साउथ कैरोलिना. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को साउथ कैरोलिना में रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा- वे एकशानदार इंसान हैं, देश के लोग उन्हें बहुत प्यार करते हैं। रैली मेंट्रम्प ने भारत यात्रा और इस दौरान हुए अनुभवों को भी साझा किया। 24 फरवरी को मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ के दौरान ट्रम्प ने 2.30 मिनट मोदी की तारीफ की थी।
ट्रम्प ने कहा- पिछले हफ्ते अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में सवा लाख लोगों कोसंबोधित करने के बाद अब मैं कभी भी जनसमूहको लेकर इतना उत्साहित नहीं हो पाऊंगा, जितना वहां था। मैं आपको बताना चाहता हूं कि वह सबकुछ कमाल का था।
वहां 15 लाख लोग मौजूद थे: ट्रम्प
उन्होंने कहा-सामान्य रूपमैं अपनेसमर्थकोंको लेकर बात करना पसंद करता हूं, क्योंकि मुझे ऐसाजनसमूहमिलताहै,जो किसी को नहीं मिलता। अभी मैं जहां से लौटा हूं,वहां 140, 50 या 60 हजार लोग थे। अब मैं यहां आया हूं। आप खुद सोचिए कि वहां15 लाख लोग थे। हमारे पास 350 हैं। हम भी अच्छा ही कर रहे हैं।
वहां के लोग आपसे प्यार करते हैं: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा- मैं यहां जुटे लोगों को प्यार करता हूं। मैं उस जनसमूहको भी प्यार करता हूं। आपको कह सकता हूं कि उनके पास बहुत प्यार है। उनके पास बड़े नेता हैं। उनके पास इस देश के लोगों के लिए बेहद प्यार है। वह एक यादगार दौरा था।
मोटेरा स्टेडियम में हुआ था ट्रम्प का स्वागत
ट्रम्प के साथ भारत दौरे पर पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका भी आए थे। 36 घंटे की भारत यात्रा के दौरान ट्रम्प परिवार ने अहमदाबाद, आगरा के साथ दिल्ली मेंकार्यक्रमों में हिस्सा लिया। ट्रम्प के सम्मान में अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में ‘नमस्ते ट्रम्प’ कार्यक्रम हुआथा।
अहमदाबाद (संकेत ठाकर ).गुजरात में अहमदाबाद के जासपुर में 1000 करोड़ रु. की लागत से उमिया माताजी का विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर 100 बीघा में बनेगा। यह 431 फीट ऊंचा होगा। मंदिर निर्माण के लिए शनिवार को दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रमपूरा हुआ।मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ 110 मिनट में 136 करोड़ रुपए श्रद्धालुओं ने दान दे दिए। दिलचस्प बात यह है कि अंतिम 17 मिनट में 40 करोड़ रुपए आए।
दरअसल,मंदिर के दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रम में विश्व उमिया फाउंडेशन ने 125 करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग जुटाने का लक्ष्य तय किया था। शनिवार को जब समारोह का समापन हो रहा था, तब पता चला कि 40 करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। तभी मुख्य संयोजक आरपी पटेल ने मंच से कहा- ‘‘40 करोड़ रुपए की व्यवस्था कम पड़ रही है।’’ इसके बाद देखते ही देखते 17 मिनट में ही 40 करोड़ रुपए का चंदा आ गया।
नई दिल्ली (धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया).टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) की रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2019 तक देश में मोबाइल ग्राहकों (सब्सक्राइबर) की संख्या में 31.5 लाख की कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर तक देश में कुल मोबाइल यूजर्स की संख्या 115.14 करोड़ रही जबकि टेलीफोन यूजर्स की संख्या 2.1 करोड़ थी। जहां शहरों में मोबाइल ग्राहकों की संख्या में कमी आई है वहीं गांवों में यह संख्या बढ़ी है।
शहरों में मोबाइल यूजर 33.6 लाख कम होकर 64.397 करोड़ रहे। जबकि गांवों में यूजर्स की संख्या 50.746 करोड़ रही, इसमें 2.1 लाख ग्राहक जुड़े। सर्वाधिक 36.44 लाख उपभोक्ता वोडाफोन-आइडिया के कम हुए हैं। इस संबंध में कंपनी प्रवक्ता ने बताया कि ग्राहक संख्या कम होने का मुख्य कारण हमारा एक्टिव सब्सक्राइबर काउंटिंग का तरीका बदलना था। हमने ग्राहक के सक्रिय रहने के 120 दिन के नियम को 90 दिन कर दिया।
मोबाइल विशेषज्ञ और टेकआर्क के फाउंडर एंड चीफ एनालिस्ट फैसल कौसा ने कहा कि संख्या कम होने के पीछे प्लान महंगे होना है। कई सरकारी अनिवार्यताओं के कारण भी लोग एक ही सिम रखना पसंद कर रहे हैं। कंपनियों ने दिसंबर अंत में सेवाओं के दाम बढ़ाए हैं, एेसे में ट्राई की जनवरी माह की रिपोर्ट में संख्या और कम हो सकती है।
सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन एस. मैथ्यूस ने कहा कि ग्राहकों की संख्या में गिरावट के वैश्विक और घरेलू कई कारण हैं। जैसे सब्सक्राइबर्स के पास कई सिम थीं और अब वह एक मोबाइल नंबर की ओर लौट रहा है।मैथ्यूस ने कहा कि साथ ही जो नंबर प्रयोग में नहीं आते हैं उनको हटाना। जैसे कुछ वर्ष पहले कंपनी ने मिनिमम रिचार्ज प्लान बाजार में उतारे थे ऐसे में सस्ते पैक चाहने वाले ग्राहकों के द्वारा भी मोबाइल का प्रयोग बंद किया गया है।
मध्यप्रदेश में ग्राहक बढ़े, बिहार में घटे
देश में 31 दिसंबर तक मोबाइल यूजर्स की कुल संख्या 115.14 करोड़ रही इनमें से 98.26 करोड़ ग्राहक सक्रिय थे।
नवंबर से दिसंबर 2019 की तुलना में जम्मू-कश्मीर (4.91 लाख), मप्र (2.33 लाख) और उप्र-पूर्व 1.49 लाख में ग्राहक सबसे ज्यादा बढ़े। वहीं उप्र-पश्चिम (6.78 लाख), बिहार (4.31 लाख) और प. बंगाल (3.02 लाख) में सर्वाधिक घटेे।
दिसंबर में 34.6 लाख ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए आवेदन किया। कुल एमएनपी की संख्या नवंबर-19 मेंे 46.66 करोड़ से बढ़कर 47.01 करोड़ हो गई।
अहमदाबाद (संकेत ठाकर ).गुजरात में अहमदाबाद के जासपुर में 1000 करोड़ रु. की लागत से उमिया माताजी का विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर 100 बीघा में बनेगा। यह 431 फीट ऊंचा होगा। मंदिर निर्माण के लिए शनिवार को दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रमपूरा हुआ।मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ 110 मिनट में 136 करोड़ रुपए श्रद्धालुओं ने दान दे दिए। दिलचस्प बात यह है कि अंतिम 17 मिनट में 40 करोड़ रुपए आए।
दरअसल,मंदिर के दो दिवसीय शिलान्यास कार्यक्रम में विश्व उमिया फाउंडेशन ने 125 करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग जुटाने का लक्ष्य तय किया था। शनिवार को जब समारोह का समापन हो रहा था, तब पता चला कि 40 करोड़ रुपए कम पड़ रहे हैं। तभी मुख्य संयोजक आरपी पटेल ने मंच से कहा- ‘‘40 करोड़ रुपए की व्यवस्था कम पड़ रही है।’’ इसके बाद देखते ही देखते 17 मिनट में ही 40 करोड़ रुपए का चंदा आ गया।
from Dainik Bhaskar /gujarat/news/136-crores-help-in-110-minutes-40-crores-if-it-falls-short-gather-in-17-minutes-as-soon-as-the-announcement-is-made-126873005.html
लखनऊ. सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा समय से धरना जारी है। इसी की तर्ज पर यूपी के 7 शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में इन दिनों परीक्षाओं की वजह से भीड़ कम हुई है। लेकिन, प्रदर्शन की सबसे दर्दनाक तस्वीर भी यहीं से सामने आई है। यहां प्रदर्शन में बैठी लड़की बारिश में भीगकर बीमार हुई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कानपुर में धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने हटाया तो उन्होंने सड़क पर कब्जा कर लिया। मजबूर होकर प्रशासन को पार्क में धरना देने की अनुमति देनी पड़ी। अलीगढ़ में चल रहे प्रदर्शन के दौरान माहौल बिगड़ा तो वहां इंटरनेट बंद करना पड़ा था। मुरादाबाद में चल रहे प्रदर्शन के दौरान हुए हंगामे के बाद प्रशासन ने धरने में शामिल शायर इमरान प्रतापगढ़ी को 1 करोड़ 4 लाख रु. का नोटिस दिया। सहारनपुर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है तो प्रयागराज में धरनास्थल पर बारिश का पानी भरने के बाद भी महिलाएं हटी नहीं। आजमगढ़ के बिलिरियागंज कस्बे में धरने पर बैठी महिलाओं को पुलिस ने लाठी मारकर भगा दिया। इन महिलाओं से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पहुंची थीं। पढ़िए यूपी के 7 शहरों से ग्राउंड रिपोर्ट...
#लखनऊ: महिलाओं ने बनाया सांकेतिक डिटेंशन सेंटर
लखनऊ में सांकेतिक हिरासत केंद्र बनाया गया है।
लखनऊ के घंटाघर पर 17 जनवरी से प्रदर्शन जारी है। हम यहां शाम 5 बजे के आसपास पहुंचे। 43 दिन से चल रहे धरने में महिलाओं की संख्या आम दिनों से काफी कम नजर आ रही है। महिलाओं ने बताया- इस समय बच्चों की परीक्षा चल रही है, इस वजह से महिलाएं थोड़ा व्यस्त हो गई हैं। यहां महिलाओं ने सांकेतिक डिटेंशन सेंटर भी बनाया है। बगल में भारत के नक्शे का बड़ा कटआउट भी लगा है। कुछ महिलाएं रंगोली तो कुछ चार्ट पेपर पर नए-नए स्लोगन्स लिख रही हैं। फखरुद्दीन की बेटी तैय्यबा बीए की छात्रा थी। वह भी घंटाघर पर अन्य महिलाओं के साथ धरने पर बैठी थी। ठंड में हुई बारिश में भीगने से उसकी तबियत बिगड़ गई। पिछले रविवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। फखरुद्दीन बेटी को वकील बनाना चाहते थे। फखरुद्दीन कहते हैं- तैय्यबा कहती थी "पापा मैं आपका ख्वाब पूरा करूंगी" मेरी बेटी मेरा ख्वाब पूरा कर गई, पूरे हिंदुस्तान में उसका नाम हो गया।'' प्रदर्शन के दौरान सुर्खियोंमें आई शायर मुनव्वर राना की बेटी सुमैया कहती हैं कि यह सही है कि लखनऊ में धरना शाहीनबाग की तर्ज पर शुरू हुआ था। लेकिन, शाहीनबाग अगर किसी बीच के रास्ते पर उठ जाता है तो हम तब भी नहीं उठेंगे। हम तब तक बैठेंगे जब तक सीएए, एनआरसी और एनपीआर की वापसी नहीं हो जाती है। प्रशासन ने महिलाओं के प्रदर्शन से जुड़ी 4 एफआईआर की है, जिसमें 298 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
#कानपुर: विरोध के आगे झुका प्रशासन, पार्क में धरना देने की इजाजत दी
कानपुर में प्रदर्शन के दौरान पोस्टर हाथ में लेकर भाईचारे का संदेश देती मुस्लिम लड़की।
कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि दिल्ली में जिन्होंने भी दंगा किया,वह हिंदुस्तानी नहीं हो सकते हैं। महिलाओं का कहना है कि सीएए के विरोध की आड़ में दंगा करने वाले साजिशकर्ता हैं, जो देशभर में तमाम जगह शांति से बिल का विरोध करने बैठे लोगों को बदनाम करना चाहते हैं। 53 दिन से कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में धरना दे रही महिलाओं की संख्या और उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आई है। 9 फरवरी को पुलिस ने महिलाओं को पार्क से खदेड़ा तो महिलाएं चमनगंज सड़क रोककरबैठ गईं। मुख्य सड़क बंद होने से स्कूल, दुकानें और यातायात पूरी तरह ठप हुआ। पुलिस को मजबूरन पार्क में धरना देने की अनुमति देनी पड़ी। पुलिस ने 7 फरवरी को 80 लोगों को नोटिस जारी किया था जबकि 200 लोगों पर शांतिभंग की कार्रवाई की है।
#अलीगढ़: हिंसा की चपेट में आया धरना, इंटरनेट बंद करना पड़ा
अलीगढ़ में चल रहा प्रदर्शन कई बार हिंसक हुआ।
ईदगाह पर महिलाओं का धरना चल रहा है। बीते रविवार को महिलाओं ने ईदगाह से 1 किमी दूर कोतवाली के सामने धरना शुरू करने के लिए रास्ता बंद कर दिया, जिस पर पुलिस ने आपत्ति जताई। हालत बेकाबू होने लगे तो शहर काजी ने आकर मामला संभालना चाहा,लेकिन उसी बीच भीड़ से किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे हालात बिगड़ गए। युवक को गोली लगी, पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई गई, कई पुलिसवाले घायल हुए। प्रशासन को इंटरनेट भी बंद करना पड़ा। अलीगढ़ में ईदगाह से तकरीबन 5 किमी दूर अलग-अलग दिशाओं में दो धरने और चल रहे हैं, जिनमेंस्थानीय महिलाएं लगातार हिस्सा ले रहीहैं। इस धरना प्रदर्शन को लेकर पुलिस की तरफ से अब तक 6 एफआईआर की जा चुकी है, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है।
#मुरादाबाद: धरने में शामिल हुए इमरान प्रतापगढ़ी तो 1 करोड़ 4 लाख रु. का नोटिस
मुरादाबाद में धरना स्थल परटेंट से लेकर बिस्तर तक सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं।
29 जनवरी से ईदगाह मैदान पर धरना शुरू हुआ। खास बात यह है कि यहां तम्बू-कनात लगे हुए हैं, ओढ़ने-बिछाने के बिस्तरों का भी पूरा प्रबंध है। जबकि, लखनऊ की प्रदर्शनकारी महिलाएं इन व्यवस्थाओं के लिए संघर्ष कर रही हैं। मुरादाबाद में पुरुष भी धरने में शामिल हैं। उनके बैठने के लिए अलग व्यवस्था है। हर शुक्रवार को महिलाएं वहां पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराती हैं। मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े शायर इमरान प्रतापगढ़ी भी धरने में शामिल हुए थे। अब प्रशासन ने उन्हें नोटिस भेजकर 1 करोड़ 4 लाख रुपए के जुर्मानेका नोटिस भेजा है। यहां बैठी महिलाओं का कहना है- हम शाहीन बाग की तर्ज पर प्रदर्शन जरूर कर रहे हैं, लेकिन उनका हर फैसला मंजूर नहीं करेंगे। वह भले ही सीएए हटने से पहले उठ जाएं, लेकिन हम नहीं उठेंगे।
#सहारनपुर: 34 दिन में कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई
देवबंद में सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के साथ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है।
34 दिन पहले जमियत उलेमा-ए-हिन्द ने देवबंद के ईदगाह पर धरना शुरू किया था। बाद में धरने की कमान पुरुषों की जगह महिलाओं ने संभाल ली। अब यहां मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी का बैनर लगा हुआ है और उसी के अंतर्गत सारा धरना जारी है। धरने में शामिल फरहीन जहां कहती हैं कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना और धर्म के आधार पर नागरिकता न देना संविधान की हत्या जैसा है। इसे वापस लिया जाना ही चाहिए। अदीबा कहती हैं कि दिल्ली की हिंसा अफसोसजनक है। सदियों से भारत में हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई की तरह रहे हैं। ईद-होली साथ मनाई है। दिल्ली में हिंसा साजिश है। खास बात यह है कि सहारनपुर में चल रहे धरना-प्रदर्शन में अभी तक कोई पुलिसिया कार्रवाई नहीं हुई है।
#प्रयागराज: मंसूर अली पार्क की सीसीटीवी से हो रही निगरानी
धरना दे रही महिलाएं मंसूर अली पार्क में ही नमाज अदा करती हैं।
प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में 14 जनवरी से शुरू हुआ धरना आज भी जारी है। 18 जनवरी और 16 फरवरी को पुलिस महिलाओं को उठाने पहुंची, लेकिन उनके विरोध के कारण पुलिस को वापस लौटना पड़ा। बारिश का पानी पार्क में भरा, लेकिन महिलाओं ने हार नहीं मानी और धरने पर डटी रहीं। अब आन्दोलनरत महिलाओं ने आशंका के चलते पार्क के चारोंओर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। धरने में शामिल महिलाओं को आशंका है कि आंदोलन खत्म करने के लिए अराजकतत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए एक दर्जन से अधिक कैमरे पार्क के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं।
#आजमगढ़: 12 घंटे ही चला धरना, पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को भगाया
प्रियंका गांधी ने इस बच्ची को अपना मोबाइल नंबर देकर कहा था- जब भी डर लगे मुझे फोन करना।
आजमगढ़ के बिलिरियागंज कसबे में 4 फरवरी को महिलाएं सीएए के खिलाफ लामबंद हुईं। लेकिन,रात दो बजे पुलिस ने धरनास्थल जौहर अली पार्क में बैठी महिलाओं को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। पुलिस पर आरोप है कि लाठीचार्ज महिलाओं के ऊपर किया गया। तनाव बढ़ता देख इस मामले में पुलिस ने एक धर्मगुरु समेत 1 दर्जन लोगों को हिरासत में लिया। मामले की जानकारी हुई तो 12 फरवरी को पीड़ित महिलाओं से मिलने के लिए प्रियंका गांधी भी पहुंच गईं। उन्होंने कहा- आप सभी के साथ गलत किया गया है। हमें इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा। यह सरकार पूरी तरह से गरीबों के खिलाफ है। जिन लोगों पर अत्याचार हुआ है और जो लोग जेल में बंद हैं उनको न्याय दिलाने की कोशिश हर संभव की जाएगी। आजमगढ़ में अब धरना नहीं हो रहा है।
जम्मू से मोहित कंधारी. मोदी सरकार म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने की लगातार बात कर रही है, लेकिन जम्मू म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जेएमसी) में स्थानीय लोगों के मुकाबले ऐसे अवैध प्रवासियों को तरजीह मिल रही है। करीब 200 रोहिंग्या मुसलमान जम्मू म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में दिहाड़ी मजदूर हैं, जो नालियों की सफाई का काम करते हैं। इन्हें हर रोज 400 रुपए मिलते हैं। जबकि, इसी काम के लिए स्थानीय मजदूरों को 225 रुपए ही मिलते हैं। ठेकेदारों ने इन रोहिंग्याओं को लाने-ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्हीकल का इंतजाम भी किया है। काम पर जाने से पहले ये मजदूर स्थानीय जेएमसी सुपरवाइजर के ऑफिस में अटेंडेंस भी लगाते हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत में जेएमसी के सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रिंकू गिल बताते हैं, ‘‘जम्मू में नालों की सफाई के लिए ठेकेदारों के पास करीब 200 रोहिंग्या काम कर रहे हैं। स्थानीय भाषा में इन्हें "नाला गैंग' कहते हैं। इन्हें 3 से 5 फीट की गहरी नालियों की सफाई करनी होती है। इसके लिए हर व्यक्ति को रोज 400 रुपए दिए जाते हैं।’’रोहिंग्या पर सरकार के बयानों का जिक्र करते हुए गिल कहते हैं, "एक तरफ सरकार रोहिंग्याओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताती है। दूसरी ओर जेएमसी में स्थानीय लोगों की अनदेखी कर इन्हें रखा जा रहा है।’’स्थानीय मजदूरों के समर्थन पर गिल आगे कहते हैं "अगर ठेकेदार बाहरी लोगों को काम पर रख रहे हैं, तो सभी को समान मजदूरी दी जानी चाहिए। स्थानीय मजदूरों से डबल शिफ्ट में काम कराया जाता है, लेकिन उन्हें मजदूरी रोहिंग्याओं की तुलना में कम मिलती है।"
इस बारे में जब जेएमसी के मेयर चंदर मोहन गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा- जिस तरह से सरकार रोहिंग्या और अन्य सभी अवैध अप्रवासियों को बाहर करना चाहती है, उसी तरह से हम भी जम्मू से इन्हें बाहर कर रहे हैं। गुप्ता दावा करते हैं कि जेएमसी में किसी भी रोहिंग्या को काम पर नहीं रखा गया है। वे कहते हैं कि हम मजदूरों-कर्मियों की जांच करते हैं और यहां तक कि जेएमसी से जुड़े एनजीओ भी मजदूरों का रिकॉर्ड रखते हैं।
देशभर में 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या
हजारों की संख्या में रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग क्षेत्रों में अपने शिविर बनाकर रह रहे हैं। ये बिना किसी रोकटोक के आर्मी कैम्प, पुलिस लाइन या रेलवे लाइन्स के नजदीक अपने तम्बू लगाते जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, देशभर में 40 हजार से ज्यादा रोहिंग्या रह रहे हैं, इनका एक चौथाई हिस्सा यानी 10 हजार से ज्यादा अकेले जम्मू और इससे सटे साम्बा,पुंछ, डोटा और अनंतनाग जिले में हैं। पिछले एक दशक में म्यांमार से बांग्लादेश होते हुए ये रोहिंग्या जम्मू को अपना दूसरा घर बना चुके हैं।
गृह विभाग ने रोहिंग्याओं पर जारी रिपोर्टकी थी
2 फरवरी 2018 को राज्य विधानसभा में पेश हुई जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 5 जिलों के 39 अलग-अलग स्थानों पर रोहिंग्याओं के तम्बू मिले थे। इनमें 6,523 रोहिंग्या पाए गए थे। इनमें से 6,461 जम्मू में और 62 कश्मीर में थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू के बाहरी इलाके सुंजवान क्षेत्र में मिलिट्री स्टेशन के पास भी रोहिंग्याओं के तम्बू थे। इनमें 48 रोहिंग्या परिवारों के 206 सदस्य पाए गए। 10 फरवरी, 2018 को जब आतंकवादियों ने सेना के सुंजवान कैम्प पर हमला किया, तब सुरक्षा बलों ने गंभीर चिंता जताई थी कि इन आतंकवादियों को अवैध प्रवासियों ने शरण दी होगी। हालांकि, सबूत नहीं मिले और किसी भी अवैध अप्रवासी की जांच नहीं की गई। गृह विभाग की रिपोर्ट बताती है कि 150 परिवारों के 734 रोहिंग्या जम्मू के चन्नी हिम्मत क्षेत्र में पुलिस लाइन्स के सामने अस्थायी शेड बनाकर रह रहे हैं। नगरोटा में सेना के 16 कोर मुख्यालय के आसपास भी कम से कम 40 रोहिंग्या रह रहे हैं। जम्मू के नरवाल इलाके में एक कब्रिस्तान में भी 250 रोहिंग्या रह रहे हैं। इनकी संख्या धीरे-धीरे इस क्षेत्र में बढ़ती ही जा रही है।
रोहिंग्याओं की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा: दावा
स्थानीय लोग रोहिंग्याओं को वापस भेजने की मांग लगातार कर रहे हैं। इनका कहना है कि रोहिंग्याओं की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। इनका बायो मैट्रिक्स डेटा भी अब तक नहीं लिया गया है। पिछले साल रोहिंग्याओं की वास्तविक संख्या का डेटा जुटाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया था। केंद्र सरकार के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य रोहिंग्याओं को उनके देश वापस भेजने के लिए उनका बायोमैट्रिक्स डेटा लेना था। यह डेटा जुटाने के दौरान पुलिसकर्मियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें इन रोहिंग्याओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
सीवरेज लाइन बिछाने का काम करते हैं रोहिंग्या
ज्यादातर रोहिंग्या कचरा बीनने और साफ-सफाई के काम करते हैं। ठेकेदार इन्हें केबल और सीवरेज लाइन बिछाने के लिए मजदूरी पर रखते हैं। महिलाएं फैक्ट्रियों में काम करती हैं। भटिंडी क्षेत्र में इनका अपना बाजार है। यहां युवा एक साथ बैठे अपने मोबाइल फोन पर गेम खेलते और टीवी देखते देखे जाते हैं। युवा यहां इलेक्ट्रॉनिक सामान और मोबाइल फोन सुधारने की दुकानें भी चलाते हैं। कुछ रोहिंग्या सब्जी के ठेले और मांस की दुकानें लगाते हैं। इनके शिविरों में मस्जिदें भी हैं और कश्मीरी एनजीओ द्वारा संचालित स्कूल भी खुले हुए हैं। बच्चे सरकारी स्कूलों और स्थानीय मदरसे में भी पढ़ते हैं।
जम्मू में रोहिंग्या दिहाड़ी मजदूर साफ-सफाई के अलावा केबल और सीवरेज लाइन बिछाने का काम भी करते हैं।
केन्द्रीय मंत्री रोहिंग्याओं को बाहर करने के बयान देते रहे हैं
मोदी सरकार में कई सीनियर मंत्री यह दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार देश के कोने-कोने से अवैध घुसपैठियों की पहचान कर अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक,उन्हें वापस उनके देश भेजेगी। गृह मंत्री अमित शाह इस मामले में सबसे आगे रहे हैं। पिछले साल उन्होंने चुनावी रैलियों में घुसपैठियों को बाहर करने की बात लगातार कही। संसद में भी वे इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार का रुख साफ कर चुके हैं। 17 जुलाई, 2019 को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा था कि यह एनआरसी था, जिसके आधार पर भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आई है। शाह ने कहा था, "असम में हुई एनआरसी की कवायद असम समझौते का हिस्सा है और देशभर में एनआरसी लाना यह लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र में शामिल था। इसी आधार पर हम चुनकर दोबारा सत्ता में आए हैं। सरकार देश के एक-एक इंच से घुसपैठियों की पहचान करेगी और अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक उन्हें बाहर करेगी।"
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर 22 दिसंबर को हुई रैली में कहा था, ‘‘हमारी सरकार बनने के बाद से आज तक एनआरसी शब्द की कभी चर्चा तक नहीं हुई। असम में भी हमने एनआरसी लागू नहीं किया था, जो भी हुआ वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ।’’ केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 3 जनवरी को दिए बयान में कहा था, ‘‘नागरिकता संशोधन कानून से रोहिंग्याओं को किसी तरह का फायदा नहीं होगा। वे किसी भी तरह से भारत केनागरिक नहीं हो सकते। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले हर रोहिंग्या को वापस जाना ही होगा।’’
वुहान से दैनिक भास्कर के लिए सुसान हान. कोरानावायरस चीन में भयावह रुख अख्तियार कर चुका है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने शनिवार को बताया कि कोरोनावायरस से जूझ रहे मरीजों की संख्या 79,521 पहुंच गई है। देशभर में 427 नए केस सामने आए हैं। शुक्रवार को 47 और लोगों की इस बीमारी से मौत हो गई। इनमें से 45 मौतें हुबेई प्रांत में हुई हैं। इसके साथ ही मौतों का कुल आंकड़ा 2,835 पहुंच गया है। 2,885 लोगों की अस्पताल से छुट्टी की गई है। हुबेई प्रांत की आबादी 5.5 करोड़ है। वहीं, जिस वुहान से कोरोनावायरस शुरू हुआ था, वहां की आबादी 1 करोड़ के आसपास है।
कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा चीन का हुबेई प्रांत प्रभावित है। यहां सरकार ने स्थानीय स्तर पर लोगों को 3 ग्रुप में बांट रखा है। पहले ग्रुप में वे परिवार रखे गए हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है। दूसरे में वे लोग हैं, जो बीच की स्थिति में हैं और तीसरे ग्रुप में ऐसे लोग हैं, जिन्हें सबसे कम खतरा है। इनके ट्रेवल, रहने की जगह, संपर्क और सेहत की स्थिति की पूरी निगरानी सरकार कर रही है। इन ग्रुप पर नियंत्रण रखने के लिए प्रशासन कई तरह के तरीके अपना रहा है।
वुहान चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी है, कोरोनावायरस सबसे पहले यहीं से शुरू हुआ और वायरस से सबसे ज्यादा यही शहर प्रभावित है। यहां के लोगों को कहीं भी आने-जाने पर रोक है। उन शहरों में जहां पर रोक नहीं है, वहां हर नागरिक को कहीं से आने के बाद 14 दिन तक अन्य लोगों से अलग रखा जा रहा है।
एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, स्कूल...सब बंद
क्लीनिक और अस्पतालों में बुखार पीड़ित मरीजों की लगातार जांच-पड़ताल हो रही है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को फौरन भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। स्थानीय लोग घरों में बंद होकर रह गए हैं। वुहान में सरकार ने सभी तरह के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बंद किया हुआ है। इनमें सिटी बसें, फेरी सेवा और मेट्रो शामिल हैं। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन बंद हैं। स्कूलों में स्प्रिंग सेमेस्टर की पढ़ाई को इस महामारी पर काबू पाने तक स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, हुबेई प्रांत के हाई स्कूलों और मिडिल स्कूलों के सीनियर स्टूडेंट्स को स्प्रिंग सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए अलग-अलग समय चुनने के लिए कहा गया है। वहीं, मार्केट्स, शॉपिंग मॉल्स और होटलों में ज्यादा लोगों के आने पर रोक लगी हुई है। जिम, कॉन्फ्रेंस हाॅल और एग्जिबिशन सेंटर को अस्थाई अस्पतालों में बदल दिया गया है। इनमें उन मरीजों की देखरेख की जा रही है, जिनमें कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
देशभर से 41,600 स्वास्थ्यकर्मी हुबेई प्रांत भेजे गए हैं
कारखानों में बहुत तेजी के साथ जरूरी मास्क, मेडिकल सुरक्षा के सूट और अन्य सामान तैयार किया जा रहे हैं। डॉक्टर इस बीमारी के इलाज के लिए जरूरी दवा, थेरैपी और वैक्सीन बनाने के लिए ताबड़तोड़ मेहनत कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी लोगों के प्रयासों से इस बीमारी को फैलने से रोकने में मदद मिली है। पूरे देश में कोरोनावायरस को रोकने के लिए एक साथ कई और कदम उठाए गए हैं। देश भर से 330 से मेडिकल टीमों को हुबेई में भेजा गया है, इनमें मिलिट्री और सिविल डिपार्टमेंट के 41,600 कर्मी शामिल हैं।
कम्युनिटी सर्विस, सोशल मीडिया मैसेज और फोन कॉल के जरिए घर पहुंच रहा रोजमर्रा का सामान
हुबेई प्रांत की सरकार लोगों को आधुनिक सूचना तकनीक अपनाने के लिए उनका हौसला बढ़ाने में जुटी है। इसके तहत लोगों को रोजमर्रा के जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए लोकल कम्युनिटी ने शॉपिंग सर्विस शुरू की है। इसके लिए स्थानीय नागरिकाें को सिर्फ इस सर्विस के वीचैट ग्रुप में मैसेज भेजने और कॉल करने की जरूरत होती है। कम्युनिटी सर्विस का स्टाफ दो सुपर मार्केट्स से लोगों को उनके घर जाकर सामान उपलब्ध करवाने का काम कर रहाहै।
सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए रिकॉर्ड समय में अस्पताल बनाए
कोरोना के पनपने के साथ ही स्थिति पर काबू पाने के लिए हुबेई प्रांत में काफी कम समय में सरकार द्वारा मेडिकल टीमें, सप्लाई, डोनेशन और फंड की व्यवस्था कर दी गई थी। पूरे देश से हजारों की संख्या में स्वास्थ्यकर्मी इस लड़ाई के खिलाफ लड़ रहे हैं। एक साथ हजारों मरीजों का इलाज हो सके, इसलिए रिकॉर्ड समय में अस्पताल बनाए गए हैं। चीन सरकार भी इस पूरे मसले पर बहुत ही साफगोई तरीके से काम कर रही है। सरकार की ओर से रोजाना प्रेस ब्रीफिंग और अन्य देशों की सरकारों के साथ जानकारी साझा की जा रही है।
खेल डेस्क. सितंबर में होने वाले एशिया कप का आयोजन अब पाकिस्तान की बजाए दुबई में होगा। बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने यह जानकारी दी। गांगुली के मुताबिक, दुबई में होने वाले टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान दोनों हिस्सा लेंगे। पहले इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान को सौंपी गई थी। भारत की आपत्ति के बाद इस अब दुबई शिफ्ट किया गया है। गांगुली ने यह जानकारीशुक्रवार शाम दुबई रवाना होने के पहले दी। वहां वेएशियन क्रिकेट काउंसिल की बैठक के लिए गए हैं।
बीसीसीआई ने कहा था- हमारी टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी
पाकिस्तान को पिछले साल एशिया कप की मेजबानी सौंपी गई थी। करीब एक महीने पहले बीसीसीआई ने साफ कर दिया था कि दोनों मुल्कों के तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी। बीते दिनों पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ वसीम खान ने भी संकेत दिए थे कि एशिया कप का आयोजन न्यूट्रल वेन्यू पर किया जा सकता है। इसके बाद दुबई को मेजबानी सौंपी गई। इसमें भारत-पाकिस्तान की टीमें भी हिस्सा लेंगी।
7 साल से नहीं हुई दोनों देशों की क्रिकेट सीरीज
भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी सीरीज 2012-13 में हुई थी। तब पाकिस्तान टीम तीन वनडे मैच खेलने भारत आई थी। भारतीय टीम ने 2007-08 में आखिरी बार पाकिस्तान का दौरा किया था। आईसीसी के टूर्नामेंट्स में दोनों टीमें आमने-सामने होती रही हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर दबाव था कि वो एशिया कप की मेजबानी के लिए न्यूट्रल वेन्यू पर राजी हो जाए।
भारत ने सात बार जीता एशिया कप
1984 में पहला एशिया कप यूएई में खेला गया था। हर दो साल में इसका आयोजन किया जाता है। पिछला यानी 2018 का एशिया कप भी यूएई में ही खेला गया था। टीम इंडिया ने अब तक 7 बार यह टूर्नामेंट अपने नाम किया है। 5 बार श्रीलंका जीता। पाकिस्तान 2 बार विजेता बना। बांग्लादेश टीम अब तक यह ट्रॉफी नहीं जीत पाई है।
बीजिंग/मॉस्को/रोम. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन से बाहर बीते 24 घंटे में कोरोनावायरस के 1027 नए मामले दर्ज किए हैं। इसी के साथ चीन के बाहर कुल 4691 केस हो गए हैं और वायरस से मरने वालों की संख्या 67 पहुंच गई है। कोरोनावायरस अब तक 51 देशों में पहुंच चुका है। वहीं, चीन में मरने वालों का आंकड़ा 2835 तक पहुंच चुका है और 79 हजार 251 मामलों की पुष्टि हुई है।
कोरोनावायरस से चीन के बाद सबसे ज्यादा दक्षिण कोरिया प्रभावित है। यहां अब तक 2931 संक्रमित पाए गए हैं। देश में दाएगू वायरस का प्रमुख केंद्र है। 90% से ज्यादा नए मामले यहीं पाए गए हैं। दाएगू में तीन महिलाओं की वायरस से मौत हो चुकी है। देश में अब तक 16 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, अफसरों का कहना है कि जिस तरह चीन के वुहान को लॉकडाउन किया गया है, उस तरह दाएगू को अन्य शहरों से अलग-थलग नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री चुंग से-क्युन ने अपील की है कि दाएगू में आउटडोर मीटिंग या इंडोर धार्मिक कार्यक्रमों से बचें।
इटली न जाने को लेकर एडवायजरी
अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को एडवायजरी जारी कर कहा कि जरूरी न हो तो लोग इटली की यात्रा न करें। वहां कोरोनावायरस प्रभावित इलाकों में सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं। इटली में जर्मनी के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमेरिका के ही आते हैं। 2018 में इटली में 56 लाख अमेरिकी पर्यटक पहुंचे थे।
वहीं, इटली ने भी अपने लोगों से देश से बाहर न जाने के लिए कहा है। देश के उत्तरी इलाके के करीब 12 शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया है। इटली में अब तक कोरोनावायरस के 650 मामले सामने आ चुके हैं और 16 मौतें हो गईं।
केरल के 10 हजार हज यात्री सऊदी से वीजा मिलने का इंतजार में
कोरोनावायरस के खतरे के चलते सऊदी अरब ने उमरा के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वीजा अनिश्चितकाल के रद्द कर दिया है। केरल की हज कमेटी के चेयरमैन सी मुहम्मद फैजी ने बताया कि इस साल 10 हजार से ज्यादा लोगों को हज पर जाने की अनुमति मिल गई है। हमें उम्मीद है कि सऊदी सरकार तीर्थयात्रा के लिए ट्रैवल बैन हटा लेगी। इस साल रमजान के बाद जून से अगस्त के बीच हज के लिए तीर्थयात्री जा सकते हैं।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सुक्कर शहर के करीब शुक्रवार रात ट्रेन और बस की टक्कर में 20 लोगों की मौत हो गई। 50घायल हैं। घटना की वजह क्रॉसिंग पर गेट न होना बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर है। सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।
पंजाब जा रही थी बस
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बस पंजाब जा रही थी। सुक्कर के बाहरी इलाके रोहिरी के करीब एक रेलवे क्रॉसिंग है। इस पर गेट नहीं हैं। इतना ही नहीं, यहां कोई सुरक्षाकर्मी भी तैनात नहीं था। बस ड्राइवर ने क्रॉसिंग से निकलने की कोशिश की। इसी दौरान तेज रफ्तार पाकिस्तान एक्सप्रेस ट्रेन से उसकी टक्कर हो गई। मौके पर ही 20 लोगों की मौत हो गई।
ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर
‘डॉन’ न्यूज से बातचीत में सुक्कर पुलिस के एआईजी जामिल अहमद ने कहा, “मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर है। यह भयानक दुर्घटना है। ट्रेन बस को करीब 200 फीट तक घसीटकर ले गई।” पाकिस्तान एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची के बीच चलती है। सुक्कर के कमिश्नर शफीक अहमद ने बताया, “जिम्मेदार अफसरों को घटनास्थल पर भेजा गया है। क्रॉसिंग पर गेट नहीं था।”
सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने सभी अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी है। रेलवे ने कहा कि ट्रेन का इंजिन क्षतिग्रस्त हुआ है। ट्रेन के किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ। पाकिस्तान में कुल 2470 ऐसी क्रॉसिंग हैं, जहां गेट नहीं हैं। इन पर कई हादसे हो चुके हैं।
खेल डेस्क.महिला टी-20 वर्ल्ड कप में आज भारत और श्रीलंका के बीच ग्रुप मुकाबला खेला जा रहा है। मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। टीम की हंसिमा करुणारत्नेक्रीज पर हैं।उमेशा तिमाशिनी 2 रन बनाकर आउट हुईं। दीप्ति शर्मा की गेंद पर उनका कैच राजेश्वरी गायकवाड़ ने लिया। भारतीय टीम तीनों मुकाबले जीतकर पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है। दूसरी ओर श्रीलंका की टीम दोनों मैच हारकर सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो चुकी है।
भारत ने पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 17 और फिर बांग्लादेश को 18 रन से हराया था। जबकि तीसरे मैच में न्यूजीलैंड को 3 रन से शिकस्त दी।
In their final group-stage game of the #T20WorldCup , #TeamIndia 🇮🇳🇮🇳 will bowl first against Sri Lanka.
दोनों के बीच अब तक खेले गए 17 में से 13 टी-20 भारतीय टीम ने जबकि 3 श्रीलंका ने जीते हैं। टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ पिछले 9 मैच से अजेय है। वर्ल्ड कप में दोनों के बीच चार मैच हुए हैं। भारत ने तीन जबकि श्रीलंका ने एक मैच जीता है। टूर्नामेंट में दोनों के बीच 6 साल बाद कोई मुकाबला होने जा रहा है।
टीम की ओर से बल्लेबाजी की बात की जाए तो ओपनर स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज तीनों मैच में बिखर गए। ऐसे में सेमीफाइनल मुकाबले से पहले इन खिलाड़ियों के पास लय हासिल करने का अंतिम मौका है। ओपनर शेफाली वर्मा ने तीनों मैच में अच्छी शुरुआत की है। लेग स्पिनर पूनम यादव 8 विकेट लेकर टॉप पर चल रही हैं। दूसरी ओर श्रीलंका 2014 वर्ल्ड कप के प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी। टीम ने तब भारतीय टीम को 22 रन से हराया था। कप्तान चमारी अटापट्टू पर सबसे ज्यादा निगाहें होंगी।
हरमनप्रीत तीन मैचों में दहाई का आंकड़ा नहीं छू सकीं
हरमनप्रीत का इस टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन जारी है। तीन मैच में वे दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकीं। पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 2 रन बनाए थे। इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ 8 और अब न्यूजीलैंड के खिलाफ 1 रन पर पवेलियन लौट गईं।
खेल डेस्क.महिला टी-20 वर्ल्ड कप में आज भारत और श्रीलंका के बीच ग्रुप मुकाबला खेला जा रहा है। मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। टीम की चमारी अटापट्टू और हर्षिता मादवीक्रीज पर हैं। उमेशा तिमाशिनी 2 रन बनाकर आउट हुईं। दीप्ति शर्मा की गेंद पर उनका कैच राजेश्वरी गायकवाड़ ने लिया। भारतीय टीम तीनों मुकाबले जीतकर पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है। दूसरी ओर श्रीलंका की टीम दोनों मैच हारकर सेमीफाइनल की रेस से बाहर हो चुकी है।
भारत ने पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 17 और फिर बांग्लादेश को 18 रन से हराया था। जबकि तीसरे मैच में न्यूजीलैंड को 3 रन से शिकस्त दी।
In their final group-stage game of the #T20WorldCup , #TeamIndia 🇮🇳🇮🇳 will bowl first against Sri Lanka.
दोनों के बीच अब तक खेले गए 17 में से 13 टी-20 भारतीय टीम ने जबकि 3 श्रीलंका ने जीते हैं। टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ पिछले 9 मैच से अजेय है। वर्ल्ड कप में दोनों के बीच चार मैच हुए हैं। भारत ने तीन जबकि श्रीलंका ने एक मैच जीता है। टूर्नामेंट में दोनों के बीच 6 साल बाद कोई मुकाबला होने जा रहा है।
टीम की ओर से बल्लेबाजी की बात की जाए तो ओपनर स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज तीनों मैच में बिखर गए। ऐसे में सेमीफाइनल मुकाबले से पहले इन खिलाड़ियों के पास लय हासिल करने का अंतिम मौका है। ओपनर शेफाली वर्मा ने तीनों मैच में अच्छी शुरुआत की है। लेग स्पिनर पूनम यादव 8 विकेट लेकर टॉप पर चल रही हैं। दूसरी ओर श्रीलंका 2014 वर्ल्ड कप के प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी। टीम ने तब भारतीय टीम को 22 रन से हराया था। कप्तान चमारी अटापट्टू पर सबसे ज्यादा निगाहें होंगी।
हरमनप्रीत तीन मैचों में दहाई का आंकड़ा नहीं छू सकीं
हरमनप्रीत का इस टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन जारी है। तीन मैच में वे दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकीं। पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 2 रन बनाए थे। इसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ 8 और अब न्यूजीलैंड के खिलाफ 1 रन पर पवेलियन लौट गईं।
वॉशिंगटन/काबुल.अमेरिका और अफगानिस्तान के आतंकी गुट तालिबान के बीच शनिवार को कतर में शांति समझौैते पर हस्ताक्षर होंगे। इस दौरान भारत समेत 30 देशों के राजदूतों को दोहा आने का न्यौता भेजा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को बताया कि विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तालिबान के साथ डील साइन करेंगे। तभी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अफगानिस्तान सरकार के साथ बिना कोई विस्तार के संयुक्त बयान जारी करेंगे। इस समझौते से 18 साल बाद अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के आसार हैं।
व्हाइट हाउस ने ट्रम्प का बयान जारी किया, “अगर अफगानिस्तान और तालिबान की सरकार इन प्रतिबद्धताओं पर खरी उतरती है, तो हमारे पास अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने और अपने सैनिकों को घर लाने के लिए रास्ता होगा।” उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों से शांति और बेहतर भविष्य के लिए इस मौके को भुनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह आखिरकार अफगानिस्तान के लोगों पर निर्भर करेगा कि वे अपना काम कैसे करेंगे।
अमेरिका की ओर से पहली बार तालिबान से जुड़े किसी मामले में भारत को आधिकारिक तौर पर न्यौता दिया गया है। समझौते के दौरान कतर में भारतीय राजदूत पी कुमारन मौजूद रहेंगे।
तालिबान ने 5 हजार लोगों की रिहाई की मांग की- रिपोर्ट
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में स्थाई युद्धविराम के लिए अमेरिकी, तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच लंबे वक्त से चर्चा हो रही थी। तालिबान ने समझौते में अपने 5 हजार लोगों की जेल से रिहाई की मांग भी की है। समझौते के बाद 10-15 दिन के भीतर फिर से सभी प्रतिनिधियों की बैठक होगी। इसमें युद्ध के बाद महिला और अल्पसंख्यकों को लेकर योजनाओं और इलाके के विकास पर चर्चा होगी।
प्रयागराज/चित्रकूट. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के दो जिलों के दौरे पर हैं। प्रयागराज में होने वाले दिव्यांग महाकुंभ में प्रधानमंत्री एक साथ 26,791 दिव्यांगों औरबुजुर्गों को उपकरण बांटेंगे। सरकार का दावा है- उपकरण वितरण के दौरान 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री चित्रकूट जाएंगे,जहां 297 किमीलंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे। चित्रकूट से ही पूरे देश में 10,000 किसान उत्पादक संगठन भी शुरू करेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद दोनों जिलों में मोदी का यह पहला दौरा है।
सरकार का दावा- यह 6 रिकॉर्ड बनेंगे
360 से ज्यादा लाभार्थी एक साथ व्हीलचेयर चलाएंगे। सरकार का दावा है- अमेरिका का रिकॉर्ड टूटेगा।
विश्व की सबसे लंबी ट्राई साइकिल की परेड होगी,जिसमें 295 लाभार्थी शामिल हैं।इसका कोई वर्तमान रिकॉर्ड नहीं है।
वॉकर्स की सबसे लंबी परेड होगी। इसका कोई वर्तमान रिकॉर्ड नहीं है।
8 घंटे में सर्वाधिक 4900 से ज्यादा कान की मशीन फिट करने का रिकॉर्ड। ये रिकॉर्ड वर्तमान में स्टारकी फाउंडेशन के नाम है।
2000 लाभार्थियों को सांकेतिक भाषा पाठ करने के उपकरण वितरण का रिकॉर्ड।
12 घंटे में सर्वाधिक ट्राई साइकिल वितरण करने का रिकॉर्ड भीमोदी की मौजूदगी में बनेगा।
सालभर में 11 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का मिलेगा गौरव
शनिवार को प्रयागराज को एक साल के भीतर 11 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का गौरव मिलेगा। इससे पहले तीन विश्व रिकार्ड पिछले वर्ष कुंभ मेले के दौरान बन चुके हैं। कुंभ मेले के दौरान सर्वाधिक शटल बसों का संचालन, स्वच्छता और वॉल पेंटिंग का विश्व रिकॉर्ड बना था। उसके बाद पौधा वितरण और डीपीएस स्कूल में एक साथ प्रैक्टिकल देने का कीर्तिमान बना था।
1500 बसों से लाए गए दिव्यांगजन
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया- ‘‘प्रयागराज में पीएम का कार्यक्रम परेड ग्राउंड में है। अलग-अलग जगहों से 1500 से अधिक बसों से दिव्यांगजनों और बुजुर्गों को लाया गया है। उपकरण मुहैय्या कराने की जिम्मेदारी एलिम्को को मिली है। परंपरागत उपकरणों के अलावा एलिम्को इस बार 19 प्रकार के अतिरिक्त उपकरण भी वितरित कर रहा है। व्हीलचेयर में कमोड, स्टिक में सीट, फुटकेयर किट शामिल हैं।
कार्यक्रम स्थल पॉलिथीनमुक्त रहेगा
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में 6 आईपीएस अफसर, 15 एएसपी, 30 डिप्टी एसपी, 100 इंस्पेक्टर और 200 से ज्यादा सब इंस्पेक्टर, ढाई हजार सिपाहियों के अलावा दो बम डिस्पोजल स्क्वॉड और छह एंटी सबोटाज चैक टीम तैनात होगी। 10 हजार से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कार्यक्रम स्थल को पॉलिथीनमुक्त जोन घोषित किया गया है।
15 हजार करोड़ की लागत से बनेगा एक्सप्रेस वे
मोदी आज चित्रकूट में गोंडा गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे। ये एक्सप्रेस वे चार लेन का होगा, जिसका विस्तार छह लेन तक किया जा सकता है। एक्सप्रेस वे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, उरई और इटावा जिले से होकर गुजरते हुए आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। 6 पैकेज में बनने वाले एक्सप्रेस वे की लागत करीब 15 हजार करोड़ रुपए आएगी। तीन साल में ये बनकर तैयार होगा। इसके किनारे डिफेंस कॉरिडोर भी विकसित होगा। डिफेंस कॉरिडोर के लिए यूपीडा ने जमीन भी अधिग्रहीत कर ली है। इस पर चार रेल पुल, 15 बड़े पुल, 268 छोटे पुल, छह टोल प्लाजा, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास बनेगा।
मुंबई (विंदू गोयल/सलमान मसूद).सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक, ट्विटर और गूगल कमेत कई कंपनियों ने पाकिस्तान के डिजिटल सेंसरशिप कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इनके ग्रुप एशिया इंटरनेट कोएलिशन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को सख्त लहजे में चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर इस कानून में संशोधन नहीं किया गया तो वे पाकिस्तान में सेवाएं नहीं देंगे। इनका कहना है कि कानून बनाते वक्त लोगों और विशेषज्ञों से नहीं पूछा गया। कई प्रावधान ऐसे हैं, कि कोई व्यक्ति किसी भी कंटेंट को आपत्तिजनक मान सकता है।
इन कंपनियों को ऐसा कंटेंट 24 घंटों में हटाना होगा। इमरजेंसी में यह सीमा 6 घंटे की होगी। आतंकवाद, अभद्र भाषा, मानहानि, फेक न्यूज, हिंसा के लिए उकसाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कंपनियों को नेशनल कॉर्डिनेटर के निर्देश मानने होंगे। सब्सक्राइबर, ट्रैफिक, कंटेंट और अकाउंट से जुड़ी जानकारी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करनी होगी।
कोई भी व्यक्ति, नाबालिग के पैरेंट्स, मंत्रालय, सरकारी कंपनी या खुफिया एजेंसी आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत कर सकेंगे। उनका नाम गुप्त रखा जाएगा। कंपनी कानून का उल्लंघन करती है, तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसके खिलाफ वे विशेष कमेटी के सामने दो हफ्ते के भीतर अपील कर सकेंगी।
कंपनियों ने लिखा है- ये नियम अस्पष्ट और मनमाने हैं। ये पाक के 7 करोड़ इंटरनेट यूजर्स की गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का का उल्लंघन है। इन पर फिर से चर्चा नहीं हुई तो पाक से कारोबार समेटने पर विचार करना पड़ेगा।
नियमों के उल्लंघन पर 50 करोड़ का जुर्माना भी लगेगा
नए कानून में यह भी शामिल है- कंपनियों को 3 महीने में इस्लामाबाद में स्थायी दफ्तर खोलना होगा। लोकल सर्वर, कहे जाने पर विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों के अकाउंट बंद करने, धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता का ध्यान रखना होगा। कानून तोड़ने पर 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना चुकाना होगा।
from Dainik Bhaskar /national/news/google-twitter-and-facebook-open-front-against-censorship-in-pakistan-letter-to-imran-if-the-same-situation-prevails-we-will-leave-the-country-126866168.html
राजकोट.गुजरात के राजकोट में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। ठेबचडा गांव के पास बुधवार11 बजे करीब 20 लड़के क्रिकेट खेलकर जा रहे थे, तभी उन्हें बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने नजरें दौड़ाई तो एक कुत्ता बच्ची को मुंह में लेकर जा रहा था। लड़कों ने बिना देरकिए तुरंत पत्थर मारे तो कुत्ता बच्ची को छोड़कर भाग गया। बच्ची अस्पताल में भर्ती है। जांच में स्पष्ट हुआ कि उसकी मां ने जन्म के दूसरे दिन में ही बच्ची को छोड़ दिया। बच्ची के पेट में 15 से 20 गहरे घाव हो गए।
नवजात के साथ ऐसा बर्ताव क्यों, पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट होगा
कहा जाता है कि ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसलिए मां को बनाया गया है,लेकिन राजकोट में एक दिन की बच्ची के साथ हुई घटना समाज की चेतना का दिल दहला सकती है। किस हालात में मां ने इस बच्ची को छोड़ा होगा। यह पुलिस जांच में स्पष्ट होगा।
नई दिल्ली. राजधानीदिल्ली में 4 दिन तक चले सांप्रदायिक दंगे में अब तक 38 लोगों की जान जा चुकी है। 364 से ज्यादा लोग घायल हैं। मौतों की संख्या के लिहाज से यह 18 साल में देश का तीसरा सबसे बड़ा दंगा है।2005 में यूपी के मऊ जिले में रामलीला कार्यक्रम में मुस्लिम पक्ष ने हमला कर दिया था। इसके बाद जिले में हुए दंगे में दोनों पक्षों के 14 लोगों की जान चली गई थी। 2006 में गुजरात के वडोदरा में प्रशासन द्वारा एक दरगाह को हटाने को लेकर हुए दंगे में 8 लोगों की मौत हुई थी। 2013में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लड़की से छेड़छाड़ को लेकर हुए दो पक्षों के विवाद ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया। इसके बाद पश्चिमी यूपी के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसा में 62 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। 18 साल पहले 2002 में गुजरात दंगों के दौरान 2000 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
सरकारी आंकड़े: 2014 से 2017 तक देश में 2920 दंगे हुए, 389 मौतें हुईं
भारत में 2014, 2015, 2016, 2017 में कुल 2920 सांप्रदायिक दंगे हुए, इनमें 389 लोगों की मौत हुई,जबकि 8,890 लोग घायल हुए। यह जानकारी गृह मंत्रालय की ओर से फरवरी 2018 में दी गई थी। इन चार सालों में सबसे ज्यादा 645 दंगे यूपी में हुए, दूसरे नंबर पर 379 दंगे कर्नाटक में हुए, महाराष्ट्र में 316 हुए। 2017 की नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार साल में देश में सांप्रदायिक दंगों में कमी आई है।
2004 से 2017 के बीच देश में 10399 दंगे हुए, 1605 लोगों की जान गई
एक आरटीआई केजवाब में गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि 2004 से 2017 के बीच 10399 सांप्रदायिक दंगे (छोटे-बड़े) हुए। इन दंगों में 1605 लोगों की जान गई, 30723 लोग घायल हुए। सबसे ज्यादा 943 दंगे 2008 में हुए। इसी साल दंगों में सबसे ज्यादा 167 जानें भी गईं, 2354 लोग घायल हुए। सबसे कम 2011 में 580 दंगे हुए। इस साल 91 लोगों की जान गई थी।