और मरीजों से बोलीं- कोरोना से डरो ना, हम हैं ना

नींव पूजन से पहले अयोध्या में भव्य सजावट

प्रभु राम के आने की सूचना पर अयोध्या की शोभा काफी बढ़ गई। शीतल और सुगंधित वायु मंद-मंद बहने लगी। सरयू का जल अति निर्मल हो गया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नींव पूजन से पहले अयोध्या में भव्य सजावट की जा रही है। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा है। शनिवार रात की यह फोटो राम की पैड़ी की है।

2.43 लाख रुपए और 95 डॉलर से शृंगार

चिमटी भभूत में है खजाना कुबेर का, भगवान शिव के भजन की यह पंक्ति आज शहर के गौरीशंकर महादेव मंदिर शिवबाग में चरिर्ताथ हुई। श्रावण मास का शनिवार और प्रदोष होने के उपलक्ष्य में शिवभक्तों ने राजस्थान के नागौर में भगवान भाेले का नोटों से शृंगार किया। इन दिनों भगवान का नित्य नया शृंगार किया जा रहा है। शनिवार को दो हजार, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और एक के नोटों व डॉलर से शृंगार किया। 2.43 लाख रुपए और 95 डॉलर से गौरीशंकर महादेव का श्रृंगार किया गया।

वन विभाग को सौंपा पक्षी

राजस्थान के लंगेरा गांव की कोजाणियों की ढ़ाणी में पर्यावरण प्रेमी नरपत सिंह लंगेरा ने एक घायल उल्लू देखा। इसके बाद उन्होंने उल्लू का अपने स्तर पर प्राथमिक उपचार करने के साथ पानी भी पिलाया। उल्लू की जान बचाने के बाद वन विभाग बाड़मेर में स्थित रेस्क्यू सेंटर पर पहुंचाया।
अच्छे मौसम के चलते चारों ओर हरियाली

फोटो एशियाई सिंहवंश की शरणस्थली गिर अभयारण्य का है। यहां अच्छे मानसून के चलते चारों ओर हरियाली की‌ चादर पसरी हुई है। सिंहवंश का एक‌ समूह अभयारण्य के खुले मैदानी क्षेत्र में अठखेलियां कर रहा है। सासणगिर के डिप्टी कंजरवेटर, फॉरेस्ट ने वनराज समूह का यह फोटो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा है कि गिर में सिंहवंश का कुनबा 674 हो गया है। मानसून में जलभराव-बाढ़ की समस्या तथा घास वाले इलाकों में मच्छरों से बचने के लिए सिंहवंश समूह ऊंचाई वाले और पर्वतीय इलाके में पड़ाव डाल देते हैं।

सावन तो नहीं बरसा, पर मन मयूर नाचे

फोटो राजस्थान के बीकानेर की है। सावन आते ही झूले लग जाते हैं। भले ही अब परंपरागत झूलों का आनंद लेना लोगों ने कम कर दिया। बच्चे-महिलाएं पेड़ों की टहनियों से झूले बांधकर आनंद लेते हैं। हालांकि इस बार शहर में सावन नहीं बरसा। मेडिकल कॉलेज के पास झूलों का आनंद लेते बच्चे।



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Preparations begin for Ganeshotsav; Idol of God in Bengaluru decorated in Dr.'s costume


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टिकटॉक को लेकर अमेरिका में भी घमासान; सऊदी अरामको को पीछे छोड़ एपल सबसे बड़ी कंपनी बनी; सुशांत की बहन बोलीं- मेरे भाई का कोई गॉडफादर नहीं था

आज रविवार का दिन है और तारीख 2 अगस्त है। महीने की शुरुआत ईद के त्यौहार की खुशखबरी के साथ हुई है तो इसी महीने 5 तारीख को अयोध्या में मंदिर निर्माण की नींव रखी जाएगी। सोमवार को रक्षाबंधन भी है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि अगस्त महीना शानदार गुजरे, कोरोना के प्रकोप से राहत मिले और जिंदगी फिर ढर्रे पर चल पड़े।

इन सबके साथ अब आगे बढ़ते हैं और ऐसी खबरों की ओर चलते हैं, जिन्होंने ईद के दिन भी हलचल बनाए रखी। एक तरफ टिकटॉक को लेकर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं तो राजस्थान का सियासी नाटक जैसलमेर पहुंच चुका है। सुशांत की बहन ने प्रधानमंत्री से न्याय की अपील की। कभी हमेशा चर्चित रहने वाले अमर सिंह भी नहीं रहे।

पहले बात करते हैं टिकटॉक की। ऐसा लगता है कि टिकटॉक हमेशा बज में बना रहेगा और कोई न कोई धुन बजती ही रहेगी। अब, एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टिकटॉक को बैन करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने की बात कर रही है। अगर बिल गेट्स टिकटॉक को खरीदते हैं तो टिकटॉक फायदे में रह सकती है और उसे दूसरे देशों में भी कारोबार करने में आसानी हो जाएगी।
बैन से बचने की टिकटॉक रणनीति
भारत के बाद अमेरिका की भी टिकटॉक पर सख्ती

अगर आप इतने दिनों से राजस्थान की राजनीति से ऊब चुके हैं तो आज जोड़तोड़ की इस राजनीति से विराम लेते हैं लेकिन सुशांत सिंह राजपूत से जुड़ी खबरों का अपडेट आपको जरूर देना चाहेंगे। सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने प्रधानमंत्री के नाम पर लिखा- ‘मैं सुशांत सिंह राजपूत की बहन हूं और मैं पूरे मामले की तत्काल जांच का अनुरोध करती हूं। हम भारत की न्याय व्यवस्था में विश्वास करते हैं और किसी भी कीमत पर न्याय की उम्मीद करते हैं।’ कंगना ने एक बार फिर लोगों को निशाने पर लिया है।
बॉलीवुड में मेरे भाई का कोई गॉडफादर नहीं था

अब हम एक ऐसे शख्स की बात करते हैं जो हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चाओं में बने रहते थे। शनिवार को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हम बात कर रहे हैं अमर सिंह जो कभी मुलायम सिंह के बेहद करीबी थे। छह महीने से सिंगापुर में उनका किडनी का इलाज चल रहा था। अमर 2002 और 2008 में भी राज्यसभा के लिए चुने गए। अमिताभ बच्चन परिवार से भी अमर के बेहद करीबी रिश्ते रहे।
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आपके परिवार को भला-बुरा कहा, इसका अफसोस है

बिजनेस की दुनिया की तरफ तरफ चलें तो कोरोना टाइम में टेक कंपनियों को जलवा बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को तिमाही नतीजे में एपल, फेसबुक, गूगल और अमेजन ने रिकॉर्ड प्रॉफिट की घोषणा की तो शनिवार को एपल ने एक और नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। सऊदी अरामको को पीछे छोड़कर एपल अब दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कुछ समय पहले ही सऊदी अरामको दुनिया में सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आई थी। रिलायंस के साथ भी कंपनी की डील पटरी पर दौड़ती नजर नहीं आ रही है।
मोस्ट वैल्यूएबल कंपनी बनी एपल

पर्सनल फाइनेंस की बात करें तो सोमवार से गाेल्ड में निवेश करने का आपके पास मौका है। निवेश और सेविंग जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन के लिए 31 जुलाई आखिरी तारीख थी। जाहिर है आप भी इस काम को निपटा चुके होंगे लेकिन आज रविवार है और आपके पास बचत के बारे में सोचने का वक्त थोड़ा ज्यादा होगा तो पीएफ से जुड़ी इस खबर को भी जरूर पढ़े।

अनुमानित कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर आपके रिटायरमेंट में 30 साल का समय बाकी है और अभी आप पीएफ अकाउंट से 1 लाख रुपए निकालते हैं तो ​इससे आपके रिटायरमेंट फंड पर 11.55 लाख रुपए का असर पड़ेगा।
बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही PF अकाउंट से निकालें पैसा

3 अगस्त से सॉवरेन गोल्ड बांड में लगाइए पैसा

अब एक ग्राउंड रिपोर्ट की ओर चलते हैं और बात करते हैं ऐसे बच्चों की जो सीखने और पढ़ने की धुन में कोरोना काे मात दे रहे हैं। कश्मीर में ज्यादातर बच्चों के पास न तो मोबाइल है और न ही उनके घर तक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच है। अधिकतर पैरेंट्स मोबाइल खरीदना अफोर्ड नहीं कर सकते थे, लेकिन बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में व्यवधान न पहुंचे, इसके लिए ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल शुरू किया गया। अकेले बडगाम के ऐसे स्कूलों में 8,000 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे तो शुरू किया नए स्टाइल का स्कूल

चलते-चलते देखते हैं रविवार का दिन आपके लिए कैसा रहने वाला है-

रविवार, 2 अगस्त का मूलांक 2, भाग्यांक 5, दिन अंक 1, 4, मासांक 8 और चलित अंक 1, 4 है। न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के अनुसार अंक 1 की अंक 4 के साथ विरोधी युति और अंक 8 के साथ परस्पर प्रबल विरोधी युति बनी हुई है। अंक 2 की अंक 1, 4 के साथ प्रबल मित्र युति और अंक 5 की अंक 1, 4 के साथ मित्र युति बनी हुई है।

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संडे टैरो होरोस्कोप



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आज रविवार का दिन है और तारीख 2 अगस्त है। महीने की शुरुआत ईद के त्यौहार की खुशखबरी के साथ हुई है तो इसी महीने 5 तारीख को अयोध्या में मंदिर निर्माण की नींव रखी जाएगी। सोमवार को रक्षाबंधन भी है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि अगस्त महीना शानदार गुजरे, कोरोना के प्रकोप से राहत मिले और जिंदगी फिर ढर्रे पर चल पड़े।

इन सबके साथ अब आगे बढ़ते हैं और ऐसी खबरों की ओर चलते हैं, जिन्होंने ईद के दिन भी हलचल बनाए रखी। एक तरफ टिकटॉक को लेकर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं तो राजस्थान का सियासी नाटक जैसलमेर पहुंच चुका है। सुशांत की बहन ने प्रधानमंत्री से न्याय की अपील की। कभी हमेशा चर्चित रहने वाले अमर सिंह भी नहीं रहे।

पहले बात करते हैं टिकटॉक की। ऐसा लगता है कि टिकटॉक हमेशा बज में बना रहेगा और कोई न कोई धुन बजती ही रहेगी। अब, एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टिकटॉक को बैन करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने की बात कर रही है। अगर बिल गेट्स टिकटॉक को खरीदते हैं तो टिकटॉक फायदे में रह सकती है और उसे दूसरे देशों में भी कारोबार करने में आसानी हो जाएगी।
बैन से बचने की टिकटॉक रणनीति
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बिजनेस की दुनिया की तरफ तरफ चलें तो कोरोना टाइम में टेक कंपनियों को जलवा बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को तिमाही नतीजे में एपल, फेसबुक, गूगल और अमेजन ने रिकॉर्ड प्रॉफिट की घोषणा की तो शनिवार को एपल ने एक और नया रिकॉर्ड कायम कर दिया। सऊदी अरामको को पीछे छोड़कर एपल अब दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कुछ समय पहले ही सऊदी अरामको दुनिया में सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आई थी। रिलायंस के साथ भी कंपनी की डील पटरी पर दौड़ती नजर नहीं आ रही है।
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अनुमानित कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर आपके रिटायरमेंट में 30 साल का समय बाकी है और अभी आप पीएफ अकाउंट से 1 लाख रुपए निकालते हैं तो ​इससे आपके रिटायरमेंट फंड पर 11.55 लाख रुपए का असर पड़ेगा।
बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही PF अकाउंट से निकालें पैसा

3 अगस्त से सॉवरेन गोल्ड बांड में लगाइए पैसा

अब एक ग्राउंड रिपोर्ट की ओर चलते हैं और बात करते हैं ऐसे बच्चों की जो सीखने और पढ़ने की धुन में कोरोना काे मात दे रहे हैं। कश्मीर में ज्यादातर बच्चों के पास न तो मोबाइल है और न ही उनके घर तक मोबाइल नेटवर्क की पहुंच है। अधिकतर पैरेंट्स मोबाइल खरीदना अफोर्ड नहीं कर सकते थे, लेकिन बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में व्यवधान न पहुंचे, इसके लिए ओपन एयर कम्युनिटी स्कूल शुरू किया गया। अकेले बडगाम के ऐसे स्कूलों में 8,000 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे तो शुरू किया नए स्टाइल का स्कूल

चलते-चलते देखते हैं रविवार का दिन आपके लिए कैसा रहने वाला है-

रविवार, 2 अगस्त का मूलांक 2, भाग्यांक 5, दिन अंक 1, 4, मासांक 8 और चलित अंक 1, 4 है। न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के अनुसार अंक 1 की अंक 4 के साथ विरोधी युति और अंक 8 के साथ परस्पर प्रबल विरोधी युति बनी हुई है। अंक 2 की अंक 1, 4 के साथ प्रबल मित्र युति और अंक 5 की अंक 1, 4 के साथ मित्र युति बनी हुई है।

व्यापारियों को लाभ मिलने के योग हैं

रविवार, 2 अगस्त 2020 को टैरो राशिफल के मुताबिक 12 में 8 राशियों के लिए दिन कई मामलों में बड़ी उपलब्धि वाला हो सकता है। कुछ लोगों के लिए दिन किसी पुरानी इच्छा के पूरा होने का है। कुछ लोगों के लिए अपने काम के मामले में सबसे आगे रहने का समय है

संडे टैरो होरोस्कोप



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Apple became the largest company in the US with regard to Tittock, surpassing Saudi Aramco; Sushant's sister said - Amar Singh is no more if my brother had no godfather


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गणेशोत्सव की तैयारी शुरू; बेंगलुरू में भगवान की मूर्ति को डॉ. के वेशभूषे में सजाया, ईद-उल-अजहा: नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक

देशभर में 22 अगस्त से गणेशोत्सव शुरू होगा। इसकी तैयारी तेज हो गई हैं। यह कोरोना काल है। इसलिए कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू के मूर्तिकारों ने इस बार भगवान गणेश की मूर्ति को डॉक्टर के वेशभूषा से सजाया है। दृश्य ऐसा है कि डॉक्टर बने गणेश जी पीपीई किट पहनकर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं बगल में उनकी मदद के लिए मूषकराज खड़े हैं, जिनके हाथ में डॉक्टरों के टूल्स की ट्रे है।

नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक

भोपाल समेत देशभर में शनिवार को त्याग और बलिदान का पर्व ईद-उल-अजहा सादगी के साथ मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने घरों में नमाज अदाकर कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी। कुर्बानी भी घरों में रहकर ही दी गई। इस बार लोग एक-दूसरे के गले नहीं मिले, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए दूर से ही मुबारकबाद दी।

मरीजों के बीच डांस करती पहुंची नर्स

फोटो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की है। अस्पताल में 400 मरीजों के बीच जब पहली बार ड्यूटी करने डांस करते ये नर्सें वार्ड में पहुंचीं और मरीजों से बोलीं- कोरोना से डरो ना, हम हैं ना

नींव पूजन से पहले अयोध्या में भव्य सजावट

प्रभु राम के आने की सूचना पर अयोध्या की शोभा काफी बढ़ गई। शीतल और सुगंधित वायु मंद-मंद बहने लगी। सरयू का जल अति निर्मल हो गया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के नींव पूजन से पहले अयोध्या में भव्य सजावट की जा रही है। पूरा शहर रोशनी से जगमगा रहा है। शनिवार रात की यह फोटो राम की पैड़ी की है।

2.43 लाख रुपए और 95 डॉलर से शृंगार

चिमटी भभूत में है खजाना कुबेर का, भगवान शिव के भजन की यह पंक्ति आज शहर के गौरीशंकर महादेव मंदिर शिवबाग में चरिर्ताथ हुई। श्रावण मास का शनिवार और प्रदोष होने के उपलक्ष्य में शिवभक्तों ने राजस्थान के नागौर में भगवान भाेले का नोटों से शृंगार किया। इन दिनों भगवान का नित्य नया शृंगार किया जा रहा है। शनिवार को दो हजार, 500, 200, 100, 50, 20, 10, 5, 2 और एक के नोटों व डॉलर से शृंगार किया। 2.43 लाख रुपए और 95 डॉलर से गौरीशंकर महादेव का श्रृंगार किया गया।

वन विभाग को सौंपा पक्षी

राजस्थान के लंगेरा गांव की कोजाणियों की ढ़ाणी में पर्यावरण प्रेमी नरपत सिंह लंगेरा ने एक घायल उल्लू देखा। इसके बाद उन्होंने उल्लू का अपने स्तर पर प्राथमिक उपचार करने के साथ पानी भी पिलाया। उल्लू की जान बचाने के बाद वन विभाग बाड़मेर में स्थित रेस्क्यू सेंटर पर पहुंचाया।
अच्छे मौसम के चलते चारों ओर हरियाली

फोटो एशियाई सिंहवंश की शरणस्थली गिर अभयारण्य का है। यहां अच्छे मानसून के चलते चारों ओर हरियाली की‌ चादर पसरी हुई है। सिंहवंश का एक‌ समूह अभयारण्य के खुले मैदानी क्षेत्र में अठखेलियां कर रहा है। सासणगिर के डिप्टी कंजरवेटर, फॉरेस्ट ने वनराज समूह का यह फोटो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा है कि गिर में सिंहवंश का कुनबा 674 हो गया है। मानसून में जलभराव-बाढ़ की समस्या तथा घास वाले इलाकों में मच्छरों से बचने के लिए सिंहवंश समूह ऊंचाई वाले और पर्वतीय इलाके में पड़ाव डाल देते हैं।

सावन तो नहीं बरसा, पर मन मयूर नाचे

फोटो राजस्थान के बीकानेर की है। सावन आते ही झूले लग जाते हैं। भले ही अब परंपरागत झूलों का आनंद लेना लोगों ने कम कर दिया। बच्चे-महिलाएं पेड़ों की टहनियों से झूले बांधकर आनंद लेते हैं। हालांकि इस बार शहर में सावन नहीं बरसा। मेडिकल कॉलेज के पास झूलों का आनंद लेते बच्चे।



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Preparations begin for Ganeshotsav; Idol of God in Bengaluru decorated in Dr.'s costume


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/preparations-begin-for-ganeshotsav-idol-of-god-in-bengaluru-decorated-in-drs-costume-127576497.html

गणेशोत्सव की तैयारी शुरू; बेंगलुरू में भगवान की मूर्ति को डॉ. के वेशभूषे में सजाया, ईद-उल-अजहा: नहीं मिले गले, फासले से बोले- ईद मुबारक #wanitaxigo


शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

कांग्रेस नेतृत्व का मुद्दा अर्थहीन नाटक बनता जा रहा, राहुल की हार ने ही कांग्रेस के अवसर खत्म कर दिए थे

कांग्रेस नेतृत्व का मुद्दा एक अर्थहीन नाटक बनता जा रहा है। अंतरिम एआईसीसी प्रमुख सोनिया गांधी उस पद को छोड़ने बेताब हैं, जिसपर वे 21 साल से हैं। 17 महीने कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके उनके बेटे पहले चाहते थे कि कोई गैर-गांधी यह पद संभाले, पर अब इस शर्त पर वापसी चाहते हैं कि मुख्य नियुक्तियां उनकी पसंद से हों। राहुल गांधी पार्टी की सत्ता संरचना व पदक्रम बदलने को उत्सुक हैं। हालांकि वे इस तथ्य से अनजान रहना चाहते हैं कि सार्वजनिक जीवन या राजनीति में अधिकार सफलता के साथ आता है।

पार्टी में विद्रोह के संकेत नदारद हैं

विसंगति सिर्फ गांधियों तक सीमित नहीं है। 2014 और 2019 के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी पार्टी में विद्रोह के संकेत लगभग नदारद हैं। संदीप दीक्षित, शर्मिष्ठा मुखर्जी, शशि थरूर, मिलिंद देवड़ा, जयराम रमेश और कपिल सिब्बल जैसे आदतन मतविरोधियों ने भी पार्टी की स्थिति पर चर्चा को लेकर कोई कदम नहीं उठाया। हर कोई पार्टी में नंबर दो की भूमिका की उम्मीद में लगता है।

युवाओं से उम्मीद थी। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट जैसे वंशजों ने हरा मैदान तलाशने का आसान विकल्प चुना। अब लगता है कि सिंधिया के जाने और पायलट के विद्रोह का संबंध उनसे दिसंबर 2018 में किए गए अनौपचारिक वादों को पूरा करने में गांधियों की असफलता से भी है।

उस समय सिंधिया और पायलट, दोनों आगे आकर नेतृत्व करना चाहते थे, लेकिन राहुल, प्रियंका और सोनिया ने उनकी कम उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें आगे बड़ी भूमिकाएं दी जाएंगी। लेकिन 52 सीटों और खुद राहुल की अमेठी में हार ने सबकुछ खत्म कर दिया।

टीम राहुल के कई युवा सदस्यों ने राहुल को ही हार का जिम्मेदार माना

टीम राहुल के कई युवा सदस्यों ने निजी तौर पर 2019 की हार के लिए राहुल को जिम्मेदार माना। यह दृष्टिकोण इस साधारण सूत्रीकरण पर आधारित था कि 2019 लोकसभा चुनाव मोदी और राहुल के बीच लड़े गए, जहां सिंधिया जैसे व्यक्तिगत उम्मीदवार महत्वहीन थे क्योंकि उनके कई पुराने समर्थकों ने भी मोदी को वोट दिया, चूंकि सिंधिया राहुल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस निराशाजनक पृष्ठभूमि में पुनरुत्थान के तरीके बहुत कम हैं। हालांकि पुराने तरीके अपना सकते हैं।

अगर राहुल खुलकर पार्टी अध्यक्ष के रूप में वापसी का साहस जुटा सकते हैं तो उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी और अन्य पदक्रम स्तरों के लिए चुनावों की घोषणा करनी चाहिए, ताकि हाईकमान का लोकतांत्रिक आधार बने। नए नेता को रघुराम राजन, अभिजीत बैनर्जी जैसे विशेषज्ञों का साक्षात्कार करने की बजाय जमीनी स्तर की आवाजें सुननी चाहिए।

लोकतांत्रिक पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को सुनना बंद कर दिया है। आर्टिकल 370, ट्रिपल तलाक, सीएए-एनआरसी और गलवान घाटी आदि मुद्दों पर ही पार्टी का रुख देख लीजिए। ऐसी बुदबुदाहटें और आवाजें थीं, जो ज्यादा सूक्ष्म दृष्टिकोण चाहती थीं लेकिन राहुल और सोनिया ने जिला या राज्य स्तर के पार्टी प्रतिनिधियों की बातों पर ध्यान दिए बिना अपने विचार थोपे। अपने ही कार्यकर्ताओं को न सुनना शायद पार्टी के लगातार गिरने का बड़ा कारण है।

2018 के बाद से ही एआईसीसी का सत्र नहीं हुआ

यह अजीब है कि कांग्रेस ने मार्च 2018 के बाद से एआईसीसी का सत्र आयोजित नहीं किया है, जबकि कांग्रेस संविधान के अनुसार साल में एक बार आयोजन अनिवार्य है। फैसले लेने में भी कांग्रेस पार्टी के वकीलों पर बहुत निर्भर है। ज्यादातर मुद्दों पर कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा, अभिषेक मनु सिंघवी और अन्य के भिन्न मत होते हैं।

राजस्थान संकट जैसे ज्यादातर राजनीतिक मुद्दों पर अदालत की ओर भागने का नुकसान ही हुआ है। ए.के. एंटोनी, मोतीलाल वोरा, सुशील कुमार शिंदे की समिति समस्या सुलझा सकती थी या पायलट के खिलाफ निर्णायक कदम उठा सकती थी। सोनिया के उत्तराधिकारी राहुल होने चाहिए, इसे लेकर पार्टी में लगभग सहमति को देखते हुए, पार्टी में एक त्वरित प्रतिक्रिया और शिकायत निवारण तंत्र की जरूरत है।

राहुल पर सवाल उठते रहे हैं

कांग्रेस परिवार में राहुल के अंतर्वैयक्तिक और सामाजिक कौशलों पर सवाल उठते रहे हैं। कांग्रेस को उस खबर का खंडन करना पड़ा, जिसमें बताया गया कि एनएसयूआई की बैठक में राहुल ने कथित रूप से कहा कि जो पार्टी छोड़ना चाहे, छोड़ सकता है। 2004 में कांग्रेस से जुड़ने के बाद से ही राहुल की छवि पार्टी नेताओं के प्रति कुछ उदासीन रहने की रही है।

जनवरी 2013 में जब वे एआईसीसी के उपाध्यक्ष बने, उन्होंने जयपुर में कहा कि वे ‘सब चलता है’ वाले तरीके को सहने की बजाय ‘सभी का आकलन करेंगे’ (कांग्रेस नेताओं का)। लेकिन चुनावी हारों, मतभेदों और संभावित दल-बदल का सामना कर रही पार्टी के लिए, भविष्य के कांग्रेस लीडर को क्षेत्रीय नेताओं को खुश रखना होगा और ढेरों मतभेद सहने होंगे। (ये लेखक के अपने विचार हैं)



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र‌शीद किदवई, आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के विजिटिंग फेलो और ‘सोनिया अ बायोग्राफी’ के लेखक


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बच्चे बड़े पैमाने पर वायरस कैरियर हो सकते हैं, स्कूल खोलने पर फिर छिड़ सकती है बहस

लॉकडाउन के दौर में स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर जारी चर्चा के बीच अब तक यह माना जाता रहा है कि कोरोनावायरस ने बड़ी संख्या में छोटे बच्चों को चपेट में नहीं लिया और उनसे दूसरों तक नहीं फैलता। अगर फैला भी है, तो बहुत कम। लेकिन, एक नए अध्ययन में चौंकाने वाले नतीजे मिले हैं। इसके मुताबिक, बच्चे बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस के कैरियर हो सकते हैं।

जेएएमए पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित इस अध्ययन के प्रमुख और शिकागो में एन एंड रॉबर्ट एच लॉरी चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. टेलर हेल्ड-सार्जेंट कहती हैं, ‘ऐसी कई वैज्ञानिक बारीकियां सामने आ रही हैं। अगर बच्चे बीमार या बहुत बीमार नहीं पड़ रहे हैं, तो हम यह नहीं मान सकते हैं उनमें वायरस नहीं है।’

145 लोगों के स्वाब पर अध्ययन हुआ

अध्ययन के दौरान कोरोना संक्रमित 145 लोगों के स्वाब का विश्लेषण किया गया। इनमें 46 बच्चे 5 साल से कम उम्र के, 51 बच्चे 5 से 17 साल के और 18 से 65 साल के 48 लोगों के स्वाब लिए गए। इसमें उन बच्चों को नहीं शामिल किया गया जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत थी।

ज्यादातर बच्चों में बुखार और खांसी के लक्षण थे। जांच में पता चला कि बच्चों के शरीर में अन्य लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा वायरस थे। इस खुलासे के बाद स्कूल दोबारा खोलने को लेकर नई बहस छिड़ सकती है। सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल के एक वायरोलॉजिस्ट स्टेसी शुल्ज-चेरी कहती हैं, ‘मैंने बहुत से लोगों को कहते हुए सुना है कि बच्चे अतिसंवेदनशील नहीं हैं या संक्रमित नहीं होते हैं। लेकिन यह सच नहीं है। यह शोध इस बात को समझने के लिए महत्वपूर्ण है कि संक्रमण फैलाने में बच्चे किस तरह की भूमिका निभा रहे हैं।’

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनिटोबा के वायरोलॉजिस्ट जेसन किंडरचुक ने कहा, ‘अब जब हम जुलाई के अंत में पहुंच चुके हैं और अगले महीने स्कूलों को दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में इस फैसले पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है।’

5 साल से कम के संक्रमित बच्चे के शरीर में 100 गुना ज्यादा वायरस

इस नए शोध में कहा गया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित बच्चों के नाक या गले में उतने ही वायरस होते हैं, जितने एक युवा में। यहां तक कि 5 साल से कम उम्र के बच्चे के श्वास मार्ग में युवा व्यक्ति की तुलना में 100 गुना ज्यादा वायरस हो सकते हैं। ऐसे में विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बच्चे कोरोनावायरस के एक बड़े और महत्वपूर्ण कैरियर हो सकते हैं।

- न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत



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इस नए शोध में कहा गया है कि कोरोनावायरस से संक्रमित बच्चों के नाक या गले में उतने ही वायरस होते हैं, जितने एक युवा में।


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अयोध्या में तीन घंटे रहेंगे पीएम मोदी, नेपाल सीमा तक हाई अलर्ट घोषित; प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग, प्रवेश पर पहचान पत्र की जांच की जा रही

अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक दौरे को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां चल रही हैं। वहीं, प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार आ रहे पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में तीन घंटे से ज्यादा रुक सकते हैं। इसे ध्यान में रखकर सुरक्षा और सजावट पर खास ध्यान दिया जा रहा है। माहौल को पूरी तरह धार्मिक बनाए रखने की तैयारी की गई है।

अयोध्या को जोड़ने वाले हाईवे व सड़कों पर सुरक्षा बैरिकेडिंग कर दी गई है। अयोध्या में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए परिचय पत्र की जांच अनिवार्य हो गई है। सभी संवेदनशील स्थानों, पावर हाउस, इमारतों आदि पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहें है। जिनके लिए एकीकृत कंट्रोलरूम बन रहा है। इस कंट्रोल रूम से अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी। आसमानी सुरक्षा के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं।

हनुमानगढ़ी और सरयू घाट भी जा सकते हैं मोदी

पीएम मोदी हनुमानगढ़ी और सरयू घाट पर भी जा सकते हैं। इन दोनों स्थानों के साथ नगर के मठों-मंदिरों को भी संवारा जा रहा है। उप्र के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि ‘पीएम की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

अयोध्या जिला प्रशासन ने जितनी संख्या में फोर्स और पुलिस अधिकारी मांगे हैं, उन्हें दे दिए गए हैं। अयोध्या में सात जोन बनाए गए हैं, इसमें हनुमानगढ़ी और सरयू तट जोन भी शामिल हैं। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद अयोध्या व आसपास के जिलों से नेपाल की सीमा तक हाईअलर्ट घोषित किया गया है।

पुख्ता तैयारी: पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल पहुंचे, हैलीपैड बनकर तैयार

भूमि पूजन की तैयारियां के बीच शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल अयोध्या पहुंचे। उन्होंने हनुमानगढ़ी और श्रीरामलला के दर्शन किए। राज्य के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी भी उनके साथ थे। दोनों मंत्रियों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से पर्यटन पर चर्चा की।

उप्र के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, एडीजी जोन एसएन साबत व एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पीएम के दौरे के सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। साकेत महाविद्यालय में बन रहे हेलीपैड के साथ पूरे मार्ग का निरीक्षण किया।

पहली बार: देश की आध्यात्मिक शक्तियां एकसाथ मौजूद रहेंगी

5 अगस्त को पहली बार देश की आध्यात्मिक शक्तियां एक साथ 70 एकड़ के जन्मभूमि परिसर में मौजूद होगीं। इस परिसर में भूमि पूजन के दौरान सनातन धर्म के साथ दूसरे पंथों, संप्रदायों व मजहबों के धर्मगुरू होंगे। देशभर से आने वाले धर्मगुरुओं के स्वागत के लिए बेहतरीन इंतजाम किए जा रहे हैं।

सभी के लिए उनकी प्रतिष्ठा के मुताबिक आसान दिया जाना है। विहिप के पूर्वी उप्र के संगठन मंत्री अंबरीश ने कहा कि परिसर में हर पंथ व मजहब के धर्मगुरुओं की मौजूदगी से देश के सर्वधर्म समभाव लक्ष्य साकार होगा।

उत्सव: अयोध्या में 3 अगस्त से ही घरों के बाहर लाखों दीप जलाए जाएंगे।

16 लाख लड्डू: दूतावासों में प्रसाद के तौर पर बीकानेरी लड्डू भेजे जाएंगे। चार लाख पैकेट तैयार किए गए।

भेंट: पीएम मोदी को ट्रस्ट राम और लव-कुश की प्रतिमाएं भेंट करेगा।

लंगर: लड्डू बांटने और भोजन के लिए भंडारा, लंगर लगंगेे।



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फोटो वाराणसी रेलवे स्टेशन की है। यहां से अयोध्या की ओर जाने वाली सभी वाहनों की चेकिंग हो रही है।


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दशकों सूनी रही अयोध्या की आंखों में अब रंग चमकते हैं, यहां उम्मीदों की नई बयार बहने लगी है, युवाओं को आशा- भविष्य अब बेहतर होगा

सरयू पूरे उफान पर है। प्रवाह इतना तेज और लहरों लहर फैला है कि उस पार किनारा नहीं दिखता। बचपन से सरयू किनारे ठेला लगाने वाले हों या संभावनाशील कारोबारी, उनकी आंखाें में नई चमक है।

युवाओं को साफ दिख रहा है कि मंदिर से जुड़ी राजनीति चाहे जो भी हो, अयोध्या अब हरिद्वार और तिरुपति को पीछे छोड़ने जा रही है। हालांकि, राम मंदिर के आसपास के इलाके के लोगों के चेहरों पर पुनर्निर्माण के दौरान टूट-फूट का डर भी साफ पढ़ा जा सकता है। लेकिन, नई पीढ़ी को लगता है कि उनका भविष्य बेहतर होने जा रहा है।

होटल कारोबारी के अनिल अग्रवाल कहते हैं- 2000 से ज्यादा नए होटल खुलने की संभावना तो है ही, यहां की रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ने, एयरपोर्ट बनने और पर्यटन के समृद्ध होने की अपार संभावनाएं हैं। राम नवमी या दिवाली पर यहां विश्वभर से यात्री जुटेंगे। सरयू की महिमा पहले ही इतनी है कि यहां सावन में एक-एक दिन 15-15 लाख लोग जुटते हैं। पिछले साल 2 करोड़ पर्यटक आए थे।

श्रीराम पौड़ी से नया घाट तक पूरी अयोध्या सज रही

श्रीराम पाैड़ी और नया घाट से लेकर रामलला के मंदिर तक पूरी अयोध्या सज रही है। उसकी धज पहले की तुलना में अब इतनी अलग है कि बेहद पुरानी और औसत सी लगने वाली यह धार्मिक-ऐतिहासिक नगरी अब सनातन धर्म का प्रमुख तीर्थ बनने के लिए अंगड़ाइयां तोड़ती लग रही है। हालांकि, इसमें हिंदुत्व की राजनीति भी नींव पूजन के माध्यम से नए उफान का संकेत दे रही है।

यह अयोध्या उस अवध से अलग है, जिसके बारे में कभी नजीर बनारसी ने कहा था- काली बलाएं सर पर पाले, शाम अवध की डेरा डाले, ऐसे में कौन अपने को संभाले, मेरा निवास स्थान यही है, प्यारा हिंदोस्तान यही है! अयोध्या में आप जहां भी जाएंगे, पीले रंग की पुताई का काम दिखेगा। पीले रंग वाले इन भवनों के सब दरवाजे भगवा हो रहे हैं।

बदलाव दिखने लगा है

राम की पाैड़ी, नया घाट, कनक भवन मंदिर और मुख्य मार्गों पर एक बदलाव साफ दिख रहा है। कल तक अयोध्या के जो क्षेत्र वीरान और गर्दों गुबार से ढके थे, वे अब बोलते घर हो गए हैं। ऐसे घर, जिनके आंगन में मोदी-योगी की राजनीति भी आकार लेगी! हालांकि, कोरोना के कारण सब जगह घबराहट है।

फिर भी देशभर से तीर्थ यात्री अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या से सटे फैजाबाद में राजकोट के गोविंद भाई मेहता बताते हैं कि वे बचपन से अयोध्या आ रहे हैं। पहले यह बड़ा चुप और सूना-सूना शहर था, लेकिन अब इसकी तासीर बदल रही है। वे एक कविता गुनगुनाते हैं- लौट आओ जो कभी राम की सूरत तुम तो! मन का सुनसान अवध दीप नगर हो जाए! वे कहते हैं, पूरे परिवार के साथ दीपोत्सव में दीप जलाने आए हैं। यहां लोग कहते हैं कि राम मंदिर बन जाएगा, अच्छा है।

मन की मुराद पूरी हो जाएगी, लेकिन अभी तो कोरोना के कारण अवध के चमन से चहक गायब और महक नदारद है! अलबत्ता, सियासत के दरिया में ज़रूर मौजें उठ रही हैं। खासकर भाजपा और हिंदुत्व के बादल इस सावन में गरज और बरस रहे हैं! जगह-जगह लगे बड़े-बड़े होर्डिंग इसी इबारत को बांच रहे हैं।

तिरुपति से समझिए कि एक धर्मस्थल पूरे इलाके को कैसे बदल सकता है

आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में 21 हजार कर्मचारी हैं। राेज 65 हजार श्रद्धालु आते हैं। मंदिर की धर्मशालाओं के अलावा शहर में 800 से ज्यादा होटल हैं, जो श्रद्धालुओं पर ही निर्भर हैं। इन होटलों में हजारों कर्मचारी हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 20 हजार से ज्यादा ऑटो-टैक्सियां चलती हैं।

धर्मस्थल होने की वजह से यहां दशकों से अरबों रुपयों के विकास कार्य हो चुके हैं। 1 हजार से ज्यादा दुकानें-रेस्त्रां श्रद्धालुओं के दम पर चल रही हैं। इलाके के 2 लाख परिवारों की आमदनी सीधे तौर पर श्रद्धालुओं-पर्यटकों पर निर्भर है।



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राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर पूरे अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं। पूरी अयोध्या को सजाया जा रहा है।


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ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़ा एक नया चैप्टर जोड़ा गया, पिछले साल जारी किए गए ड्राफ्ट में यह चैप्टर नहीं था

केंद्र सरकार ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी। देश की शिक्षा नीति में 34 सालों बाद यह बदलाव हुआ है। इसमें प्राइमरी एजुकेशन से लेकर रिसर्च लेवल तक के बदलाव शामिल हैं।

अब तक यही समझा जा रहा है कि 2020 में आई नई शिक्षा नीति पूरी तरह 2019 में आए ड्राफ्ट के आधार पर ही तैयार की गई है। लेकिन, यह पूरी तरह सही नहीं है। नई शिक्षा नीति पर कोविड-19 महामारी का भी असर हुआ है। ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़ा एक नया चैप्टर साल 2020 में ही जोड़ा गया है।

2019 के ड्राफ्ट में कुल 23 चैप्टर थे। जबकि बुधवार को जारी की गई नई शिक्षा नीति में 24 चैप्टर हैं। यह 24वां चैप्टर है Online and Digital Education: Ensuring Equitable Use of Technology यानी सभी के लिए तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करना।

क्या है इस नए चैप्टर में?

सरकार की तरफ से जारी किए गए नई शिक्षा नीति के आधिकारिक दस्तावेज में इस चैप्टर को लेकर लिखा है: महामारी से उपजी परिस्थितियों से यह पता चला कि शिक्षा के पारंपरिक तरीकों के अलावा हमें नए विकल्पों की भी जरूरत है, इसलिए इसे जोड़ा गया।

नई शिक्षा नीति की ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य आर.एस कुरील कहते हैं: यह चैप्टर ड्राफ्ट में नहीं था। सरकार ने बाद में महामारी से उपजी परिस्थितियों को देखते हुए इसे जोड़ा है। हालांकि, यह बदलाव वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए तो सही है ही। इसके भविष्य में भी अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

देश में डिजिटल डिवाइड है

ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिए जाने के साथ पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन एजुकेशन का हम पूरी तरह फायदा तब तक नहीं उठा सकते, जब तक देश में डिजिटल डिवाइड है। डिजिटल डिवाइड से सीधा मतलब है अधिकतर लोगों के पास ऑनलाइन एजुकेशन के लिए संसाधन उपलब्ध न होना।

सात चरणों में तैयार होगा ऑनलाइन एजुकेशन का ढांचा

  • ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़े इस नए चैप्टर में सात चरणों के बारे में बताया गया है। जिनके तहत देश में ऑनलाइन एजुकेशन का ढांचा तैयार किया जाएगा।
  • NETF, CIET, NIOS, IGNOU, IITs, NITs के जरिए ऑनलाइन एजुकेशन के पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
  • देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।
  • SWAYAM, DIKSHA जैसे ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स को पहले से ज्यादा यूजर फ्रेंडली बनाया जाएगा।
  • डिजिटल कंटेंट का एक बड़ा भंडार तैयार किया जाएगा। जिसमें नए कोर्स-वर्क, लर्निंग गेम्स आदि डेवलप किए जाएंगे।
  • डिजिटल डिवाइड को देखते हुए टेलीविजन, रेडियो और कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से भी ई-लर्निंग कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
  • DIKSHA, SWAYAM और SWAYAMPRABHA जैसे ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए वर्चुअल लैब तैयार होंगे। जिनसे ऑनलाइन ही स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल और एक्सपेरिमेंट्स भी कर सकें।
  • टीचर्स को सिखाया जाएगा कि वे किस एक ऑनलाइन एजुकेशन के लिए कंटेंट क्रिएटर बन सकते हैं।

एक्सपर्ट की राय



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Impact of Covid-19 on National education policy, new chapter related to online education added, this chapter was not in the draft released last year.


from Dainik Bhaskar

कोरोना के चलते भारत में 24 करोड़ स्कूली बच्चे घर पर कर रहे पढ़ाई, लेकिन कई परिवारों के पास स्मार्टफोन खरीदने के नहीं हैं पैसे, इंटरनेट भी नहीं

भारत में स्कूल बंद होने के कारण बच्चे स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन कई ऐसे परिवार हैं जिनके पास स्मार्टफोन खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। यही नहीं धीमा इंटरनेट भी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई में बाधा बन रहा है। कोरोना के चलते भारत में करीब 24 करोड़ स्कूली बच्चे घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

पालमपुर के किसान कुलदीप कुमार ने अपनी गाय बेचकर स्मार्टफोन खरीदा ताकि उनके बच्चे ऑनलाइन क्लास में हिस्सा ले सकें। पिछले चार महीनों से लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद है। कुमार के ऊपर पहले से ही कर्ज था और गाय ही उनकी एकमात्र संपत्ति थी। पिछले हफ्ते उन्होंने इस गाय को 6,000 रुपए में बेच दिया और करीब-करीब पूरा पैसा स्मार्टफोन में लग गया।

कुमार रॉयटर्स से बातचीत में कहते हैं, "मेरे पड़ोसी के पास स्मार्टफोन है, लेकिन मेरे बच्चे हर दिन वहां जाने के खिलाफ हैं, मैं उनकी पढ़ाई को लेकर चिंतित था, इसलिए मैंने गाय बेच दी।' चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार है। भारत में करीब एक अरब आबादी के पास ऐसे फोन हैं जो इंटरनेट की सुविधा से लैस हैं।

कुमार और उनकी पत्नी के लिए स्मार्टफोन एक नई चीज है। ना ही कुमार और ना ही उनकी पत्नी कभी ऑनलाइन हुए हैं और इसलिए उनके बच्चे ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्कूल बंद होने के चलते बच्चों के लिए इंटरनेट सबसे अहम

स्कूल बंद होने के कारण इंटरनेट तक पहुंच बच्चों के लिए सबसे अहम चीज हो गई है, जिससे वे अपनी पढ़ाई से जुड़े रहें। इसी वजह से कई गरीब या कम आय वाले परिवार सस्ता या फिर सेकंड हैंड स्मार्टफोन खरीद रहे हैं। भारत में करीब 24 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनकी वजह से कम कीमत वाले स्मार्टफोन की बिक्री और बढ़ सकती है। उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में इस्तेमाल हो चुके हैंडसेट की बिक्री बढ़ी है।

टीचर स्मार्टफोन डोनेट करने की अपील कर रहे हैं

पुणे के एक शिक्षक नागनाथ विभूते ने अपने ब्लॉग के जरिए लोगों से इस्तेमाल किए हुए स्मार्टफोन दान करने की अपील की, जिसका इस्तेमाल ऐसे बच्चे कर सकें जो गरीब परिवार से आते हैं।

गांवों में इंटरनेट की धीमी स्पीड बच्चों के लिए मुसीबत से कम नहीं

शिक्षक वॉट्सऐप के जरिए घर पर किए जाने वाला सबक दे रहे हैं या वर्चुअल क्लास ले रहे हैं। लेकिन, स्मार्टफोन की कमी ऑनलाइन स्कूली शिक्षा के लिए एकमात्र बाधा नहीं है। महाराष्ट्र के पंचगनी में केमिस्ट्री की टीचर मौमिता भट्टाचार्जी को धीमे इंटरनेट के साथ काम करना पड़ता है। भट्टाचार्जी ने बच्चों को क्लासरूम का अहसास देने के लिए दीवार पर ब्लैकबोर्ड भी लगाया है। मौमिता सबक को रिकॉर्ड करती हैं और बाद में बच्चे उसे इंटरनेट के जरिए डाउनलोड कर लेते हैं।

सरकार ने वन क्लास वन चैनल की शुरुआत की

खराब कनेक्शन, फोन की लागत और महंगे डाटा प्लान के अलावा स्क्रीन पर अत्यधिक समय बिताने की चिंताओं के बीच पढ़ाने के तरीके को वापस ऑफलाइन की तरफ जाने पर विचार करने पर मजबूर किया जाने लगा है। हाल ही में मानव संसाधन मंत्रालय ने 'वन क्लास वन चैनल' की शुरूआत की थी। इसके तहत बच्चों को पढ़ाने के लिए टीवी और रेडियो का सहारा लिया जाता है।

46 फीसदी परिवारों ने अपने बच्चों को पढ़ाना बंद कर दिया है

ऑनलाइन शिक्षा होने के कारण गरीब परिवारों के लाखों बच्चों की पढ़ाई छूट गई है। गैर लाभकारी संस्था कैरिटास इंडिया द्वारा 600 से अधिक प्रवासी श्रमिकों पर किए गए एक सर्वे में पता चला कि उनमें से 46 फीसदी परिवारों ने अपने बच्चों को पढ़ाना बंद कर दिया है। पुणे स्थित शिक्षक विभूते बताते हैं कि ईंट भट्टों में काम करने वाले उन मजदूरों के बच्चों से उनका संपर्क टूट गया जो लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो गए हैं।



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शिक्षक अब व्हाट्स-ऐप के जरिए घर पर किए जाने वाला सबक दे रहे हैं या वर्चुअल क्लास ले रहे हैं।


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