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मंगलवार, 31 मार्च 2020

यहां ऐप के जरिए लोग डॉक्टर के संपर्क में, कोरोना का शक होने पर मेडिकल टीम घर पहुंच रही

मैड्रिड(मनीषा भल्ला).पंजाब के मशहूर लोकगायक राज ददराल के भाई प्रेम ददराल स्पेन के शहर बार्सिलोना में रहते हैं। उनका अपना रेस्त्रां है। बीते 20 दिन से बार्सिलोना में लॉकडाउन है। फोन पर प्रेम ददराल ने भास्कर को अपनी स्थिति बताई कि स्पेन की राजधानी मैड्रिड में भी लॉकडाउन है। पहले बार्सिलोना में लॉकडाउन नहीं किया गया था। लेकिन जब मैड्रिड के हालात खराब होने लगे तो यहां भी लॉकडाउन कर दिया गया।

डॉक्टरऑनलाइन ऐप से पता लगा रहे कोरोना के लक्षण

स्पेन सरकार ने एक ऐप बनाया है। इसके जरिये किसी को तबियतजरा भी गड़बड़ लगती है, तो वह ऑनलाइन डॉक्टरों से संपर्क करता है। उस व्यक्ति से ऑनलाइन हीलक्षण पूछकरबता दिया जाता है कि उसे कोरोना है या नहीं। अगर मेडिकल स्टाफ कोऐप के जरिये रत्ती भर भी कोरोना के लक्षण मिलते हैं, तो वे फौरन संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचकर पूरे टेस्ट करते हैं। पूरे स्पेन में मास्क, सैनिटाइजर, दवाओं और खाने-पीने के सामान की कोई कमी नहीं है।

तेजी से बढ़ रहे संक्रमित

बार्सिलोना में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। मेडिकल सुविधाओं और खाने-पीने की तो कमी नहीं है, लेकिन केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। बार्सिलोना एक टूरिस्ट प्लेस है। आजकल सीजन था। हम लोगों के कमाने के यही दिन थे। लेकिन फुल लॉकडाउन चल रहा है। बाहर निकलने पर भारी जुर्माना है। पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। टूरिस्ट प्लेस होने के चलते बार्सिलोना को भी मैड्रिड के साथ ही लॉकडाउन करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। नतीजा सरकार की लापरवाही लोगों को भुगतनी पड़ रही है।



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बार्सिलोना : राजधानी मैड्रिड के हालात खराब होने लगे यहां भी लॉकडाउन कर दिया गया।


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5 मिनट में पता लग जाएगी मरीज के दिल और फेफड़ों की हालत, डॉक्टर ऐप के जरिए कर निगरानी सकेंगे

नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन).जानलेवा कोरोनावायरस की चुनौती से निपटने के लिए दुनियाभर के मेडिकल साइंटिस्ट और टेक्निकल एक्सपर्ट तमाम प्रयासों में जुटे हुए हैं। देश में मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एमएचआरडी) और अखिल भारतीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद(एआईसीटीई) द्वारा कोराना पर कराए गए आइडियाथॉन में कई इनोवेशन सामने आए। ये सभी साधन इजी टू यूज और इजी टू मूव हैं। मुंबई के एक स्टार्ट अप ने दिल की धड़कन और लंग्स में मौजूद फ्लूइड जांचने वाली डिवाइस बनाई है, जो कोरोना के लक्षणों की 90% तक सही जानकारी सिर्फ पांचमिनट में दे सकती है। वहीं, सेना के लिए रोबोट बनाने वाले पुणे के स्टार्टअप ने वेंटिलेटर की तरह ऑक्सीजन देने वाली इजी टू मूव डिवाइस बनाई है, जिसे अंबू एयर नाम दिया गया है। एमएचआरडी के इनोवेशन सेल डायरेक्टर डॉ मोहित गंभीर ने बताया कि आइडियाथॉन में आए इनोवेशन के बारे में डीएसटी और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड से जानकारी साझा की गई है। उन्होंने इनपर काम भी शुरु कर दिया है।

ईजी टू यूज और ईजी टू मूव हैं: ये इनोवेटिव मेडिकल इंस्ट्रूमेंट

मुंबई स्थित अभया इन्फॉर्मेशनटेक्नॉलॉजी एलएलपी स्टार्टअप के सीईओ तरक वीएस नागराज ने बताया कि हमने हार्ट बीट और लंग्स में फ्लूइड टेस्ट के लिए एक खास डिवाइस विकसित की है। इसमें एक छोटा साउपकरण छाती पर लगाया जाता है। इसका नाम हार्टबीट है,जो धड़कनों की गणना और लंग्स में मौजूद फ्लूइड का आंकलन करता है। इसका डाटा मोबाइल एप के माध्यम से मिलता है। यह एप मरीज और डॉक्टर दोनों के पास होता है। जो छाती पर लगे डिवाइस का डाटा ब्लूटूथ से एप में कनेक्ट होकर क्लाउड के माध्यम से कहीं भी बैठे डॉक्टर को मिल जाएगा। एप में मौजूद एआई अस्थायी डॉक्टर की भूमिका निभाता है जो ह्रदयऔर लंग्स में होने वाली किसी भी खराबी के बारे में खुद ही डॉक्टर को सूचित कर देता है।

पुणे :वेंटिलेटर की तरह कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को देगा ऑक्सजीन

सेना के लिए रोबोट तैयार करने वाले स्टार्टअप कॉम्बेट रोबोटिक्स इंडिया ने वेंटिलेटर जैसी डिवाइस तैयार की है। पुणे स्थित इस कंपनी के सीईओ गनेश पंडित सूर्यवंशी ने बताया कि हमने ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले पार्ट्स की मदद की वेंटिलेटर की तरह काम करने वाला अंबू एयर बनाया है। यह बिजली और बैटरी दोनों से चलता है। कोरोना प्रभावित मरीज को सांस लेने में मुश्किल होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। अंबू एयर में मरीज को रखने पर उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति तुरंत शुरू हो जाती है। यह डिवाईस वेंटिलेटर की तुलना में छोटी और हल्की होने से इजी टू मूव है। गनेश ने बताया कि यदि हमें प्रशासन और सरकार से मैन्युफैक्चरिंग के मामले में सपोर्ट मिले तो 100 अंबू एयर प्रतिदिन तैयार हो सकते हैं।



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सेना के लिए रोबोट तैयार करने वाले स्टार्टअप ने वेंटिलेटर जैसी डिवाइस तैयार की है।
हार्ट बीट और लंग्स में फ्लूइड टेस्ट के लिए यह खास डिवाइस विकसित की गई है।


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दिल्ली में इतिहास का सबसे ठंडा मार्च; 6 बार आया पश्चिमी विक्षोभ, इससे कई प्रदेशों में हुई बारिश-बर्फबारी, पारा गिरा

नई दिल्ली (अनिरुद्ध शर्मा).दिल्ली के इतिहास में इस साल का मार्च महीनासबसेठंडा रहा। दिल्ली में मार्च का औसत तापमान 29.6 डिग्री सेल्सियस रहता है, जबकि इस साल यह 28.4 डिग्री ही रहा। दिल्ली के सफदरजंग स्थित मौसम केंद्र में तो बीते महीने 109.6 मिमी बारिश दर्ज हुई, जो नया रिकॉर्ड है। मौसम विज्ञानी कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, 1901 से अब तक सिर्फ 2015 के मार्च में ही 97.5 मिमी बारिश हुई थी। श्रीवास्तव ने बताया कि इस सालमार्च में रिकॉर्ड 6 बार पश्चिमी विक्षोभ आए। इनसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी हुई। वहीं,पश्चिम, उत्तर और मध्य भारत में बारिश हुई।

दिल्ली के कई इलाकों में मंगलवार रात बारिश हुई।

मप्र समेत 9 राज्यों मे सामान्य से 250% से 486% ज्यादा बारिश
दिल्ली में मार्च में औसत बारिश 14.8 मिमी होती है। इस बार यह 69.4 मिमी हुई, जो सामान्य से 396% ज्यादा है। वहीं, पंजाब में 257%, हरियाणा में 476%, उत्तराखंड में 113%, यूपी में 449%, राजस्थान में 393%, मध्य प्रदेश में 264%, बिहार में 465%, झारखंड में 486%, छत्तीसगढ़ में 378%, महाराष्ट्र में 160% और ओडिशा में 164% ज्यादा बारिश हुई।

बीते 30 साल में बिहार समेत सात राज्यों में बारिश की कमी का ट्रेंड
मौसम विभाग ने बीते 30 साल में (1989 से 2018 के दौरान) में देशभर सेजिलावार आंकड़ों का अध्ययन कर बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार, प. बंगाल, हिमाचल, मेघालय, अरुणाचल औरनागालैंड की सालाना सामान्य बारिश में लगातार कमी आ रही है। इन राज्यों में मानसूनी बारिश लगातार कमी होने का ट्रेंडहै,जबकि गोवा एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां बारिश की मात्रा बढ़ रही है।

बारिश की वजह: पश्चिमी विक्षोभ हिमालय की बजाय दक्षिण की ओर मुड़ गए

स्काईमेट के महेश पलावत ने बताया कि अमूमन हर महीने तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, पर इस मार्च में रिकॉर्ड 6 पश्चिमी विक्षोभ आए। मार्च के पश्चिमी विक्षोभ या तो कमजोर होते हैं या वे हिमालय के उत्तर की ओर चले जाते हैं। इस बार मार्च में आए सभी पश्चिमी विक्षोभ दक्षिण की ओर मुड़े, जिनका असर मध्य भारत तक देखा गया। इनसे चक्रवाती हवा का क्षेत्र भी बना और अरब सागर से आने वाली नमी से उत्तर-मध्य भारत के सभी राज्यों में बार-बार बारिश और ओलावृष्टि हुई।

अनुमान गलत निकला :वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण नहीं चढ़ सका तापमान

मौसम विज्ञान केंद्र का फरवरी और मार्च में तापमान में बढ़ोतरी का अनुमान गलत निकला है। फरवरी में विभाग का अनुमान था कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का मार्च में खास असर नहीं होगा, लेकिन मार्च में इसका ठीक उल्टा प्रभावहुआ। इस दौरान देश के उत्तर, मध्य राज्यों में औसत तापमान एक डिग्री से तीन डिग्री तक कम रहा। मौसम विभाग ने बताया कि वह आगामी मानसून कोलेकर पूर्वानुमान अप्रैल के तीसरे हफ्ते में घोषित करेगा।



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बद्रीनाथ में पारा चढ़ने से 40 फीट ऊंचे हिमखंड टूट रहे हैं। इससे एनएच 58 बंद है।


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विशेषज्ञ बोले- जांच के मामले में भारत बहुत पीछे, शायद इसीलिए संक्रमितों की संख्या कम

(पवन कुमार). देश में काेराेनावायरस के मरीजाें की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन जांच का दायरा नहीं बढ़ रहा है। सरकार ने जांच के जो मानक तय किए हैं, उनके मुताबिक भी शत-प्रतिशत जांच नहीं होरही है। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार का अगर यही रवैया रहा, तो आने वाले समय में भीषण नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।21 दिन का लॉकडाउनतभी कारगर होगा, जब कोरोना के संदिग्धों की बड़ी संख्या में जांच की जाएगी।

सर गंगाराम अस्पताल के सेंटर फॉर चेस्ट सर्जरी के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार सिंह कहते है कि एक पाॅजिटिव मरीज भी लॉकडाउन तोड़ता है तो समाज में बीमारी फैला देगा। सरकार जांच की क्षमता बढ़ाए। उनकी भी जांच करे, जिनके किसी के संपर्क में आने की आशंका है। इटली, स्पेन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया में अधिक से अधिक जांच के बाद पाॅजिटिव लोगोंकोअलग किया जा रहा है, ताकि वायरस पर अंकुश लगे।

इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बैलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने भी अधिक से अधिक जांच की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के 80% से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि मरीज को बीमारी का पता नहीं होगा, तो उससे परिवार के दूसरे लोगोंकोभी बीमारी होसकती है। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जिसके संक्रमित होने की आशंका हो, उसे जांच के बाद आइसोलेट कर दिया जाना चाहिए। लेकिन, भारत के पास इतनी क्षमता नहीं है। ऐसे में ज्यादा जांच करना जरूरी है। जो पाॅजिटिव न मिले, उसे काम पर लगाना चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था कोनुकसान न हाे। अभी भारत सरकार की जोरणनीति है, उसकी निंदा करने के बजाय सख्ती से पालन करना चाहिए।

उधर डैंग लैब के प्रमुख डॉ. नवीन डैंग के अनुसार सरकार की जांच का क्राइटेरिया कुछ दिन पहले तक तो ठीक था, लेकिन अब दायरा बढ़ाना ही होगा। कम जांच से नुकसान ही होगा। अभी तोसरकार के क्राइटेरिया के अनुसार भी शत-प्रतिशत जांच नहीं होरही। निजी लैब के पास किट नहीं हैं। सैंपल लेने वालों की कमी है।

डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा है-

कोविड-19 की जांच के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का सिर्फ यही कहना है कि ज्यादा से ज्यादा जांच करें। जहां भी लोगों को आशंका हो या उनमें लक्षण दिखें, उनकी जांच की जाए।

भारत में पांच तरह के लोगों कोजांच के दायरे में रखा गया

  • वो लोग जो विदेश से आए हों और जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दें।
  • विदेश से आए लोग जिनमें कोरोना केलक्षण थे, उनके संपर्क में आए वो लोग जिनमें लक्षण दिख रहे हों।
  • कोरोना मरीज के परिजन जो किसी रूप में उसके संपर्क में आए हों।
  • अस्पतालाें में भर्ती वे मरीज, जिन्हें सांस की बीमारी है और उनमें लक्षण दिख रहेहों।
  • स्वास्थ्य कर्मी या डॉक्टर जो कोरोना मरीजों या संदिग्धों के इलाज में लगे हों और उनमें भी लक्षण दिख रहे हों। ऐसे लोगों की जांच को सरकार ने मानक बनाया है।

द. कोरिया ने विदेश से लौटे हर व्यक्ति की जांच की

सिर्फ दक्षिणकोरिया ने हर उस व्यक्ति की जांच की, जिसने पिछले दिनों क्रूज शिप में यात्रा की हो याविदेश से लौटा हो। कोरोना पॉजिटिव के संपर्क मेंआने वाले और हैल्थ वर्कर की भी जांच की गई। भारत में ऐसा सिर्फ निजामुद्दीन में होने जा रहा है। जबकि, दुनियाभर में सिर्फ उन लोगों की जांच की जा रही है, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

निजी लैब को भी सरकार ने जांच की इजाजत दी

सरकार ने कोरोनावायरस की जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की सूची जारी की है। https://ift.tt/2H6SUX3 पर यहलिस्ट उपलब्ध है। कोविड-19 के परीक्षण के लिए सरकार ने निजी अस्पतालों और निजी प्रयोगशालाओं को कुछ शर्तों के साथ जांच की अनुमति दी है। निजी प्रयोगशालाएं जांच के लिए 4,500 रुपए से अधिक शुल्क नहीं वसूल सकतीं। हालांकि सरकार ने निजी लैब से भी जांच सुविधा बिना किसी लागत के उपलब्ध कराने का कहा है।

दुनिया के प्रमुख देशों में टेस्ट का डाटा

देश कुल टेस्ट टेस्ट प्रति

10 लाख

मरीज प्रति

1000 टेस्ट

अमेरिका 10.21 लाख 3,078 159
द. कोरिया 4.10 लाख 6,931 24
इटली 4.77 लाख 3,657 213
भारत 42.7 हजार 32 29


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दक्षिण कोरिया में कॉल सेंटर और शॉपिंग माॅल में जाकर लोगों की जांच की जा रही है।


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संक्रमण के 76 रोगियों में से 48 आपस में रिश्तेदार हैं या सहकर्मी, कहीं-कहीं पूरा परिवार संक्रमित

(डूंगरसिंह राजपुरोहित).प्रदेश में 29 दिन में 93 मरीज सामने आचुके हैं। इनमें 76 प्रदेश के हैं, जबकि 17 ईरान से लाए गए भारतीयाें में पाॅजिटिव मिले हैं। प्रदेश के 76 राेगियाें में से 48 या तो एक ही परिवार के सदस्य हैं, आपसी रिश्तेदार हैं या एक ही संस्थान के सहकर्मी हैं। सात शहरों में तो इतना आपसी संक्रमण फैल गया कि कई परिवार ताे ऐसे हैं, जिनमें शायद ही काेई व्यक्ति इस राेगी से पीड़ित बचा हाे। इस हिसाब से प्रदेश में फैमिली संक्रमण वालों का आंकड़ा 63.15 प्रतिशत हो गया है, जो खतरे का संकेत है। इस बीच, प्रदेश में कुल 20 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव हो चुकी। काेराेनाजाेन बने भीलवाड़ा के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 26 में से 13 मरीजों की रिपोर्ट पाॅजिटिव से निगेटिव आई है। यहां दो मौतें हो चुकी हैं। झुंझुनूं में भी कुल 8 में 3, जयपुर में भी 21 मरीजों में से 4 की रिपोर्ट पाॅजिटिव से निगेटिव आई है। जोधपुर में दो की रिपोर्ट पहले पाॅजिटिव और अब निगेटिव आई।

जयपुर : दो रोगियों से 12 पॉजिटिव

2 मार्च को इटली का यात्री रोगी मिला। 48 घंटे बाद उनकी पत्नी भी पाॅजटिव मिली। ओमान से आए मरीज के दोस्त को संक्रमण हुआ। फिर उसके परिवार में माता व बेटा भी पाॅजिटिव मिले। दो परिवारों के 12 लोग पाॅजिटिव हुए।

जोधपुर: 3 रिश्तेदारों को रोगी बनाया

एक व्यक्ति विदेश से आया व पाॅजिटिव मिला। कुछ दिन घर पर रहने से उसके 3 रिश्तेदार भी संक्रमित हो गए। इसी तरह लंदन से दो दोस्त आए। जोधपुर में टेस्टिंग की तो पहले दिन एक और दूसरे दिन दूसरा साथी पाॅजिटिव निकला।

डूंगरपुर : 3 पीढ़ियां संक्रमित हो गईं
इंदौर से पिता-पुत्र लौटे। दोनों टेस्ट में पाॅजिटिव मिले। मंगलवार को 40 वर्षीय इस व्यक्ति के 65 वर्षीय पिता भी पाॅजिटिव निकले। इस तरह इनकी तीन पीढ़ी संक्रमित हो गई।

अलवर : साथी से मिला रोग
फिलिपींस से आए युवक को 30 मार्च को पाॅजीटिव घोषित किया। बताया जा रहा है कि अपनी बहन सहित कई लोगों से मिला। वह झुंझुनूं के कोरोना रोगी से संक्रमित हुआ था।

भीलवाड़ा : एक डॉक्टर की लापरवाही से अब तक 26 संक्रमित
बांगड़ अस्पताल के ही 6 डाॅक्टर-नर्स पहले दिन 20 मार्च को कोरोना पाॅजिटिव मिले। इसके बाद से अब तक 18 से अधिक इसी अस्पताल के सहकर्मी पाॅजीटिव मिल चुके हैं। इनमें टाइपिस्ट, लैब असिस्टेंट, अटेंडर आदि शामिल हैं। इसी अस्पताल में इलाज के दाैरान संक्रमित हुए 60 वर्षीय व्यक्ति की माैत हाे गई। इसके 12 घंटे बाद ही बेटा और पाेती भी पाॅजिटिव मिले। सुखद खबर यह है कि मंगलवार को यहां कोई नया रोगी नहीं मिला।

अजमेर : परिवार के पांचों सदस्यों को कोरोना ने घेरा
अजमेर में एक युवक में कोरोना की पुष्टि हुई। तीन दिन पहले उसके 57 वर्षीय पिता, 40 वर्षीय मां व 20 वर्षीय भाई भी पीड़ित मिले। मंगलवार को 17 वर्षीय बहन भी पाॅजीटिव हो गई। इस परिवार के पांचों सदस्यों को कोरोना हो गया।

झुंझुनूं : दुबई से लौटे युवक के कारण 6 घरवाले क्वारेंटाइन
दुबई से आया युवक क्वारेंटाइन में रखा गया। जांच रिपोर्ट आती तब तक भागकर घर पहुंच गया। घर वालों से मिला। मंगलवार काे उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। अब घर के छह लोग क्वारेंटाइन में रखे गए हैं।



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बीकानेर में झुग्गियों में जाकर मास्क पहनाते वालंटियर।


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वैज्ञानिकों के मुताबिक- जब 30% मामलों में संक्रमण का स्रोत पता न चले, तब आता है तीसरा चरण

देश में कोरोनावायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स इस महामारी की तीसरी स्टेज आने की आशंका जताने लगी हैं। हालांकि, सरकार इससे इनकार कर रही है। सरकार का दावा है कि तीसरी स्टेज न आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जब 30% मामलों में संक्रमण का सोर्स पता ना चले, तबमहामारी की तीसरी स्टेज मानी जातीहै।

देश में बीमारी के चार चरण, देखिए कैसे बढ़ता जाता है असर

पहली स्टेज :विदेश से आए लोग वायरस लाते हैं :पहले चरण में वायरस विदेश यात्रा कर लौटे लोगों या विदेश से आए लोगों से उस देश में आता है, जहां वह वायरस पहले से नहीं है। दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए कोरोना वायरस देने वाला देश चीन रहा है। हालांकि भारत के मामले में ऐसा माना जा रहा है कि यहां सबसे पहले वायरस लाने वाले इटली से आए कुछ पर्यटक थे, जो बाद में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए।

दूसरी स्टेज : जब वायरस स्थानीय स्तर पर फैलता है :जो लोग देश के बाहर नहीं गए थे और ट्रैवल हिस्ट्री वाले संक्रमित लोगों के संपर्क में आ गए, उन्हें भी संक्रमण हो जाता है। इस स्टेज को लोकल ट्रांसमिशन यानी स्थानीय प्रसार कहते हैं, जिसमें यह स्पष्ट हो जाता है कि संक्रमण किसी क्षेत्र विशेष में फैल रहा है और वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा रहा है। अब तक माना जा रहा है कि देश दूसरी स्टेज में ही है।

तीसरी स्टेज : वायरस का समुदाय स्तर पर फैलना :विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) की स्थिति तब आती है, जब बड़ी संख्या में वायरस के कंफर्म मामलों के बारे में यह पता न किया जा सके कि वायरस कहां से या किससे फैल रहा हैं। किसी व्यक्ति में यह संक्रमण कहां से आया। यानी वायरस के स्रोत का पता नहीं चलता और यह लोगों में फैलता जाता है।

चौथी स्टेज : जब देश के लिए भी बीमारी महामारी बन जाए :हर महमारी में एक चौथी स्टेज होती है। यह तब आती है जब ये वैश्विक महामारी, किसी देश के लिए भी महामारी बन जाती है। चीन में यही हुआ, जब बड़ी संख्या में, तेजी से लोग संक्रमित होने लगे और मरने लगे। इस स्थिति में बीमारी का स्पष्ट अंत नजर नहीं आता है। इस स्टेज की बीमारी साल में कई बार उभर सकती है। उदाहरण के लिए मलेरिया और डेंगू भारत में महामारियां हैं।

तीसरी स्टेज क्यों खतरनाक है?
पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि मरीज कैसे संक्रमित हुआ। अमेरिका के मिसौरी में पब्लिक हेल्थ की अधिकारी शेजनी शुल्ट इसे आसानी से समझाती हैं।अगर कोई तीसरी स्टेज में संक्रमित होता है, तो वह सोचता ही रह जाएगा कि उसे संक्रमण कैसे हुआ। वह किसी एक व्यक्ति या जगह की तरफ इशारा नहीं कर पाएगा कि उसे इसकी वजह से बीमारी हुई। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का कहना है कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारत ने वायरस को नियंत्रित कर लिया है। हम उम्मीद करते हैं कि देश तीसरी स्टेज में न पहुंचे, लेकिन इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

क्या देश में तीसरी स्टेज आ गई?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने अपने एक बयान में कहा, ‘समुदाय प्रसार की परिभाषा के अनुसार यह तभी माना जाएगा, जब बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आने लगें जहां स्रोत का पता न लगाया जा सके। इस आधार पर कह सकते हैं कि देश अभी तीसरी स्टेज में नहीं है। हमारे जैसे बड़े देश में ऐसे कुछ ही मामले आए हैं जिनका स्रोत नहीं पता है। यह आसान प्रक्रिया नहीं है और इसमें समय लगता है।’

20 से 30 प्रतिशत मामले जब ऐसे आने लगें, जिनमें संक्रमण का कारण पता न चले तो इसका मतलब है तीसरी स्टेज आ चुकी है। - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

कोरोना को रोकने के लिए सरकार ने क्या किया

  • आईसीएमआर ने लॉकडाउन से पहले कम्युनिटी ट्रांसमिशन की जांच करने के लिए 800रैंडम सैंपल लिए थे। सभी निगेटिव निकले।
  • 20लाख लोगों की सभी बॉर्डर पोस्ट्स पर जांच की गई।
  • 40हजार लोगों की समुद्री पोर्ट्स पर जांच की गई।
  • 15.25लाख लोगों की एयरपोर्ट पर थर्मल जांच की गई।

(स्रोत: सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए आंकड़े और मीडिया रिपोर्ट्स)



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बेल्जियम में मेडिकल वर्कर सांस लेने में मदद करने वाले एक नए मास्क का टेस्ट कर रहे हैं।


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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- संसाधनों और पैसों की कोई कमी नहीं, संक्रमण से नुकसान देखकर मन दुखी है

(पवन कुमार)काेराेनावायरस से लाॅकडाउन के बीच दैनिक भास्कर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन से बातचीत की। उन्हाेंने कहा कि देश में 80% संक्रमण मामूली लक्षण वाले हैं। 15% गंभीर हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है। महज 5% नाजुक हैं, जिन्हें वेंटिलेटर लगाना पड़ सकता है। मुख्य अंश....

सवाल-कोविड-19 पर नियंत्रण के प्रयास पर लोगों ने संतोष जताया है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या भारत ने प्रोएक्टिव कदम उठाए हैं?
जवाब-
हमने पोलियो को न केवल भारत बल्कि समूचे दक्षिण एशिया से समाप्त कर अपनी नीति की उपयोगिता और क्षमता को सिद्ध किया था। इसी तरह चेचक का भी उन्मूलन किया। हमने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए सारी शक्ति लगा दी है। चीन ने 7 जनवरी को कोरोनावायरस के संक्रमण की विश्व को जानकारी दी थी और हमने 8 जनवरी से तैयारियां शुरू कर दी थीं। प्रधानमंत्री ने मंत्री समूह का गठन किया। विदेशों से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जरूरत के मुताबिक उन्हें अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड या होम क्वारेंटाइन एवं सरकारी फैसेलिटी में रखा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत के प्रयासों की सराहना की।

सवाल-दिल्ली-पंजाब में संदिग्ध लोगों के हाथ पर मुहर लगाई जा रही है? कई राज्यों में ऐसा नहीं किया जा रहा। ऐसा क्यों?
जवाब-
यह राज्य सरकारों पर है। वे वर्तमान स्थिति और होम क्वारेंटाइन के लिए तय यात्रियों के गायब होने की संख्या के मद्देनजर निर्णय लेती हैं। राज्य सरकारें अपने तरीके से इसकी चिंता कर रही हैं।

सवाल-देश में 11 केस में ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली। यह सामुदायिक संक्रमण नहीं तो क्या है?
जवाब-
कुछ मामलों के रिपोर्ट नहीं किए जाने और रोग के घटनाक्रम यानी इतिहास की जानकारी के बिना कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। समुदाय में जब रोग की दहशत हो और सामाजिक कलंक तथा बहिष्कार का भय हो, तो कोई भी रोग को छिपा सकता है। ऐसा भी होता है कि एक अकेले मामले के आधार पर लोग कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश का इंदौर शहर सामुदायिक संक्रमण यानी तीसरे चरण में प्रवेश कर गया है, वे नकारात्मक प्रतिक्रिया भी कर सकते हैं।

सवाल- हर राज्य की अलग-अलग रणनीति क्यों है?
जवाब-यह हर जगह की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। भीलवाड़ा में एक अस्पताल में क्लस्टर बना। यह अस्पताल 6 हजार से ज्यादा लोगों को चिकित्सा दे चुका था और डॉक्टर स्टाफ भी संक्रमित पाए गए थे। इसलिए यह जरूरी था।

सवाल- जो लोग विदेश से आए हैं, वे क्वारेंटाइन रहे या नहीं, क्या इसका रिकॉर्ड है?
जवाब-अस्पतालों में भर्ती होने वाले हर व्यक्ति औरसब क्वारेंटाइन (होम या इंस्टीट्यूशनल) का रिकॉर्ड रखा जाता है। सरकारी अधिकारी उन पर देशभर में पैनी नजर रखे हैं।

सवाल- अस्पताल में बिस्तरों की संख्या की कमी को देखते हुए क्या जगह-जगह खड़ी ट्रेनोंको भी अस्पताल बनाया जा सकता है?
जवाब-इस विषय पर विचार किया गया है और उपलब्ध सभी साधनों का भरपूर इस्तेमाल करना सुनिश्चित कर रहे हैं। पर्याप्त बेड केंद्र के सरकारी अस्पताल, दूसरे केंद्रीय मंत्रालयों के अस्पताल, राज्य सरकारों के अस्पताल और निजी क्षेत्र में काफी संख्या में आइसोलेशन बेड तैयार किए गए हैं। आपातकालीन स्थिति के लिए नई प्रगतिशील व्यवस्थाओं के बारे में भी विचार किया जा रहा है। रेलवे का इस्तेमाल भी उनमें से एक है। रेलवे ने एक कोच को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर उसमें चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं।

सवाल- कोरोना का असर देश में कब तक रहेगा। क्या मरीजों-मृतकों की संख्या का संभावित अनुमान लगाया जा सकता है?
जवाब-
हम एकजुट होकर लगातार प्रभावी और धारदार कदम उठा रहे हैं। उभरती स्थानीय और वैश्विक स्थिति को देखते हुए नीति और कार्ययोजना संशोधित भी कर रहे हैं। सरकार की ओर से संसाधनों और राशि की कोई कमी नहीं है। विश्व के संपन्न देशों में इस संक्रमण से हुए नुकसान को देखकर मन दुखी होता है। हम चाहेंगे कि इस संकट का जल्द से जल्द पटाक्षेप हो और किसी भी अन्य रोगी को जान न गंवानी पड़े।

सवाल-कहा जा रहा है कि 5-6 घंटे संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने पर ही बीमारी होती है। वरना नहीं। क्या यह बात सही है?
जवाब-
नहीं। यह एक ड्रॉपलेट (छोटी बूंद) का संक्रमण है। यह अवधि से संबंधित नहीं है, लेकिन इस तथ्य से संबंधित है कि क्या मैं ड्रॉपलेट या फोमाइट्स के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह और नाक को छूता हूं, जहां वे मौजूद हैं। यह हवा से होने वाला संक्रमण नहीं है।



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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (फाइल फोटो)


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अब रूस में सख्त लॉकडाउन, जापान 73 देशों की यात्रा पर बैन लगाएगा

कोरोनावायरस से खुद को ब्रेफ्रिक समझनेवाले जापान और रूस भी सहम गए हैं। रूस में मंगलवार को कोविड-19 के 500 से ज्यादा मरीज मिले। यह रूस में एक दिन में अब तक की सबसे अधिक संख्या है। मॉस्को हाटस्पॉट बना हुआ है। अचानक मामले बढ़ने के बाद रूस ने एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन और सख्त कर दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे एक ‘नॉन-वर्किंग वीक’ कहा है। लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

बेफिक्र थे पुतिन,लोगों से खुले आम मिला रहे थे हाथ

इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन कोरोनावायरस को लेकर बेफिक्र थे और खुलेआम लोगों से हाथ मिला रहे थे। उधर, अभी तक लॉकडाउन नहीं लगाने वाला जापान 73 देशों की यात्राओं पर रोक लगाने जा रहा है। इनमें अमेरिका, कनाडा, साउथ कोरिया भी हैं। यहां रविवार से अब तक कोरोनावायरस के केस 162% बढ़ गएहैं। दूसरी तरफ दुनियाभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या आठलाख को पार कर गई है। स्पेन में 553 मौत हुई हैं। यहां 94 हजार 417 लोग पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, इटली में एक दिन में 812 मौतें होने के बाद चार अप्रैल को खत्म होने वाला लॉकडाउन ईस्टर तक बढ़ा दिया गया है।

जर्मनीः हाइजेनबर्ग को प्रयोगशाला बनाया, एकहजार लोगों पर टेस्टिंग शुरू

बर्लिन में जर्मनी ने सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके हाइजेनबर्ग को प्रयोगशाला में तब्दील कर दिया है। नीदरलैंड्स की सीमा से लगे इस इलाके में 1 हजार 281 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसे ‘जर्मनी का वुहान’ कहा जा रहा है। यहां वैज्ञानिक और 40 मेडिकल स्टूडेंट एकहजार लोगों पर परीक्षण कर कोरोनावायरस के फैलने की वजह और उसे रोकने का तरीका खोजेंगे। दूसरी तरफ जर्मनी एकलाख लोगों पर कोरोना का एंटीबॉडी टेस्ट करेगा,ताकि कर्मचारी लॉकडाउन से बाहर आ सके और काम पर लौट सकें। इससे यह पता लग सकेगा कि किन लोगों पर कोरोना का खतरा कम है। साथ ही कोरोना के आसान शिकार वाले लोगों का भी पता लग सकेगा।

अमेरिकाः हवाई सेवा बंद हो सकती हैं, नागरिकों को लौटने को कहा गया

  • अमेरिका: विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने विदेशों में रह रहे अमेरिकियों को तुरंत देश लौटने को कहा है। चार्टर्ड और अन्य व्यवसायिक सेवाएं कभी भी रोकी जा सकती हैं।
  • नीदरलैंड्स: यहां मृतकों की संख्या 1000 पार हो गई। मंगलवार को 175 मौतें दर्ज हुईं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियम अप्रैल तक बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
  • फ्रांस: फ्रांस में एक दिन 499 मौतें हुई। यह एक दिन में यहां सर्वाधिक मौतें हैं। फ्रांस में अब तक 3523 लोगों की जान जा चुकी है। 200 से ज्यादा संक्रमित लोग इलाज के लिए जर्मनी भेजे गए हैं।
  • ईरान: 3,111 नए केस मिले। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 44 हजार606 पहुंच गई है। नई 141 मौत के साथ कुल मृतक संख्या 2898 हो गईहै। यहां हॉस्पिटल में जगह नहीं बची है। 3,703 लोग ही हॉस्पिटल में हैं।

न्यूयॉर्कः एकहजार बेड वाला शिप हॉस्पिटल पहुंच रहा

कोरोना वायरस से अमेरिका में मरने वालों की तादाद 3,573 पहुंच गई है। सबसे ज्यादा 914 मौतें न्यूयॉर्क सिटी में हुई हैं। यहां कोरोना के खतरे को देखते हुए अमेरिकी नौ सेना का एक हॉस्पिटल शिप ‘द कंफर्ट’ नॉरफॉल्क नेवी बेस से न्यूयॉर्क भेजा गया है। ये 8 दिन में पहुंचेगा। इस शिप में 12 कमरे ऐसे हैं जो आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों सेलैस हैं।



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मॉस्को : रूस ने एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन और सख्त कर दिया।


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सोमवार, 30 मार्च 2020

पहला केस मिलने के पांच दिन में ही इंदौर देश का 8वां सबसे संक्रमित शहर बना, देश के 14 राज्यों में मरीजों की संख्या यहां से कम

इंदौर (संजय गुप्ता ).कोरोना संक्रमण से देश में 27 राज्य प्रभावित हैं।इसमें मध्य प्रदेश दसवें नंबर पर है। लेकिन, शहरों की बात करें तो 24 मार्च तक कोरोना मुक्त रहा इंदौर बीतेपांच दिनों में देश के सबसे संक्रमित शहरों की सूची में आठवें नंबर पर आ गया है। केरल में देश का पहला मरीज 30 जनवरी को सामने आया था। महाराष्ट्र औरदूसरी जगहों पर मार्च के पहले और दूसरे हफ्ते में मरीजों का आना शुरू हुआ। इंदौर में मरीज बढ़ने की रफ्तार जो रविवार तक 380% थी, वह अब 540% हो गई है।

इंदौर में संक्रमितों की संख्या बढ़ने की वजह लॉकडाउन का पालन न करने को माना जा रहा है। जनता कर्फ्यू वाले दिन ही शाम के समय शहर के सैकड़ों नागरिकों की भीड़ ऐतिहासिक राजबाड़ा पर जमा हो गई थी।केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली से लेकर अन्य सभी प्रमुख संक्रमित जगहों पर मरीजों की जांच में सामने आया कि वे विदेश से आने पर या विदेशी व्यक्ति से संपर्क में आने से संक्रमित हुए। इन जगहों पर संक्रमण केप्राथमिक स्रोत की जानकारी मिल गई। लेकिन, इंदौर में अभी तक किसी भी संक्रमित के विदेश जाने या उनके संपर्क में आने की हिस्ट्री सामने नहीं आई है। यह बीमारी के कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी कोरोना के स्टेज-3संक्रमण को दिखाता है।

हालात बिगड़ने परप्रशासन जागा

इंदौर प्रशासन ने सोमवार से पॉजीटिव मिले मरीजों से मिलने वालेसभी लोगों, उनके पड़ोसियों की जांच कर रहा है। इन लोगों को क्वारैंटाइन हाउस में रखा जा रहा है। रानीपुरा, नयापुरा, चंदन नगर, खजराना क्षेत्रों से मिले लोगों को यहां रखा जा रहा है।वहीं, अब सख्ती इस तरह की जा रही है कि शहर में दूध के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा। सभी मरीजों को चिह्नित करने के बाद ही जरूरी सामान लेने के लिए बाहर निकलने की मंजूरी दी जाएगी।

भीलवाड़ा ने ऐसे किया कंट्रोल

राजस्थान के भीलवाड़ा में एक दिन में छह मरीज सामने आने के बाद (अभी तक 21 मरीज) तेजी से काम शुरू हुआ। वहां प्रशासन ने पूरे जिले के लिए छह हजार मेडिकल टीम बनाकर सभी 24 लाख लोगों की स्क्रीनिंग औरजांच शुरू करा दी। नौ दिन में 18 हजार मरीज चिह्नित किए गए। संदिग्धों को क्वारैंटाइन हाउस में रखा गया। उनके मोबाइल में एक एप डाउनलोड कराया गया।यदि कोई क्वारैंटाइनहाउस से बाहर निकलता,तो प्रशासन के पासअलर्ट पहुंच जाता।

किस शहर ने कितनी सख्ती की

मुंबई- जरूरी सामान की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले हैं। होम डिलेवरी पर ज्यादा ध्यान है। सभी सोसायटियोंने अपने मुख्य द्वार बंद कर लिए हैं और किसी को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। प्रशासन मरीजों को चिह्नित कर उपचार करवारहा है।

पुणे- जरूरी दुकानें खुली हैं।रविवार तक थोड़ीढील थी, लेकिन सोमवार से किसी के भी बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई। जहां मरीज सामने आ रहे हैं, वहां सेना लगाने की बात हो रही है। क्वारैंटाइन हाउस नहीं बने हैं, लोगों को घरों पर ही रखा जा रहा है।
दिल्ली- यहां भी जरूरी दुकानें खुली हैं।सरकार जरूरी सामान की होम डिलेवरी कराने और लोगों को घर में रखने की कोशिश में जुटी है। 25% बसें चालू हैं।31मार्च तक बाजार बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
बेंगलुरू- शहररविवार तक खुला था, लेकिन सोमवार से सख्ती शुरू की गई। दुकानें बंद करा दी गईं। पुलिस सड़कों पर है और लोगों को चिह्नित कर उपचार किया जा रहा है।

कासरगोड- एक दिन में ज्यादामरीज सामने आने के बाद अब जाकर पूरा लॉकडाउन किया गया। 64 हजार लोगों को जांच के दायरे में रखा गया। 380 आइसोलेशन हाउस बनाए गए। सार्वजनिक परिवहन बंद है, लेकिन निजी वाहन चालू हैं।

हैदराबाद- कुछ दिन पहले सीएम चंद्रशेखर राव ने बयान दिया था कि लोगलॉकडाउन को नहीं मान रहे हैं।एेसा ही चलता रहा,तो कर्फ्यू लगा दिया जाएगा औरदेखते ही गोली मारने के आदेश भी दिए जासकते हैं। यहांविदेशी लोगों पर सबसे ज्यादा नजर है और बाहर निकलने पर पासपोर्ट रद्द करने के आदेश हैं।



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इंदौर में देश का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाय गया है, यहां 1 अप्रैल तक सब बंद है।


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चीफ जस्टिस ने कहा- डर और दहशत कोरोना से बड़ी समस्या बन रही, सरकार बताए- उसने गरीब-मजदूरों के लिए अब तक क्या किया

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट में साेमवार को उन हजारों प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठा, जो लॉकडाउन के बीचभूखे-प्यासे पैदल ही घर लाैट रहे हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने इन्हें राहत दिए जाने की मांग से जुड़ी याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने कहा, मौजूदा समय में लोगों के बीच डर और दहशत कोरोनावायरस से बड़ी समस्या बन रहा है। केंद्र सरकार इस मामले में बताए कि उसने इन लोगों के लिए क्या व्यवस्था की है। अदालत ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का वक्त दिया।

सुप्रीमकोर्ट मेंआज दोपहर 12:15 बजे मामलेकी सुनवाई होनी है। कोर्ट मेंजनहित याचिका दाखिल करने वालेवकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा- कोरोनासंकट केसबसे बड़े पीड़ित असंगठित प्रवासी मजदूर हैं। ये देश के अलग-अलग शहरों में रिक्शा चालक, कारखाना मजदूर, घरेलू नौकर के रूप में काम करते हैं। उनके पास संसाधन या इतने पैसे नहीं हैं कि वे लॉकडाउन के वक्त 21 दिन गुजार सकें। केंद्र ने 1.7 लाख करोड़ रुपएका पैकेज घोषित किया है, लेकिन सफर में फंसे होने से इन मजदूरों को उसका लाभ नहीं मिल पाएगा।

सोमवार को कोर्टरूम में हुई बहस:

याचिकाकर्ता: प्रवासी मजदूर अपने गांव की ओर पैदल चल पड़े हैं। न तो परिवहन केसाधन हैं, न खाना और चिकित्सा सुविधा। इन प्रवासियों को ये सुविधाएं देने के लिए केंद्र और राज्यों को आदेश दिया जाए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता: केंद्र व राज्य सरकारों ने इन समस्याओं के निदान के लिए जरूरी उपाय पहले ही शुरू कर दिए हैं। हम उन उपायों के बारे में कोर्ट को बताना चाहते हैं। हमें मोहलत दी जाए।
याचिकाकर्ता: मजदूरों के पैदल निकलने से पैदा हुई समस्या से निपटने के लिए सरकारों के बीच सहयोग की कमी है।
चीफ जस्टिस: हम उन मामलों में दखल देना नहीं चाहते, जिसके लिए केंद्र या राज्य सरकारें प्रयास कर रही हैं।
याचिकाकर्ता: कुछ काउंसलर नियुक्त किए जाने चाहिए,जो शहर से गांव जा रहे लोगों को समझा सकें।
चीफ जस्टिस: देश मेंइस समय लोगों में डर और दहशत कोरोना से कहीं बड़ी समस्या है। इस बारे में केंद्र सरकाररिपोर्ट पेश करे।
एक अन्य याचिकाकर्ता रश्मि बंसल- सुविधाएं देने के साथ उनके समूह को सैनिटाइज किया जाना चाहिए।
मेहता: लोगों में यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम पलायन को सुविधाजनक कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट पलायन करने वालों की मदद करने जा रहा है।
चीफ जस्टिस: हम किसी भी तरह का आदेश जारी कर इस मुद्दे को उलझाना नहीं चाहते। इसलिए हम पहले केंद्र सरकार के जवाब को देखेंगे। अब इस मामले को मंगलवार को सुनेंगे।

केरल के सांसद बोले- कर्नाटक लॉकडाउन का फैसला वापस ले
कर्नाटक सरकार के नाकेबंदी के फैसले का केरल में कासरगोड से कांग्रेस सांसद राजमोहन उन्नीथन ने विरोध किया है। उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा- सीमा सील किए जाने से केरल में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इससे उनके संसदीय क्षेत्र के लोग मेडिकल सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।
जेल में बंद 50 साल से ज्यादा उम्र के कैदियों को रिहा करने की मांग
एक वकील ने 50 साल से अधिक उम्र के कैदियों को पेरोल या जमानत पर रिहा करने पर विचार करने का निर्देश देने की मांग को लेकर याचिका दायर की। उन्होंने यह भी मांग की कि उन कैदियों के बारे में भी विचार करने का निर्देश दिया जाए, जो सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं।



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चीफ जस्टिस एसए बोबडे- फाइल फोटो।


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कोरोना के चलते एन-95 मास्क का बाजार दो महीने में 29 हजार गुना बढ़ा, हर दिन 1600 करोड़ रुपए की बिक्री; छह घंटे से ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर सकते

नई दिल्ली (अमित कुमार निरंजन). विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोनावायरस से बचाव के लिए एन-95 मास्क सबसे बेहतर है। इसके बाद थ्री प्लाई मास्क को भी सुरक्षित माना गयाहै। एन-95 और थ्री प्लाई दोनों ही डिस्पोजेबल मास्क हैं। ऑल इंडिया फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन के नेशनल प्रेसिडेंट अभय पांडे ने 31 जनवरी 2020 को भारत सरकार को चिठ्ठी लिखकरएन-95 मास्क का एक्सपोर्ट रोकने की अपील की गई थी।सरकार ने तुरंत एन-95 मास्क का एक्सपोर्ट रोक भी दिया। इसके बावजूद देश में इसकी कमी है।

अभय बताते हैं कि जनवरी से लेकर अब तक एन-95 मास्क का बाजार करीब 29 हजार गुना बढ़ गया है। पहले रोजाना औसतन एक हजार 670 मास्क बिकते थे। अब हर दिन करीब 4 करोड़ एन-95 मास्क बिक रहे हैं। इसके बावजूद बाजार में इसकी कमी बनी हुई है, क्योंकिदेश में प्रतिदिन 10 करोड़ एन-95 मास्क की जरूरत है।

मांग के साथ मास्क की कीमत भी बढ़ी

मांग बढ़ने के साथएन-95 मास्क की कीमत भी बढ़ी है। अब एक मास्क की कीमत350 से 400 रुपए हो गई है। ऐसे में अभी एन-95 का प्रतिदिन का कारोबार 1600 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। वहीं, अभी करीब तीन कराेड़ थ्री प्लाई मास्क का प्राेडक्शन रोज हो रहा है। इसकी कीमत अब 16 रुपए हो चुकी है। इस हिसाब से करीब 48 से 50 कराेड़ रुपए तक का थ्री प्लाई मास्क का प्रतिदिन कारोबार हो रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि पिछले पूरे साल पांच लाख एन-95 मास्क की भी जरूरत नहीं थी। ये मास्क भी चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग ही ले रहे थे। अब अचानक इनकी डिमांड बढ़ गई है। अभय बताते हैं कि एन-95 मास्क को छह घंटे से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

मेडिकल स्टाफ को दिन में चार मास्क चाहिए

कोरोना के संदिग्धों के बीच काम कर रहेडॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी औरसुरक्षाकर्मियों कोदिन में चार एन-95 मास्क का इस्तेमाल करना पड़ता है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक अगर आप इसे समय रहते चेंज नहीं करेंगे,तो इसमें नमी आने लगती है, जिससे वायरस पनपने की आशंका होती है। देश में तीन कंपनियां.. त्रियम, वीनस औरमैग्लम बड़े स्तर पर एन-95 मास्क का प्रोडक्शनकरती हैं। पहले यही देशभर की मांग की पूर्ति करती थीं। अबइनके अलावा आधा दर्जन छोटीमेन्यूफेक्चरिंग कंपनियां भी एन-95 मास्क बनाती हैं।कुछ कंपनियां एन-95 मास्क की कॉपी करती हैं।

लॉकडाउन के कारण 50 फीसदी कामगार घटे
एन-95 मास्क बनाने की लागत 11 रुपए आती है। पहले यह 150 रुपए में बिकता था, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण बढ़ने के कारण अब एक मास्क 300-400 रुपए में बिक रहा है। कुछ जगहों पर यह 700 रुपए तक भी बिक रहा है। वहीं, थ्री प्लाई मास्क की लागत 2 रुपए से ज्यादा नहीं है, लेकिन यह 16 रुपए में बिक रहा है। ऑर्थाेसूट बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के संचालक मनोज राजावत ने बताया कि हम अभी करीब 60 हजार थ्री प्लाई मास्क का प्रोडक्शन रोज कर रहे हैं। हालांकि हमें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण 50% कामगार कम हो गए हैं।



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आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल कुल पांच लाख एन-95 मास्क की ही बिक्री हुई।


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वकील ने कहा- आपको कोरोना हो जाए, आपका कॅरियर बर्बाद हो जाए; जज बोले- न मुझे भविष्य की चिंता और न संक्रमण का डर

नई दिल्ली.आमतौर पर देश की अदालतों में ऐसा होता है जब वकील दलीलें देने के दौरान उग्र हो जाते हैं। लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट में एक वकील मनमाफिक राहत नहीं मिलने पर बौखला गया और ओपन कोर्ट में जज से दुर्व्यवहार किया। उसनेकहा- ‘भगवान करे आपको कोरोना हो जाए। आपका करियर बर्बाद हो जाए।’ जज दीपांकर दत्ता की पीठ ने वकील बिजॉय अधिकारी के दुर्व्यवहार को कोर्ट की अवमानना माना। जज ने वकील को नोटिस जारी करते हुए कहा- ‘न तो मुझे अपने भविष्य की चिंता है और न ही कोरोना का डर। कोर्ट की गरिमा मेरे लिए सर्वोपरि है। अापने उस गरिमा का हनन किया है। इसलिए आप आपराधिक अवमानना के प्रथम दृष्टत्या आरोपी हैं। मामले की सुनवाई कोर्ट की गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।’

वकील ने एड्रेसिंग टेबल को धक्का दिया, माइक्रोफोन भी पटका

जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अवमानना नोटिस में घटना का उल्लेख विस्तार में किया। उन्होंने लिखा- ‘कालिदास दत्ता बनाम इलाहाबाद बैंक के सहायक मैनेजर मामले में कालिदास की ओर से वकील बिजॉय अधिकारी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की। साथ ही मामले में तुरंत सुनवाई कर अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की। याचिकाकर्ता का कहना था कि लोन की कुछ राशि अदा न करने पर बैंक ने याचिकाकर्ता की बस जनवरी माह में जब्त कर ली थी। अब बैंक उस बस की नीलामी करने जा रहा है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। जस्टिस दीपांकर ने उक्त मामले में जल्द सुनवाई से इनकार किया और आदेश लिखवाना शुरू किया। वकील को लगा कि कोर्ट उन्हें सुन नहीं रही है। जबकि कोर्ट ने कहा कि वह दूसरे पक्ष का सुने बिना एकतरफा आदेश नहीं दे सकते। जिसके बाद वकील आपा खो बैठा। उसने पहले तो एड्रेसिंग टेबल को धक्का दिया। फिर अपना माइक्रोफोन कई बार टेबल पर पटका।’

वकील ने जज को धमकी भी दी

जस्टिस दीपांकर दत्ता ने वकील को उसके दुर्व्यवहार पर आगाह करते हुए कहा कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन वकील ने कोर्ट के विनम्र अनुरोध की परवाह न करते हुए चिल्लाना जारी रहा। साथ ही कहा- भगवान करे आपको कोरोना हो जाए। आपका करियर बर्बाद हो जाए।’ जज ने नोटिस जारी करते हुए आदेश में लिखा- ‘जब मैं आदेश लिखवा रहा था तो वकील ने यह भी कहा कि वो मेरा भविष्य बर्बाद कर देंगे। वकील का व्यवहार घिनौना है। यह कोर्ट की आपराधिक अवमानना का मामला बनता है। आरोपी को नोटिस भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’



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Lawyer said- you get corona, your career is ruined; The judge said - I do not worry about the future nor fear of infection


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फॉर्मूला-1 के इंजीनियरों ने ब्रीदिंग मशीन बनाई, मरीजों को आईसीयू और वेंटीलेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी, 100 डिवाइस का ट्रायल शुरू

लंदन. कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर के प्रमुख देश वेंटीलेटर की समस्या से जूझ रहे हैं। न्यूयॉर्क में एक वेंटीलेटर पर चार जिंदगियां हैं। इटली और ब्रिटेन के डॉक्टर गंभीर मरीजों और बुजुर्गों को वेंटिलेटर पर से हटा रहे हैं ताकि युवाओं को बचाया जा सके। इस बीच दुनिया की मशहूर कार कंपनी मर्सडीज के फॉर्मूला-1 के इंजीनियरों की टीम ने लंदन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर महज 4 दिनों में ब्रीदिंग मशीन बनाई है। इसकी मदद से कोरोनावाइरस के मरीजों को इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


इस डिवाइस को कंटिन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) नाम दिया गया है। उत्तरी लंदन के अस्पतालों में ऐसे 100 यंत्रों को क्लिनिकल ट्रायल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस हफ्ते के अंत तक लंदन यूर्निवर्सिटी के अस्पतालों में इस डिवाइस का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो जाएगा। मर्सडीज की टीम का कहना है कि वे ऐसे 300 यंत्र एक दिन में बना सकते हैं। अगर फॉर्मूला-1 की अन्य टीमें साथ आएं तो एक दिन में ऐसी 1000 डिवाइस बनाई जा सकेगी।

इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिक्स एंड इंजीनियरिंग इन मेडिसिन के स्टीफेन ओकॉनर ने बताया कि इस यंत्र की मदद से सांस लेने में वैसा ही महसूस होता है जैसे की आप तेज चल रही कार का शीशा उतार कर खिड़की से बाहर मुंह करके सांस ले रहे हों। इसके इस्तेमाल से मरीजों को बेहोश करने की आवश्यक्ता नहीं पड़ती इसलिए वे जल्दी अस्पताल से छूट कर घर जा सकते हैं।


मरीजों को बेहोश भी नहीं करना पड़ेगा, मॉस्क से पहुंचेगी ऑक्सीजन

ये यंत्र मरीजों के मास्क के माध्यम से उनके फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करेगा। ये ऐसे मरीजों के लिए बेहद लाभकारी होगा जो बहुत कमजोर हैं और उन्हें इंटेसिव वेंटीलेशन नहीं दिया जा सकता। इंटेंसिव वेंटीलेशन में मरीजों के नाक से ट्यूब डाल कर उनके फेंफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है ताकी मरीज सांस ले सकें। इसके इस्तेमाल से मरीजों को बेहोश करने की आवश्यक्ता नहीं पड़ती है। इस तकनीक को पहले से ही इटली में इस्तेमाल किया जा रहा है जहां वेंटीलेटर की बेहद कमी है।



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ब्रीदिंग मशीन


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अब तक 1 हजार 318 मामले: दिल्ली में 1 दिन में 25 केस, केंद्र ने कहा- संक्रमण अभी कम्युनिटी नहीं, लोकल स्टेज पर हो रहा; सहयोग करें वरना सब जीरो हो जाएगा

नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देश में कोरोनावायरस का संक्रमण अभी कम्युनिटी लेवल पर नहीं पहुंचा है, यह लोकल लेवल पर ही ट्रांसमिट हो रहा है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि समाज के हर एक व्यक्ति को सहयोग करना होगा, वरना अब तक संक्रमण को रोकने के जो भी नतीजे सामने आए हैं, वह सब जीरो हो जाएंगे। उन्होंने सभी से अपील की कि 100 फीसदी अलर्ट रहें और देश को इस बीमारी से निजात दिलाने में अपना योगदान दें।

लव अग्रवाल ने कहा- अगर किसी को संदेह है कि उसे संक्रमण है तो वह उसे छिपाए नहीं। दहशत में आने की जरूरत नहीं है। इस बीच, दिल्ली में 1 दिन में 25 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद यहां सक्रमितों की संख्या 97 पहुंच गई है। इसके अलावा निजामुद्दीन इलाके में भी 200 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। इस पूरे इलाके से 1200 लोगों को निकाला गया है। यह सभी तब्लीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल होने आए थे। इसमें इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों के लोग शामिल हैं। मरकज में पहुंचे दो हजार लोगों में से कुछ लोग अपने राज्यों में चले गए थे। लेकिन, यहां से जाने वालों में 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई।

कोरोना पर अहम अपडेट

  • निजी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने अपने 8 करोड़ प्री-पेड ग्राहकों के लिए प्लान की वैधता 17 अप्रैल तक बढ़ा दी है। साथ ही कंपनी ग्राहकों को 10 रुपए का अतिरिक्त टॉकटाइम भी देगी, ताकि आपात स्थिति में वे अपने परिजनों को एसएमएस या फोन कर पाएं। अगले 48 घंटे में ग्राहकों को यह फायदे मिलने लगेंगे।
  • बीएसएनएल ने भी अपने उपभोक्ताओं को ऐसी सुविधा देने की घोषणा की है। कंपनी की प्रीपेड सिम 20 अप्रैल तक बंद नहीं होंगी। आउटगोइंग कॉल के लिए भी भी 10 रु. का बैलेंस मिलेगा। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
  • दिल्ली मेट्रो ने भी प्रधानमंत्री रिलीफ केयर फंड में अपने सभी 14500 कर्मचारियों का एक दिन का मूल वेतन देने का फैसला किया है।
  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड स्थानीय निर्माताओं के साथ मिलकर अगले 2 महीने में 30 हजार वेंटिलेटर बनाएगी। नोएडा के एग्वा हेल्थकेयर को एक महीने में 10 हजार वेंटिलेटर बनाने को कहा गया है। वहां से अप्रैल के दूसरे हफ्ते में सप्लाई शुरू होने की उम्मीद।
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अगले हफ्ते से रोजाना 20 हजार एन-99 मास्क बनाना शुरू कर देगा। दो घरेलू निर्माता प्रतिदिन 50 हजार एन-95 मास्क बना रहे हैं। अगले हफ्ते तक यह संख्या एक लाख मास्क प्रतिदिन हो जाएगी। देश के अस्पतालों में 11 लाख 95 हजार एन-95 मास्क हैं। दो दिन में 2 लाख मास्क बांटे जा चुके हैं।
  • तीन लाख कवर ऑल सूट (पूरे शरीर को ढंकने वाले सूट) देशभर के अस्पतालों में उपलब्ध हैं। 4 अप्रैल तक विदेश से 3 लाख विशेष सूट और मिल जाएंगे। 11 घरेलू निर्माताओं को 21 लाख सूट का ऑर्डर दिया गया है।
  • 10 लाख पीपीई किट्स( पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) सिंगापुर से मंगाई जा रही हैं। इसकी आपूर्ति जल्द ही हो जाएगी। 10 हजार सूट रेड क्रॉस ने डोनेट किए हैं। इनका वितरण किया जा रहा है।
  • कोरोना की जांच के लिए 115 सरकारी और 47 निजी लैब हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ के द्वारा चिकित्सकों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है।
  • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा- अब तक 38,442 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 3,501 टेस्ट रविवार को किए गए थे।
  • आईसीएमआर ने कहा कि हम अभी भी अपनी परीक्षण क्षमता के 30% से कम हैं। पिछले तीन दिनों में 1,334 परीक्षण निजी प्रयोगशालाओं में किए गए हैं।
  • आज 179 संक्रमित मिले, सबसे ज्यादा 32 केरल में
  • कोरोनावायरस के आज 176 नए मामले सामने आए। केरल में 32, दिल्ली में 25, उत्तर प्रदेश में 24, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 17-17, जम्मू-कश्मीर में 11, मध्यप्रदेश में 8, गुजरात में 7, राजस्थान में 10, चंडीगढ़ में 5, कर्नाटक में 8, आंध्रप्रदेश में 2, पंजाब में 3, पश्चिम बंगाल में 1, हरियाणा और अंडमान-निकोबार में 1-1 संक्रमित मिला। अब कुल संक्रमितों की संख्या 1 हजार 318 हो गई है। ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के अनुसार हैं। सरकार के आंकड़ों में अभी संक्रमितों की संख्या 1071 है। इनमें से 99 ठीक हो गए हैं।

देश के 15 राज्यों का हाल

  • मध्यप्रदेश; कुल संक्रमित- 47: यहां सोमवार को 8 नए केस सामने आए। इंदौर में 7 और उज्जैन में 1 संक्रमित मिला। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 27 हो गई है। इंदाैर में क्वारैंटाइन नियमों का उल्लंघन करने पर दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ये 28 मार्च को इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल से भाग गए थे। इन्हें रविवार को अस्पताल में वापस लाया गया। इंदौर के अलावा जबलपुर में 8, उज्जैन में 5, भोपाल में 3, शिवपुरी-ग्वालियर में 2-2 संक्रमित हैं।
  • उत्तरप्रदेश; कुल संक्रमित- 96: उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। सोमवार को यहां 24 नए मामले सामने आए। सबसे ज्यादा 36 कोरोना पॉजिटिव गौतम बुद्ध नगर में मिले। इसके बाद मेरठ (13) में हैं। राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने एएम प्रसाद ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा के तहत राज्य के 27 लाख 50 हजार मजदूरों के खाते में 611 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं। इस बीच, लखनऊ के राम मनोहर लोहिया संस्थान और एसजीपीजीआई के डॉक्टरों के लिए जिला प्रशासन ने होटल हयात, होटल फेयरडील, होटल पिकेडली और होटल लेमन ट्री को अस्थाई तौर पर अधिग्रहीत किया है।
  • छत्तीसगढ़; कुल संक्रमित- 7: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को रायपुर कई इलाकों में घूमे और जरूरी सामान की सप्लाई और उपलब्धता की समीक्षा की। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 50 लोगों की कोरोना जांच की गई, लेकिन अच्छी बात है कि सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। उधर, प्रदेश के 54 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को इस साल अप्रैल-मई का बिल पुरानी टैरिफ से ही चुकाना होगा। कोरोनावायरस की वजह से राज्य विद्युत विनियामक आयोग 31 मार्च तक अपना नया टैरिफ आदेश जारी नहीं कर रहा है।
  • राजस्थान; कुल संक्रमित- 69: राज्य में संक्रमण के सोमवार को 10 नए मामले सामने आए। इनमें से जयपुर में 2, भीलवाड़ा में 1 और जोधपुर में 7 मरीज मिले। रविवार रात अजमेर में भी 3 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
  • महाराष्ट्र; कुल संक्रमित- 220: सोमवार को 17 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से पुणे में 5, मुंबई में 3, नागपुर में 2 और कोल्हापुर-नासिक में 1-1 मरीज मिला है। बाकी पांच राज्यों के अन्य हिस्सों से मिले। राज्य में रविवार को 7 मामले सामने आए थे। राज्य में अब तक 39 मरीज ठीक हो चुके हैं।
  • पंजाब; कुल संक्रमित- 41: राज्य में सोमवार को तीन नए पॉजिटिव मरीज मिले। पटियाला जिले के रामनगर सैनियां गांव में 21 साल का एक युवक संक्रमित पाया गया। वह हाल ही में नेपाल से लौटा था। स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरे गांव को सील कर दिया गया है। उसके परिवार वालों को घर पर ही रहने की हिदायत दी गई गई है।
  • केरल; कुल संक्रमित- 234: राज्य में सोमवार को 32 नए मामले सामने आए। इसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 234 हो गई। राज्य में लॉकडाउन के कारण शराब की बिक्री बंद है। कई जगहों से खुदकुशी के मामले सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री पी विजयन ने एक्साइस डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है कि डॉक्टर की सलाह पर शराब पीने वालों को यह उपलब्ध कराई जाए। सरकार का कहना है कि शराब की ऑनलाइन बिक्री पर भी विचार किया जा रहा है, क्योंकि अचानक इसकी बिक्री बंद होने से कई सामाजिक समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।
  • जम्मू-कश्मीर; कुल संक्रमित- 49: राज्य में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए। इससे पहले रविवार सुबह कश्मीर के एक अस्पताल में 62 साल के संक्रमित की मौत हो गई। मृतक उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के तंगमार्ग का रहने वाला था। राज्य में सबसे ज्यादा 17 संक्रमित श्रीनगर में हैं।
  • तमिलनाडु; कुल संक्रमित- 67: यहां सोमवार को 17 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। राज्य में सबसे ज्यादा 18 संक्रमित चेन्नई में हैं। इस बीच, तिरुचिरापल्ली की एक निजी कंपनी ने सरकारी अस्पताल को ह्यूमेनॉइड रोबोट दान किए हैं। ये आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमितों को दवा बांटने में काम आएंगे। कंपनी ने अभी ऐसे चार रोबोट तैयार किए हैं। हालांकि, सरकार की मंजूरी के बाद ही इनका इस्तेमाल किया जाएगा।
  • प.बंगाल; कुल संक्रमित- 22: यहां सोमवार को 1 ही नया मामला सामने आया। पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोनावायरस की रोकथाम में जुटे कर्मचारियों का बीमा कवर 5 से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है। इसके दायरे में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ,पुलिसकर्मियों के अलावा अन्य वह सभी लोग आएंगे, जो आपात ड्यूटी कर रहे हैं। इस बीच, कोलकाता में सोमवार को 77 साल का एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला।
  • तेलंगाना; कुल संक्रमित- 77: राज्य में सोमवार को 7 नए केस सामने आए। यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 77 हो गई। इससे पहले, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने दावा किया कि अगले 9 दिन में राज्य संक्रमण से मुक्त हो जाएगा। विदेश से लौटे 25 हजार 937 लोग निगरानी में हैं। इनके क्वारैंटाइन का समय 7 अप्रैल को पूरा होगा। अगर आगे कोई नया मामला नहीं आता है तो राज्य 7 अप्रैल तक कोरोना मुक्त घोषित होगा।
  • बिहार; कुल संक्रमित- 15: यहां सोमवार को कोई नया मामला सामने नहीं आया है। बिहार में कोरोना महामारी के संदिग्धों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां अब तक 2376 लोग निगरानी में हैं, सबसे ज्यादा 648 सीवान के हैं। इसके आलावा 15 मार्च के बाद विदेश से बिहार आए 3500 लोगों की लिस्ट तैयार की गई है। दूसरी ओर, नीतीश सरकार ने दिल्ली-उत्तरप्रदेश से लौटे मजदूरों को बॉर्डर पर ही रोक दिया है। यहां उनके लिए राहत शिविरों में रहने-खाने का इंतजाम किया गया है।
  • गुजरात; कुल संक्रमित- 70: सोमवार को 7 नए मामले सामने आए। इनमें से 5 संक्रमित भावनगर से और एक अहमदाबाद से है। भावनगर के मरीजों में से एक 36 साल की महिला है। वह हाल ही में अमेरिका से लौटी थी। अन्य चार मरीज पुरुष हैं, जो स्थानीय संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। रविवार को अहमदाबाद में 3 संक्रमित मिले थे और 45 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। डॉक्टरों के मुताबिक, वह डायबिटिक था। अहमदाबाद में ही सबसे ज्यादा 21 संक्रमित हैं।
  • दिल्ली; कुल संक्रमित- 97: यहां सोमवार को अकेले 25 नए केस सामने आए। रविवार रात यहां के लाेक नायक हॉस्पिटल में 85 कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया। अब इस अस्पताल में 106 ऐसे मरीज हैं, जिन्हें कोरोना संक्रमण होने का संदेह है। अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को यह जानकारी दी है। इस बीच, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का इस्तेमाल क्वारैंटाइन सेंटर के रूप में किया जाएगा।
  • चंडीगढ़; कुल संक्रमित-13: चंडीगढ़ में 5 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसमें से 2 की ट्रैवल हिस्ट्री है। यह हाल ही में कनाडा से वापस लौटे हैं। शहर में संक्रमितों की संख्या 13 हो गई है।


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लॉकडाउन के कारण दिल्ली से दूसरे राज्यों में अपने घर की ओर लौटते मजदूर परिवार।


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रविवार, 29 मार्च 2020

अब तक 1139 मामले: लॉकडाउन में पैदल घर जा रहे लोग, इन्हें खाना-पानी मुहैया कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

नई दिल्ली. पंजाब में रविवार कोकोरोनावायरस से दूसरी मौत हुई।अमृतसर में 62 साल के व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। इसको मिलाकरदेश में अब तक कोरोना से 31लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, कोरोना संक्रमण के कुल 1139मामले सामने आ चुके हैं। ये आंकड़ा covid19india.org वेबसाइट के अनुसार है। सरकार के आंकड़ों में अभी संक्रमितों की संख्या 1024 ही है। इनमें से 95 ठीक हो गए हैं। लॉकडाउन के बीचदिहाड़ी मजदूर हजारों की तादाद में मुंबई, जयपुर, सूरत जैसी जगहों से अपने-अपने राज्यों की ओर जा रहे हैं। इनसे संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका में पैदल अपने गांव के लिए रवाना हुएमजदूरोंऔर उनके परिवारों के लिए खाना, पानी और ठहरने के इंतजाम करने की मांग की गई है।दिल्ली के एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने यह याचिका दाखिल की है।

इससे पहले केंद्र नेराज्यों से कहा था कि राज्य आपदा कोष से बॉर्डर पर ही मजदूरों के लिए खाने-पीने और 14 दिन के क्वारैंटाइन का इंतजाम किया जाए।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर हुई मंत्री समूह की बैठक में लॉकडाउन के दौरान सफर करने वाले प्रवासियों को रहने के लिए अस्थाई आवास देने का फैसला किया गया। वहीं,खाना, दवाइयां और ऊर्जा उत्पाद जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को चालू रखने काफैसला भीकिया गया।

लॉकडाउन में चूक पर कलेक्टर-एसपी जिम्मेदार

इधर, लॉकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी राज्य की बॉर्डर या हाईवे पर लोगों की आवाजाही न हो। इसमें चूक हुई, तो संबंधित जिले के कलेक्टर/डीएम और एसपी/एसएसपी जिम्मेदार होंगे। इस बीच,सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वे अपने वर्कर्स की सैलरी ना काटें और वक्त पर उन्हें पैसा दें। राज्यों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किराएदार से मकान मालिक एक महीने तक किराया ना मांगे, ताकि वे वहीं बने रहें।

कोरोना से निपटने के लिए केंद्र ने 11 समूह बनाए
गृह मंत्रालय ने कोरोना से निपटने की रणनीति बनाने के लिए 11 उच्चाधिकार समूह बनाए हैं। इनमें से 9 का नेतृत्व सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। जबकि एक का नीति आयोग के सीईओ और एक अन्य का नीति आयोग के सदस्य कर रहे हैं।

अखबार और जरूरी चीजों का परिवहन जारी रहे
केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को चिठ्ठी लिखकर कहा है कि लॉकडाउन के दौरान अखबार की सप्लाई प्रभावित न हो। सरकार ने इसे प्रिंट मीडिया के तहत जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में शामिल किया है। अजय भल्लाकी तरफ से लिखी इस चिठ्ठी में जरूरी और गैर जरूरी का भेद किए बगैर सभी तरह के माल की ढुलाई की इजाजत देने की बात भी कही गई है।

राज्यों काहाल

  • मध्यप्रदेश;कुल संक्रमित- 39:राज्य में रविवार कोकोई नया मामला सामने नहीं आया। हालांकि, शनिवार रात5 नए मामले सामने आए। 4 मरीज इंदौर में और एक उज्जैन में मिला। इंदौर में संक्रमित मिले चारों मरीज पुरुष हैं और उनकी उम्र 48 साल, 40 साल, 38 साल और 21 साल है। वहीं, उज्जैन में 17 साल की लड़की की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें से कोई भी हाल के दिनों में विदेश यात्रा पर नहीं गया था।अबइंदौर में सबसे ज्यादा20 पॉजिटिव हैं। इसके बादजबलपुर में 8, उज्जैन में 4, भोपाल में 3,शिवपुरी-ग्वालियर में 2-2 संक्रमित हैं। प्रदेश में अब तक 2 लोगों की मौत हुई है।
  • राजस्थान; कुल संक्रमित- 56:राज्य में रविवार को संक्रमण के 2 मामले सामने आए।भीलवाड़ा में 53 साल की महिला और झुंझुनूं में 21 साल का युवक पॉजिटिव पाया गया। युवक 18 मार्च को फिलीपींस से लौटा था। 26 मार्च को उसे बीमारी के लक्षण दिखाई दिए। राज्य में भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा 21 कोरोना संक्रमित हैं।
  • उत्तरप्रदेश;कुल संक्रमित- 69:यहां गौतम बुद्ध नगर में रविवार को 4 नए मामले सामने आए। इसजिले में सबसे ज्यादा 29 मरीज हैं।जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर अनुराग भार्गव ने बताया है कि यहां एक कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टरके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उस पर ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने का आरोप है। उसकी कंपनी के 13 कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं।
  • महाराष्ट्र;कुल संक्रमित- 193:राज्य में आज 7 मामले सामने आए।यहां सबसे ज्यादा 71 संक्रमितमुंबई में हैं। इसके बाद पुणे में 29, सांगली में 25 और नागपुर में 10 मरीज हैं। पिंपरी-चिंचवड़ के नगरीय निकाय आयुक्त श्रवण हार्डिकर का कहना है कि पुणे में 5 मरीजों की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। उनकी रविवार कोअस्पताल से छुट्‌टी कर दी गई। महाराष्ट्र में शनिवार को30 नए मामले सामने आए थे।
  • छत्तीसगढ़;कुल संक्रमित- 7:रविवार को यहां कोई नया मामला सामने नहीं आया।शनिवार को एक युवक संक्रमित पाया गया था। वह हाल ही में लंदन से लौटा था। उसे होम क्वारैंटाइन किया गया था। इसके बावजूद वह लोगों से मिलता जुलता रहा। अब प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। इस बीच, रायपुर मेंपुलिस ने लॉकडाउन के दौरान ड्रोन से निगरानी शुरू की है।सिविल लाइन एसपी पंकज चंद्र ने बताया कि घनी बस्तियों औरसंकरी गलियों में ड्रोन से नजर रखी जा रही है।
  • बिहार; कुल संक्रमित- 11: यहां रविवार को कोई नया मामला सामने नहीं आया।कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि राज्य में बीते कुछ घंटों में469 संदिग्धों को निगरानी में लिया गया है। शनिवार तक संदिग्धों कीसंख्या 1907 थी जो अब बढ़कर 2376 हो गई है।शनिवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के दो नए केस सामने आए थे।11 संक्रमितोंमें से 10 का इलाज चल रहा है।जबकि 38 साल के मरीज की पटना में 21 मार्च को मौत हो गई थी।
  • गुजरात; कुल संक्रमित- 63: गुजरात में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव जयंति रवि वे कहा- रविवार को पांच लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। इनको मिलाकर राज्य में अब तक 63 लोगों में कोरोना पॉजिटिव मिला है। इससे पहले, रविवार कोअहमदाबाद में 3 संक्रमित मिले थे और 45 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। डॉक्टरों के मुताबिक, वह डायबिटिक था। अहमदाबाद में ही सबसे ज्यादा 20 संक्रमित हैं।राज्य में अब तकसंक्रमण से 5 मौत हो चुकी हैं।
  • पंजाब; कुल संक्रमित- 39: पंजाब में रविवार को कोरोनावायरस से दूसरी मौत हुई।अमृतसर में 62 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। हालांकिरविवार को यहां कोईनया मामला सामने नहीं आया। इस बीच, मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है किराज्यमें कर्फ्यू के बावजूद लोगों की सुविधा के लिए 30 और 31 मार्च को बैंक खुले रहेंगे। वहीं, 3 अप्रैल से सभी बैंक शाखाएं हफ्ते में सिर्फ 2 दिन रोटेशन बेस पर खुलेंगी।
  • उत्तराखंड, कुल संक्रमित- 6:यहां रविवार को कोई नया मामला सामने नहीं आया। इस बीच,उधम सिंह नगर के कलेक्टर ने किसानों को फसलों की हार्वेस्टर से कटाई की अनुमति दे दी है। इसके लिए खेत में सिर्फ 3 लोगों को जाने की इजाजत दी गई है। कटाई पूरी होने के बाद ही इसमें लगे व्यक्ति घर लौटेंगे।
  • तेलंगाना; कुल संक्रमित-70:राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि रविवार तक यहांकोरोनावायरस के कुल 70 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है, जबकि एक को ठीक होने के बाद अस्पताल सेडिस्चार्ज किया जा चुका है।
  • पश्चिम बंगाल; कुल संक्रमित-21:राजधानीकोलकाता के हुगली में रविवार को एक 59 साल की टेस्ट रिपोर्टपॉजिटिव आई। वे आईसीयू में भर्ती हैं।
  • तमिलनाडु; कुल संक्रमित- 50:स्वास्थ्य मंत्री डॉ सी. विजयभास्कर ने बताया- इरोड से कोरोना के 8 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। ये सभी आईआरटी पेरुंदुरई में इलाज करा रहे थाई नागरिकों के संपर्क में आए थे। उनके संपर्कों के ट्रेसिंग के जरिए इन मरीजों की पहचान की गई। सभी रोगियों को उपचार के लिए अलग रखा गया है।
  • कर्नाटक; कुल संक्रमित- 83:स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में रविवार शाम 5 से आज 2 बजे तक 7 नए मामलों की पुष्टि हुई। राज्य में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 83 हो गई है। इनमें से 5 ठीक हो गए हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। 3 मरीजों की मौत हुई है।
  • केरल; कुल संक्रमित- 202:केरल में 20 नए मामले सामने आए। इनमें से 18 ने विदेश यात्रा की थी, जबकि 2 लोग संक्रमितों के संपर्क में आए थे। केरल के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, अब राज्य में कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 202 हो गई है। इनमें से 181 एक्टिव केस हैं। इलाज के बाद 4 लोगों में संक्रमण निगेटिव हो गया है।
  • दिल्ली; कुल संक्रमित- 49:रविवार को यहां कोई नया मामला सामने नहीं आया। शनिवार तक 1787 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से 1346 की रिपोर्ट आ चुकी है। 441 सैंपल की रिपोर्ट आनी है। दिल्ली-एनसीआर से सीमावर्ती राज्यों के मजदूरों का पलायन नहीं थम रहा। सरकार चिंतित है कि इससे लॉकडाउन का मकसद नाकाम न हो जाए।
  • जम्मू-कश्मीर; कुल संक्रमित- 38: यहां रविवार को 5 नए केस सामने आए। इनमें से श्रीनगर-बड़गाम में 2-2 और बारामूला में 1 संक्रमित मिला। राज्य में सबसे ज्यादा 15 संक्रमित श्रीनगर में हैं।
  • आंध्रप्रदेश; कुल संक्रमित- 19: रविवार को यहां कोई नया मामला सामने नहीं आया।राज्य में गुंटूर, कृष्णा और विशाखापट्‌टनम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां 4-4 मरीज हैं। इस बीच राज्य सरकार ने यहां मोबाइल रायतु बाजार चलाने का फैसला किया है। इसमें किसान अपनी सब्जियां सीधे बेच सकेंगे। इसका मकसद बाजार से भीड़ कम करना है।इस बाजार में लॉरी पर सब्जी खरीदी और बेची जाएगी।


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from Dainik Bhaskar

आज से इंदौर 3 दिन के लिए पूरा बंद, देश का सबसे कड़ा लॉकडाउन, इस दौरान कुछ नहीं मिलेगा

इंदौर. देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन जारी है। इसके बावजूद देश के अधिकांश इलाकों में लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। नतीजा संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या अब 20 से ज्यादा हो चुकी है।हालांकि, केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर लगातार इस पर लगाम कसने की कोशिशों में जुटी हैं। मगर हर प्रयास नकाफी साबित हो रहा है। एकाएक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडराने लगा है।शायद, यही वजह है कि आज मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर में देश का सबसे सख्त लॉकडाउन रहेगा। वो इसलिए क्योंकि अगले दिन यहां दूध-सब्जी समेत कोई भी जरूरी सामान नहीं मिलेगा। यह शहर पूरी तरह से थम जाएगा।

आखिर यह सबसे कड़ा लॉकडाउन क्यों?
देशभर में लॉकडाउन लागू हुए पांच दिन बीत चुके हैं। मगर इस दौरान भी वहां दूध-सब्जी समेत जरूरी चीजों के लिए प्रशासन ने पूरी तरह से छूट दे रखी है। पेट्रोल पंप, एटीएम जैसी सेवाएं जारी रखी है। इतना ही लोगों को बाहर निकलने और खरीदारी के लिए भी तय समय में छूट दी जा रही है। मगर मिनी मुंबई कहलाने वाला इंदौर अगले तीन दिन पूरी तरह से बंद हो जाएगा।

आखिर यह कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी?
दरअसल, लॉकडाउन के बाद भी इंदौर में बड़ी संख्या से लोग बाहर से आ रहे थे। कई सामाजिक संस्थाएं भोजन और अन्य सामग्री बांटने का काम कर रही थी। नतीजतन लॉकडाउन लागू होने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं हो पा रहा था। बीते दिन दिनों में इंदौर में संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले इंदौर पर एकाएक कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने चंदन नगर, रानीपुरा जैसे मामलों को चिह्नित किया है। वहां आवाजाही पर रोक लगाई है।

सख्ती बढ़ाने के लिए प्रशासनिक सर्जरी हुई
इंदौर की कमान अब कलेक्टर मनीष सिंह को सौंपी गई है। इससे पहले इंदौर के कलेक्टर लोकेश जाटव थे। वहीं पुलिस महकमे में डीआईजी रूचिवर्धन मिश्र की जगह डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र को लाया गया है। प्रशासनिक गलियारों में इन बदलावों को सख्ती बढ़ाने की दिशा में लिए गए कदम के तौर पर देखा जा रहा है। कलेक्टर सिंह को इंदौर की प्रशासनिक टीम के साथ काम करने का अनुभव भी है।

अचानक से बढ़ गए संक्रमण के मामले
इंदौर में अचानक से दो दिन में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। संक्रमितों की संख्या 22 पर पहुंच चुकी है। सभी मरीजों का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने सभी को एमआर टीबी अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा है। इनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। इनमें से एक वेंटिलेटर पर है तो बाकी 3 को बाईपेप मशीन पर रखा गया है।

रानीपुरा और देवास के संदिग्धों की मौत
कोरोनोवायरस संक्रमण के संदेह में एमआर टीबी अस्पताल में भर्ती 70 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बुजुर्ग रानीपुरा क्षेत्र में रहते थे। शनिवार को निजी अस्पताल में भर्ती देवास नगर निगम के 50 वर्षीय दिव्यांग कर्मचारी ने भी दम तोड़ दिया। मौत से पहले मरीज को बुखार और सांस लेने में समस्या थी। दोनों ही मामलों में कोरोना की जांच के लिए सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।

लॉकडाउन का उल्लंघन किया तो कार्रवाई- कलेक्टर
कलेक्टर मनीष सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। एक जगह चिह्नित कर नियम तोड़ने वालों को खुली जेल में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि भोजन बांटने के लिए एनजीओ को दिए गए पास भी निरस्त कर दिए गए हैं। यह जिम्मेदारी अब प्रशासन उठाएगा। पहले चरण में 10 हजार फूड पैकेट्स बांटे जाएंगे।



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जनता कर्फ्यू के दौरान इंदौर की सड़क का दृश्य। -फाइल


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कोटा में 40 हजार छात्र हॉस्टल-पीजी से बाहर न निकलकर वायरस को हरा रहे, अब तक कोई पॉजिटिव नहीं

जयपुर (दीपक आनंद).कोरोना के कहर के बीच हजारों लाेग अपने गांव-ढाणी जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। मजबूरी में लॉकडाउन तोड़ने वाले ये लोग देश को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में देश की कोचिंग कैपिटल और राजस्थान के कोटा में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने देश के सामने बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। कोटा में अभी एक भी कोरोना पाॅजिटिव नहीं मिला है।

इसमें सबसे अहम भूमिका इन छात्रों की है, जो अनुशासन के साथ अपने हॉस्टल-पीजी के कमरों में ही रह रहे हैं। वहीं, छात्राएं भी अपने घर जाने की जिद न करके यहां अनुशासन के साथ रह रही हैं। कोरोना का एपिसेंटर बन चुके भीलवाड़ा से कोटा शहर की दूरी 160 किमी से भी कम है। बावजूद इसके अब भी 35 से 40 हजार छात्रों ने कोराेना को हराने के लिए अपनी जिंदगी को हॉस्टल के रूम से लेकर मैस तक सीमित करके रख दिया है।

चुनौतियां कम नहीं-

  • न्यू राजीव गांधी नगर, राजीव गांधी नगर, तलवंडी व जवाहरनगर सहित अन्य जगह हॉस्टलों के कई कमरों में क्रॉस वेंटिलेशन भी नहीं।
  • सूरज की किरणें भी कमरों तक नहीं पहुंच सकतीं। इसके बावजूद छात्र अपने कमरों में ही रह रहे हैं।
  • परिजन चिंता नहीं करें, इसके लिए वह प्रतिदिन फोन के जरिए संपर्क में रहते हैं।
  • जिला प्रशासन, कोचिंग संचालक और हाॅस्टल संचालक सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन छात्र अपनी इच्छाशक्ति के कारण इस अनुशासन को बना पा रहे हैं।

खतरा इसलिए ज्यादा

दुनिया का 7वां सबसे घनी आबादी वाला शहर है कोटा, कम्युनिटी संक्रमण यहां सबसे घातक

वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की साल 2017 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार कोटा विश्व के सात सबसे अधिक घनत्व वाले शहरों में है। मुंबई सूची में दूसरे स्थान पर था। कोटा में प्रति वर्ग मीटर 12,100 लोग रहते थे। मुंबई में 31,700 लोग थे। इसे देखते हुए कोटा बेहद संवेदनशील शहर है।

यूं गुजार रहे वक्त

  • छात्रों की कोचिंग बंद होने व लॉकडाउन के बाद उनका पूरा दिन हॉस्टल में ही बीतता है।
  • कोटा के अधिकांश हॉस्टल मध्यमवर्गीय परिवारों को देखते हुए बनाए गए हैं। ज्यादातर हॉस्टल में मनोरंजन की बहुत सुविधाएं नहीं हैं।
  • किताबें-इंटरनेट ही फिलहाल इनके साथी हैं।
  • सुबह करीब नौ से दस बजे तक ब्रेकफास्ट खत्म करने के बाद ये बच्चे कमरों में चले जाते हैं।
  • पढ़ाई के बाद लंच करने मेस जाते हैं और फिर से अपने रूम में आकर आइसोलेशन का टाइम शुरू।

सकारात्मक नजरिया-छात्र इस समय को भी पॉजिटिव रूप में ले रहे हैं। वे मानते हैं कि जेईई मेन अाैर नीट आगे बढ़ने के कारण अब इन्हें पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलेगा।



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कोटा में 40 से 45 हजार छात्र अभी भी मौजूद हैं।


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छह महाद्वीपों के 199 देशों में कोरोना; अमेरिका, यूरोप और ईरान खतरे में, चीन में 7 दिन में 100 से कम केस

वॉशिंगटन डीसी.दुनिया के 199 देश कोरोना से प्रभावित हैं। अब तक 6,83,563 केस मिले हैं। 32,144 मौतें हुई हैं। 146,396 मरीज ठीक हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित टॉप 10 देशों में यूरोप के 7, एशिया के 2, उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का एक देश है। रविवार को यूरोप का नीदरलैंड भी इसमें आ गया। 6 महाद्वीपों में कोरोना फैल चुका है।


श्रीलंका और न्यूजीलैंड में पहली मौत

  • श्रीलंका: कोरोना से पहली मौत। 65 साल के इस पीड़ित को डायबिटीज व किडनी की समस्या थी।
  • नीदरलैंड: सरकार ने अस्पतालों से 6 लाख खराब मास्क वापस बुलवाए। ये चीन से खरीदे गए थे।
  • न्यूजीलैंड: कोरोना से पहली मौत। इस 70 साल की महिला के संपर्क में आए 21 हेल्थवर्कर भी क्वारेंटाइन।
  • अफगानिस्तान: हेरात,जलालाबाद के वाणिज्य दूतावासों से भारतीय राजनयिक काबुल शिफ्ट।
  • पनामा: प्रशांत महासागर में 15 दिन से फंसे शिप के 1800 यात्रियों को दूसरे शिप में जाने की मंजूरी।

दुनिया: एक दिन में 20504 मामले बढ़े, स्पेन में सबसे ज्यादा

देश कुल मामले नए मामले मौतें ठीक हुए
अमेरिका 123,828 +250 2,229 3,238
इटली 92,472 ------- 10,023 12,384
चीन 81,439 +45 3,300 75,448
स्पेन 78,797 +5,562 6,528 14,709
जर्मनी 58,247 +552 455 8,481
ईरान 38,309 +2,901 2,640 12,391
फ्रांस 37,575 ------ 2,314 5,700
ब्रिटेन 19,522 +2,433 1,228 135
स्विट्जरलैंड 14,593 +517 290 1,595
नीदरलैंड 10,866 +1,104 771 3
बेल्जियम 10,836 +1,702 431 1,359

(रात 8:30 बजे तक के आंकड़े)



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सात दिन: यूरोप के 5 देश और अमेरिका में हर रोज 1000 से ज्यादा संक्रमित।


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यहां के 73 इलाके अब तक सैनिटाइज किए गए, बच्चों की ई-लर्निंग से इंटरनेट धीमा पड़ रहा

दुबई से भास्कर के लिएडॉ. उदय कुमार.यूएई में कोरोनावायरस का असर है, लेकिन दुनिया के और पड़ोसी देशों जैसे हालात बिल्कुल नहीं है। सरकार ने मरीजों की टेस्टिंग और देखभाल की माकूल व्यवस्था की है। कॉलोनियों में सिक्योरिटी गार्ड और कभी-कभार पुलिस की गाड़ी आकर सचेत करती है कि छिड़के गए रसायनों का दुष्प्रभाव न हों, इसलिए सभी घर के अंदर रहें। कंस्ट्रक्शन का काम रोक दिया गया है। मारपीट, झगड़े, शारीरिक प्रताड़ना जैसी कोई शिकायत या दृश्य देखने अब तक नहीं मिला है। पुलिस भी पूरी शिष्टता से नियमों का पालन करा रही है।


पूरे शहर को सैनिटाइज करने सरकार ने 3 दिन का नेशनल स्टेरेलाइजेशन प्रोग्राम शुरू किया है, जिसमें बताया गया कि किस दिन, किस इलाके में सफाई और छिड़काव होगा। इसे अब 4 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। दुबई नगर पालिका ने शुक्रवार तक शहर के 73 इलाकों, 129 स्थलों, सड़कों और बहुमंजिला इमारतों में कार्य पूरा कर लिया है। इस काम के लिए 6 हेज स्प्रे, 34 प्रेशर स्प्रे वाहनों, 6 सफाई मशीनों, 72 प्रेशर स्प्रेयरों को लगाया गया है। हजारों वर्कर्स दुबई के 47 मेट्रो स्टेशनों, 11 ट्राम स्टेशन, 11 ट्राम रेलों, 1372 बसों और 17 बस स्टेशनों को सैनिटाइज करने में लगे हैं।


दूसरी ओर, अधिक से अधिक लोगों को घर से काम करने की सुविधा दी गई है। स्कूल बंद होने से पढ़ाई पर असर न पड़े, इसलिए ऑनलाइन पढ़ाई जारी है। बच्चे भी ई-लर्निंग के लिए गंभीर हैं। स्कूल प्रबंधक और टीचर लगातार फीडबैक ले रहे हैं। ई-लर्निंग के कारण इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर काफी लोड आ रहा है। लेकिन टेलीकॉम कंपनियां कुशलता से इस समस्या को मैनेज कर रही हैं। बिजनेस, टूरिज्म बंद होने से आम लोगों और व्यापारियों में चिंता है। लेकिन सभी को उम्मीद है कि वे जल्द ही दुनिया को फिर से कह पाएंगे- वेलकम बैक टू दुबई।

विमान सेवाएं बंद, दूसरे देशों के फंसे लोगों को स्पेशल फ्लाइट से भेजा जा रहा
विमान सेवाएं बंद हैं। विदेशी नागरिकों और पर्यटकों को समयबद्ध तरीके से उनके देश रवाना करने के लिए स्पेशल फ्लाइट्स की व्यवस्था की गई है। जो यात्री खुद की गलती से एयरपोर्ट पर रह गए हैं, उनके ठहरने की भी व्यवस्था सरकार ने की है।



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वाहन को सैनिटाइज करते कर्मी।


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न्यूयॉर्क में 55% संक्रमित युवा; इसकी वजह मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियां

नई दिल्ली.कोविड-19 का प्रकोप झेल रहे अमेरिकियों के लिए कुछ आंकड़ों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। जिस वायरस से बुजुर्गों अधिक प्रभावित होते हैं, उसकी चपेट में युवाओं के आने से तूफान खड़ा हो गया है। कारणों का विश्लेषण शुरू हो गया है। डिसीज कंट्रोल प्रिवेंशन सेंटर की 18 मार्च की रिपोर्ट में बताया गया था कि करीब 40%बीमार लोगों की आयु 55 साल से कम है। इनमें से आधे लोगों की आयु 20 से 44 वर्ष के बीच है।

अमेरिका में 19 से 55 वर्ष की आयु के लोगों की आबादी में संख्या 47% है। डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद अलेक्जेंड्रिया ओकेसियो कॉर्टेज (30 वर्ष) ने बताया कि ‘न्यूयॉर्क राज्य में 55% मामले 18 से 49 साल की आयु के लोगों के हैं’। इसके बाद सीडीसी ने अस्पतालों में भर्ती लोगों के विस्तृत आंकड़े नहीं दिए हैं। फैलाव के शुरुआती दौर में युवाओं के प्रभावित होने के कुछ कारण हो सकते हैं। अमेरिका में सबसे पहले न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में कोरोना ने पांव पसारे हैं। यह शहर देश के अन्य इलाकों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक युवा है। लॉकडाउन लागू होने से पहले बार, रेस्त्रां और सबवे में युुवाओं की ज्यादा भीड़ रही होगी। ऐसे भीड़ भरे स्थानों में बीमारी जल्दी फैलती है।

हमारे युवा खतरों के प्रति लापरवाह हैं: ट्रम्प
युवाओं के बारे में चिंता के कई कारण हैं। चीन में वायरस पर रिसर्च से पता लगा है कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित मोटे लोग अधिक प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिका में ये सब फैक्टर हैं। इटली में लगभग 20% व्यक्ति मोटे हैं तो अमेरिका में 36%। 10% से अधिक अमेरिकी डायबिटीज के मरीज हैं। इनमें सभी बुजुर्ग नहीं हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं, ‘कई युवा खतरे की गंभीरता महसूस नहीं करते हैं’।



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अमेरिका के ईस्ट मीडो के एक पार्क में अस्पताल बनाने में जुटे कर्मचारी।


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दुबई में इसके उल्लंघन पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना, सैनिटाइजेशन के लिए ड्रोन से किया जा रहा है छिड़काव

दुबई (डॉ. सुभाष अत्रे) .पूरी दुनिया कोविड-19 की चपेट में है। दुबई भी अछूता नहीं। लेकिन यहां हालात नियंत्रित हैं। 28 जनवरी से अब तक 468 मरीज मिल चुके हैं। 55 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि दो की मौत हो गई। सैलानियों से गुलजार रहने वाला दुबई 26 मार्च से 3 दिन के लॉकडाउन में सुनसान है। सड़कें वीरान हैं। मॉल बंद हैं। लेकिन होटल, रेस्त्रां, फूड जाॅइंट्स खुले हैं। कैरेफोर, लुलू हाइपर मार्केट जैसे डिपार्टमेंटल स्टोर्स में रोजमर्रा की जरूरत के सामान की भरमार है। दूध-सब्जी की कोई कमी नहीं। होम डिलीवरी भी जारी है। रसाेई गैस और पानी की बोतलें फोन कर मंगवाई जा सकती हैं। ‘पैनिक परचेज’ नहीं है। सरकार ने प्रतिबंधात्मक कदम धीरे-धीरे लागू किए हैं और लोग सहयोग कर रहे हैं।

हालांकि, यहां लाॅकडाउन के नियम काफी सख्त हैं। नियम तोड़ने पर 50 हजार दिरहम (करीब 10 लाख रुपए) तक जुर्माना लगाया जा रहा है। रात 8 से सुबह 6 बजे तक बाहर न निकलने का नियम भी सख्ती से लागू है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बसों और मेट्रो में बैठने वालों की संख्या एक तिहाई तक कम कर दी गई, ताकि लोगों के बीच सुरक्षित दूरी रहे। जाहिर तौर पर पुलिस की सख्ती नहीं दिखती, लेकिन तीन से ज्यादा लोगों के साथ चलने पर तुरंत टोका जाता है। जरूरी काम के लिए भी कम से कम लोगों को निकलने काे कहा जाता है। सरकार ने दुबई में शुरू की गई सैनिटाइजेशन ड्राइव 4 अप्रैल तक बढ़ा दी है। शहर की सभी 17 हजार टैक्सियां सैनिटाइज की गई हैं। सैनिटाइजेशन के लिए ड्रोन से भी छिड़काव किया जा रहा है। सरकार जांच पर खास ध्यान दे रही है। हालांकि, व्यापारी वर्ग थोड़ा चितिंत है। प्रवासी कामगार भी निराश हैं। हालात नहीं बदले तो उन्हें ऐसे ही वापस जाना पड़ेगा। फिर भी दुबई निराश नहीं। सब मिलकर कोरोना पर जल्द जीत हासिल करना चाहते हैं।

सैनिटाइजेशन पर जोर, जगह-जगह डिस्पेंसर और टिश्यू पेपर लगे

मॉल, सुपर मार्केट, बैंक और अस्पताल जैसे हर सार्वजनिक स्थान पर सैनिटाइजेशन पर जोर है। हर जगह डिस्पेंसर और टिश्यू पेपर लगे हैं। सुपर मार्केट में ग्राहक के सामान लेने के बाद काउंटर पर सफाई के बाद दूसरे की बिलिंग शुरू हाेती है। बैंकों में करंसी और कागजात का लेनदेन ग्लव्स पहन लिफाफों में किया जा रहा है।



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मॉल, सुपर मार्केट, बैंक और अस्पताल जैसे हर सार्वजनिक स्थान पर सैनिटाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है।


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Fox News Breaking News Alert

Fox News Breaking News Alert

TUNE IN: Elton John, Mariah Carey and more on 'FOX Presents the iHeart Living Room Concert for America'

03/29/20 5:54 PM

विदेश से लौटे लोगों ने पैरासिटेमॉल से बुखार दबाया, राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 193, अब एप से नजर

(पुणे से मंगेश फल्ले/मुंबई से चंद्रकांत शिंदे).देश में महाराष्ट्र में सबसे बुरे हालात हैं। यहां मरीजों की संख्या 193 हो गई है। सात की मौत हुई है। 323 अस्पतालों में हैं। राज्य में 17,295 लोग होम क्वारैंटाइन और 5928 संस्थाओं में क्वारैंटाइन में हैं। इस बीच विदेश यात्रा से लौटने वालों की गंभीर लापरवाही सामने आई है। अमेरिका, दुबई, लंदन, फ्रांस, जर्मनी से आए कई लोगों ने बुखार के लक्षणों को दबाने के लिए पैरासिटेमॉल का इस्तेमाल किया और मुंबई एयरपोर्ट पर बुखार कीजांच से बच निकले।

इधर कुछ लोगों को होम क्वारैंटाइन के बावजूद बाहर घूमते देखा गया है। इससे निपटने के लिए पुणे प्रशासन ने ‘फेशियल रिकग्निशन सिस्टम’ आधारित ऐप बनवाया है। 1276 लोगों पर 152 पुलिस टीमें नजर रख रही हैं। संदिग्ध लोगों को घड़ी के सामने खड़े होकर सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड करने का कहा गया है। उस समय की उसकी लोकेशन भी ऐप पर दर्ज हो जाती है। ऐसा दिन में दो बार करवाया जा रहा है। ऐसा न करने पर पुलिस को तत्काल उसकी अनुपस्थिति पता चलती है। इस ऐप के इस्तेमाल के अच्छे नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

दिल्ली: चीन की स्थिति के आधार पर तैयारी की, रोज एक हजार मरीजों की भर्ती तक का प्लान

तैयारी के लिए दिल्ली सरकार की बनाई कमेटी के प्रमुख डॉ.एस.के.सरीन ने बताया कि चीन के पहले 1000 मरीजों की स्थिति के आधार पर तैयारी की है। वहां 1000 मरीजों में 140 को भर्ती होना पड़ा। 50 को आईसीयू और 23 को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी। एक मरीज 4 से 20 दिन भर्ती रहा। दिल्ली ने हर दिन 500 मरीज और हर दिन 1000 को भर्ती की जरूरत का प्लान बनाया है। निजी अस्पतालों की भी मदद लेनी होगी। एक दिन में 100 मरीज आते हैं तो 14 को भर्ती करना पड़ेगा और इसके लिए पांच आईसीयू बेड और करीब 2.3 वेंटिलेटर की जरूरत होगी। इसके लिए लोक नायक और राजीव गांधी सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में आईसीयू के 50-50 बेड और आइसोलेशन के 200-200 बेड तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर लोक नायक में एक हजार और राजीव गांधी में 400 बेड हो सकते हैं। जीटीबी, डीडीयू और अंबेडकर अस्पताल में भी व्यवस्था हैं। 26 एंबुलेंस अलग रखी गई हैं। जरूरत पढ़ने पर 90 और एंबुलेंस हैं। रोज 3000 जांच की तैयारी है। 10 अप्रैल तक लॉकडाउन रहा तो संख्या बढ़ने के क्रम में कमी आने लगेगी।



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मुंबई में लॉकडाउन के दौरान बाजारों को सेनिटाइज किया जा रहा है।


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शनिवार, 28 मार्च 2020

8700 फीट की ऊंचाई पर बसे गांव में बिना हाथ धोए एंट्री बैन, गांव के बाहर लोगों के लिए लगी पानी की टंकी

करगिल.करगिल का गांव लत्तू, जो समुद्र तल से 8700 फीट ऊंचाई पर बसा है। पहले ठंड की स्थिति और अब बीमारी का डर लोगों को सता रहा है। इन स्थितियों के बीच इस गांव में कोरोना को लेकर जागरुकता देखने को मिल रही है। ग्रामीणों ने स्वच्छता की मुहिम शुरू करते हुए गांव के बाहर एक पानी की टंकी लगा दी है। इस पर लिखा है- ‘पहले हाथ धोएं, फिर गांव में प्रवेश करें।’ ग्रामीणों के मुताबिक बिना हाथ धोए किसी भी शख्स को गांव में घुसने नहीं दिया जा रहा है। चाहे वह गांव का हो या फिर बाहर का।

अन्य गांव भी सीख ले रहे

करगिल में कोरोना संक्रमित के शक में 145 से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन में हैं। दो मरीजों के पॉजिटिव होने का पता चला है। इसे देखते हुए लत्तू के ग्रामीणों ने एक कमेटी बनाई है। जिसने गांव के बाहर पानी की टंकी रखवाई है। वहां साबुन और सैनिटाइजर भी रखा गया है। इस मुहिम की चर्चा करगिल के उपायुक्त बशीर उल हक चौधरी ने ट्विटर पर की है। फायदा यह हुआ कि आसपास के लोग भी यह तरीका अपनाने लगे हैं।



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लोगों ने गांव के बाहर पानी की टंकी और सैनिटाइजर रखा है।


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देश में पहला मामला केरल में सामने आया था, अब पहलीे मौत, 187 संक्रमित, एक लाख से अधिक लोग निगरानी में

कोच्चि से बाबू के पीटर.केरल देश का पहला राज्य था, जहां कोराेनावायरस का मामला सामने आया था। शनिवार को यहां इससे पहली मौत हुई है। सबसे पहले वुहान से लौटे तीन छात्र काेराेना पॉजिटिव मिले थे। ये छात्र कासरगोड, त्रिशूर और अलपुझा जिले के थे। तुरंत कदम उठाते हुए इन्हें आइसोलेशन में रखा गया और इनके संपर्क में आए करीब 3 हजार लोगों को घरों में क्वारेंटाइन में भेज दिया गया। इन मामलाें के सामने आने के बाद राज्य में आपदा घोषित कर दी गई थी, लेकिन चार दिन में स्थिति नियंत्रण में आ गई और आपदा की चेतावनी वापस ले ली गई। फिर आठ मार्च को अचानक एक साथ पांच मामले सामने आए। इनमें से तीन लोग इटली से लौटे एक ही परिवार से थे। दो लोग वो थे, जो इनके संपर्क में आए थे। इसके बाद राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। नौ मार्च को एक साथ तीन और मामले सामने आए। इसके बाद से यह सिलसिला जारी है। अब 69 साल के एक व्यक्ति ने कोच्चि के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम ताेड़ दिया है। यह राज्य में कोराना वायरस से पहली मौत है। यह व्यक्ति 22 मार्च को ही दुबई से लौटा था। जबकि देश में अब तक बीस से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

14 जिलों में मिले पॉजिटिव
केरल देश में काेराेना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दूसरा राज्य है। यहां 187 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 11 विदेशी नागरिक हैं। 14 जिलों में पॉजिटिव मामले मिल चुके हैं। इसमें कासरगोड जिले में 85 से अधिक मामले सामने आए हैं। यह राज्य का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बन गया है। कासरगोड सेंट्रल यूनिवर्सिटी को कोविड प्राइमरी सेटर केयर सेंटर में तब्दील कर दिया गया है। कासरगोड मेडिकल कॉलेज में भी विशेष इंतजाम किया जा रहा है। शनिवार को यहां हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। पड़ाेसी राज्य ने जिले से लगी अपनी सीमा सील कर दी है। इधर, पूरे केरल में एक लाख 10 हजार से अिधक लोग निगरानी में हैं। इन्हें राज्य के 616 अस्पतालों में रखा गया है। केरल में काेरोनावायरस के मरीजों पर एचआईवी की दवा देने के प्रभावशाली प्रयोग के बाद सरकार ने तालुका स्तर के अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

राज्य में कम्युनिटी किचन खोले जा रहे
अब तक यह दवा सिर्फ जिला स्तर के अस्पतालों में ही दी जाती थी। राज्य सरकार मरीजाें के इलाज के लिए क्यूबन मेडिसिन के इस्तेमाल पर भी विचार कर रही है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से अनुमति मांगी जाएगी। आम लोगों को दिक्कत न हो इसलिए पूरे राज्य में कम्युनिटी किचन खाेले जा रहे हैं। कृषि विभाग गांवों में सब्जियों के बीज किसानोें को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। यह व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के माध्यम से की जाएगी। एक और खास बात यह देखने में आई है कि केरल के मंदिरों में भक्तों के न पहुंचने से बंदर हिंसक हो रहे हैं, इसे देखते हुए प्रशासन ने मंदिरों के बाहर बंदरों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया है।
एक लाख युवाओं काे तैयार किया

  • युवा मामलों का विभाग काेराेना से लड़ने के लिए 22 से 24 साल के युवाआें को तैयार कर रहा है। करीब 1 लाख युवा इसमें काम करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
  • राज्य में 4603 कैम्प शुरू किए गए हैं। इनमें बाहर के मजदूरों के रहने का इंतजाम है। इन मजदूरों को हिन्दी, बंगाली और उड़िया भाषा में जानकारियां दी जा रही हैं।
  • राज्य में लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करवाने के लिए करीब 748 कम्युनिटी किचन शुरू किए गए हैं। ऐसे ही 300 और किचन आने वाले दिनों में शुरू किए जाएंगे।


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यहां कम्युनिटी किचन खाेले गए हैं।


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